भोपाल August 13, 2008! मध्य प्रदेश में मानसून की बारिश अच्छी रहने के कारण इस साल खरीफ की फसल के अच्छा रहने का अनुमान है। राज्य सरकार को उम्मीद है कि इस साल सोयाबीन की बंपर 53 लाख टन पैदावार होगी।
दूसरी ओर इंदौर स्थित भारतीय सोयाबीन उत्पादक संघ (सोपा) का कहना है कि इस सााल उपज बढ़कर 60 लाख टन तक जा सकती है। मध्य प्रदेश में इस साल सोयाबीन का रकबा 52 लाख हेक्टेयर रहा है।
इस साल बाजार में सोयाबीन के भाव 2700 रुपये प्रति क्विंटल तक जा पहुंचे थे। इस कारण किसानों ने अधिक क्षेत्रफल पर सोयाबीन की खेती की और फसल का रकबा 45 लाख टन से बढ़कर 53 लाख टन तक जा पहुंचा। इसी तरह 13.85 लाख हेक्टेयर क्षेत्र पर धान की खेती पूरी हो चुकी है। यह आंकड़ा बीते वर्ष के मुकाबले दोगुने से अधिक है।
राज्य कृषि विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि, ' इस साल दलहन का रकबा 13 प्रतिशत बढ़ा है जबकि पिछले साल के मुकाबले 15 प्रतिशत अधिक क्षेत्रफल पर तिलहन की खेती की गई है।' कपाास का रकबा भी 11 प्रतिशत बढ़कर 5.72 लाख हेक्टेयर जा पहुंचा है।
जुलाई माह के दौरान बादलों के मुंह फेरे रहने के बाद अगस्त के पहले सप्ताह के दौरान 16 जिलों में अत्यधिक बारिश देखने को मिली। इसके अलावा 19 जिलों में सामान्य और 15 जिलों में सामान्य से कम बारिश हुई है। सोपा के प्रवक्ता राजेश अग्रवाल ने बताया कि 'सभी इलाकों में बुआई लगभग पूरी हो चुकी है और पहले फसल अनुमानों के लिए हम सर्वे करा रहे हैं।'
सोपा एक स्वतंत्र निकाय है तो भारत में सोयाबीन की खेती और पैदावार का सर्वे करता है। इस साल खरीफ की बुवाई बीते साल के मुकाबले काफी अधिक है लेकिन यह इस साल के लिए 105.40 लाख हेक्टेयर के लक्ष्य के मुकाबले काफी कम है। इस साल अभी तक 103.06 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल पर बुवाई पूरी हो चुकी है।
देश के कुल सोया उत्पादन में मध्य प्रदेश की 85 प्रतिशत हिस्सेदारी है और दलहन उत्पादन में भी राज्य की अग्रणी स्थिति है। मध्य प्रदेश सबसे बेहतरीन तुअर दाल के लिए प्रसिद्ध है। इसके अलावा मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में बासमती की सबसे बेहतरीन किस्म की खेती 50,000 हेक्टेयर क्षेत्र पर होती है। राज्य मौसम विभाग के निदेशक डी पी दुबे ने बताया कि राज्य में आने वाले दिनों में अच्छी बारिश हो सकती है।....BS Hindi
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें