नई दिल्ली August 13, 2008! एनसीडीईएक्स को इस बात की पूरी उम्मीद है कि प्रतिबंधित जिंसों के वायदा कारोबार को फिर से शुरू करने की इजाजत मिल जाएगी।
एक्सचेंज ने तो बकायदा इन जिंसों के कारोबार को दुबारा शुरू करने की तैयारी शुरू कर दी है। गौरतलब है कि इस साल 7 मई को केंद्र सरकार ने चना, सोया तेल, रबर और आलू के वायदा कारोबार पर रोक लगा दी थी।
जबकि दो साल पहले चावल, गेहूं, अरहर और उड़द दाल के कारोबार पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। एक्सचेंज के अधिकारियों की दलील है कि पिछले सप्ताह वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने बयान दिया था कि वायदा कारोबार के कारण जिंसों की कीमत नहीं बढ़ रही है।
इन अधिकारियों ने यह भी बताया कि देश के नामी-गिरामी आर्थिक विशेषज्ञों का कहना है कि भारत को अंतरराष्ट्रीय वित्त क्षेत्र का दर्जा दिलाने के लिए कमोडिटी एक्सचेंज को भी इक्विटी और डेट एक्सचेंज की तरह ही सशक्त बनाना होगा।
7 मई को सरकार ने जिन चार जिंसों के वायदा कारोबार पर चार महीने के लिए रोक लगायी थी, उसकी समय सीमा 6 सितंबर को समाप्त हो रही है। एक्सचेंज इस बात की भी संभावना जाहिर कर रहा है कि चावल और गेहूं के वायदा कारोबार को दुबारा शुरू करने पर विचार किया जा सकता है। हालांकि दाल का हाल इस बार खास्ता है जिससे उड़द और अरहर दाल के वायदा पर से प्रतिबंध हटने की कम गुंजाइश है।...BS Hindi
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