आर एस राणा
नई दिल्ली। दाल मिलों की मांग बढ़ने से दिल्ली के नया बाजार में शनिवार को एफएक्यू उड़द की कीमतों में तेजी जारी रही, लेकिन मसूर में ग्राहकी कमजोर रही, जिससे भाव में मंदा आया।
बर्मा नई उड़द एफएक्यू की कीमतों में आज 100 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी दर्ज की गई। जबकि अन्य बाजारों में भाव स्थिर रहने से दिल्ली में एसक्यू के दाम स्थिर बने रहे। दिल्ली में नई उड़द एफएक्यू के भाव 7,900 रुपये प्रति क्विंटल हो गए, जबकि मुंबई में भाव 7,700 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।
मिलों की हाजिर मांग कम होने से मध्य प्रदेश और कनाडा की मसूर के भाव में दिल्ली में आज भी 25 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट दर्ज की गई। दिल्ली में मध्य प्रदेश की मसूर के भाव 5,700 रुपये और कनाडा की मसूर के 5,300 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
दिल्ली में लेमन अरहर पुरानी के भाव आज 6,650 रुपये और राजस्थान लाइन की नई उड़द के भाव 7,500 रुपये और महाराष्ट्र लाइन की नई उड़द के भाव 7,900 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे। ....... आर एस राणा
31 अक्टूबर 2020
दिल्ली में एफएक्यू उड़द के दाम आज भी तेज, मसूर की कीमतों में नरमी
अब राजस्थान ने कृषि कानून के खिलाफ पेश किया बिल, एमएसपी से कम पर खरीदा तो सजा और जुर्माना का प्रावधान
आर एस राणा
नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में लागू किए गए कृषि कानूनों के खिलाफ राजस्थान सरकार ने शनिवार को तीन विधेयक पेश किए। इससे पहले पंजाब में कृषि कानून के खिलाफ कांग्रेस ने पहले ही बिल पारित किया था।
कृषक (सशक्तीकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन सहित, कृषि सेवा कर करार (राजस्थान संशोधन) विधेयक 2020 परित, केंद्रीय अधिनियम में संशोधन के तहत नया क्लॉज जोड़ा गया है। किसी फसल के विक्रय के लिए करार तब तक विधिमान्य नहीं होगा, जब तक करार में तय कीमत न्यूनतम समर्थन मूल्य से अधिक न हो, यानि किसानों को एमएसपी के बराबर या अधिक कीमत जरुर मिलेगी। करार के तहत बेची फसल पर राज्य की फीस या उपकर लागू होंगे, इस राशि का उपयोग कृषकों के कल्याण, मंडियों के विकास पर होगा, लेकिन यह फीस किसानों से वसूल नहीं की जायेगी।
यदि कोई व्यापारी कृषकों का उत्पीड़न करता है तो होगी कार्यवाही। कम से कम 3 वर्ष और अधिकतम 7 वर्ष तक कारावास, व्यापारी पर उत्पीड़न के आरोप में 5 लाख का जुर्माना लगेगा। यदि कोई कंपनी है दोषी, तो समस्त निदेशक माने जायेंगे दोषी, या फिर सीमित दायित्व की फर्म होने पर सभी भागीदार होंगे दोषी। यदि व्यापारी करार के तहत फसल नहीं खरीदता, या खरीदी गई फसल का 3 दिन में किसान को भुगतान नहीं करता, उस स्थिति में माना जायेगा किसान का उत्पीड़न।
संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने आवश्यक वस्तु और विशेष सेवाएं (राजस्थान संशोधन) विधेयक 2020, किसान (सशक्तीकरण और संरक्षण) समझौते, आवश्यक 2020 और किसान सेवा (राजस्थान संशोधन) विधेयक 2020 और किसानों को व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) और राजस्थान संशोधन विधेयक पेश किया। बता दें कि इससे पहले मंत्री ने विधानसभा सत्र के पहले दिन प्रक्रिया संहिता (राजस्थान संशोधन) विधेयक 2020 भी पेश किया था।
माना जा रहा है कि आज विधानसभा के पटल पर यह कृषि विधेयक पेश किए होने के बाद 1 नवंबर को इस पर चर्चा होगी और 2 नवंबर को इसे पारित किया जाएगा। धीरे-धीरे अब केंद्र सरकार पारित कृषि कानून के खिलाफ कांग्रेस शासित राज्यों की सरकारें बिल पेश करना शुरू कर रही है। कांग्रेस इस बिल को लगातार किसान विरोधी बता रही है, हालांकि भाजपा की तरफ से इस बिल को किसानों के लिए बेहतर बताया जा रहा है। देशभर में इस कानून के खिलाफ खासकर कांग्रेस शासित राज्यों में विरोध हो रहा है।............ आर एस राणा
दाल मिलों की कमजोर मांग से दिल्ली में चना स्थिर
आर एस राणा
नई दिल्ली। दाल मिलों की मांग कमजोर होने से शनिवार को लारेंस रोड़ पर चना की स्थिर हो गई। लारेंस रोड़ पर आज राजस्थानी चना के भाव 5,325 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए, जबकि मध्यप्रदेश लाइन के चना के भाव 5,275 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे। मध्यप्रदेश की इंदौर मंडी में चना के भाव 5,250 रुपये प्रति क्विंटल रहे जबकि मसूर के भाव 5,350 से 5,400 रुपये प्रति क्विंटल रहे।
व्यापारियों के अनुसार खरीददार डिस्काउंट पर खरीद करना चाहते हैं, लारेंस रोड़ पर आज चना की दैनिक आवक 25 से 30 मोटरों की ही हुई जबकि शुक्रवार को आवक 15 से 20 मोटरों की ही हुई थी। दाल मिलें केवल जरुरत के हिसाब से ही खरीद कर रही है जबकि खुदरा में चना दाल और बेसन में मांग कमजोर है। जानकारों के अनुसार त्यौहार का सीजन होने के कारण आगे कारण चना दाल और बेसन में ग्राहकी अच्छी रहने का अनुमान है। नेफेड ने चना की निविदा को बंद किया हुआ है।......... आर एस राणा
केंद्र ने उड़द और अरहर आयात के लिए मोजाम्बिक और म्यांमार से किया समझौता
आर एस राणा
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने 2 लाख टन अरहर दाल के आयात के लिये मोजाम्बिक के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) को अगले पांच साल के लिये बढ़ाने का भी निर्णय किया है। साथ ही 2.5 लाख टन उड़द दाल के आयात के लिये म्यांमार से पांच साल के लिये एमओयू किया है।
उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि ज्यादातर दलहन के दाम अभी स्थिर हैं। वास्तव में पिछले चार साल के मुकाबले दाल के दाम काफी नीचे बने हुए हैं। उन्होंने कहा कि हालांकि घरेलू आपूर्ति बढ़ाने के लिये सरकार ने 4 लाख टन अरहर दाल के आयात को लेकर समय सीमा 31 दिसंबर 2020 तक बढ़ा दी है।
मंत्री ने कहा कि 1.5 लाख टन उड़द दाल के लिये लाइसेंस जारी किये गये हैं और साथ ही मसूर पर 10 फीसदी आयात शुल्क 31 दिसंबर 2020 तक जारी रहेगा।
उन्होंने कहा कि सरकार प्याज, आलू की घरेलू आपूर्ति बढ़ाने और बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाने के लिये कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि निजी व्यापारी पहले ही 7,000 टन प्याज का आयात कर चुके हैं जबकि 25,000 टन दिवाली से पहले आने की उम्मीद है। मंत्री ने कहा कि सहकारी एजेंसी नाफेड भी आयात करेगी। इससे बाजार में प्याज की पर्याप्त आपूर्ति होगी।
गोयल ने कहा कि केवल प्याज ही नहीं बल्कि करीब 10 लाख टन आलू का भी आयात किया जा रहा है। इसके लिये जनवरी 2021 तक सीमा शुल्क कम करके 10 फीसदी कर दिया गया है। करीब 30,000 टन आलू भूटान से अगले कुछ दिनों में आ जाएगा।........... आर एस राणा
30 अक्टूबर 2020
जयपुर में सरसों का भाव 6,200 रुपये के पार, एक दिन में 100 रुपये से ज्यादा की तेजी
आर एस राणा
नई दिल्ली। जयपुर में सरसों की कीमतों में एक ही दिन में 100 रुपये से ज्यादा की तेजी आकर भाव 6,200 रुपये प्रति क्विंटल को पार कर गए। सरसों की दैनिक आवक उत्पादक मंडियों में कम हो रही है, जबकि तेल मिलों के साथ ही स्टॉकिस्टों की मांग बराबर बनी हुई है।
व्यापारियों के अनुसार मिलर्स के साथ ही स्टॉकिस्टों की खरीद बढ़ने से तेजी का रुख बना हुआ है। सरसों की दैनिक आवक घटकर उत्पादक मंडियों में केवल 85,000 क्विंटल की रह गई है। जयपुर में सरसों के भाव बढ़कर 6225-6230 रुपये प्रति क्विंटल (42 फीसदी कंडीशन) हो गए जबकि एक दिन पहले के कारोबारी दिवस में भाव 6120-6125 रुपये प्रति क्विंटल थे। सरसों तेल के भाव में भी आज तेजी दर्ज की गई। जयपुर में सरसों तेल के भाव आज 1227-1228 रुपये प्रति दस किलो बोले गए, जबकि अन्य मंडियों में 1217-1218 रुपये प्रति दस किलो पर व्यापार हुआ। एक दिन पहले के कारोबारी दिवस में जयपुर में सरसों तेल के भाव 1214-1215 रुपये प्रति दस किलो थे, जबकि अन्य मंडियों में भाव 1204-1205 रुपये प्रति दस किलो थे। सरसों खल के भाव आज बढ़कर 2625-2630 रुपये प्रति क्विंटल हो गए जबकि एक दिन पहले भाव 2615-2620 रुपये प्रति क्विंटल थे।
राजस्थान की छोटी मंडियों में नोन कंडीशन सरसों के भाव के भाव भी तेज हुए हैं। श्रीगंगानगर में 5000-5542 रुपये, रायसिंहनगर में 5460-5675 रुपये और रावला में भाव 5550-5600 रुपये, जगसिहंनगर में 5680-5731 रुपये और आदमपुर में 5680 रुपये प्रति क्विंटल रहे। वायदा बाजार में भी आज तेजी देखी गई। सरसों के नवंबर अनुबंध में 14 रुपये की तेजी आकर भाव 6,083 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। जनवरी अनुबंध में 2 रुपये की तेजी आकर भाव 5931 प्रति क्विंटल हो गए।....... आर एस राणा
दिल्ली में अरहर के साथ उड़द तेज, मसूर में मंदा
आर एस राणा
नई दिल्ली। दाल मिलों की मांग बढ़ने से दिल्ली के नया बाजार में शुक्रवार को अरहर के साथ ही उड़द की कीमतों में सुधार आया। बर्मा की उड़द एफएक्यू का भाव बढ़कर 7,800 से 7,825 रुपये और एसक्यू का भाव 9,150 से 9,200 रुपये तथा पुरानी एसक्यू का भाव 9,000 रुपये प्रति क्विंटल हो गया।
हाजिर में पुरानी अरहर की कीमतों में आज 50 रुपये की तेजी आकर दिल्ली में भाव 6,550 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।
इसी तरह आगे के सौदों में, चेन्नई से नवंबर डिलीवरी के लिए भी व्यापार 6,250 रुपये प्रति क्विंटल की दर से हुआ, इसमें भी 50 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आई। व्यापारियों के अनुसार आज ट्रेडर्स आगे के खरीद सौदों में सक्रिय दिखे।
केंद्र सरकार ने अरहर के आयात की समय सीमा को 15 नवंबर 2020 से बढ़ाकर 31 दिसंबर 2020 तक कर दिया था, जिससे बाजार में कीमतों पर दबाव था, लेकिन अब फिर मांग में सुधार आया है।
बाजार के सूत्रों के अनुसार नेफेड ने अरहर की खरीफ 2019 की निविदा को नीचे भाव की निविदा का आज खारिज कर दिया।
बर्मा उड़द एफएक्यू और एसक्यू की कीमतों में आज भी 50 से 100 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी दर्ज की गई। चैन्नई और मुंबई में आई तेजी का असर दिल्ली के बाजारो पर देखा गया, तथा मिलर्स हाजिर में खरीद कर रहे हैं।
आयातित उड़द की कीमतों में आई तेजी से महाराष्ट्र की उड़द के भाव दिल्ली में 100 रुपये बढ़कर 7,900 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।
मध्य प्रदेश लाईन के नेफेड की पुरानी उड़द के भाव 7,000 से 7,100 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।
राजस्थान लाईन की नई मसूर की आवक 4 से 5 ट्रक की हुई तथा भाव 7,500 रुपये प्रति क्विंटल बोला गया, हालांकि कोई व्यापार नहीं हुआ।
दिल्ली में आज उत्तर प्रदेश लाईन की उड़द में भी कोई व्यापार नहीं हुआ।
मिलों की हाजिर मांग कम होने से मध्य प्रदेश और कनाडा की मसूर के भाव में दिल्ली में आज भी 25 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आई।
व्यापारियों के अनुसार, आयातित मसूर की उपलब्धता ज्यादा है, साथ में मसूर दाल में ग्राहकी सीमित मात्रा में ही आ रही है। केंद्र सरकार ने 10 फीसदी के आयात शुल्क पर मसूर के आयात की अविध को बढ़ाकर 31 दिसंबर 2020 कर दिया है, जिससे कीमतों पर दबाव है।.... आर एस राणा
पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में धान के दाम तेज, चावल मिलों की मांग बढ़ी
आर एस राणा
नई दिल्ली। पंजाब और हरियाणा तथा दिल्ली की नरेला मंडी में शुक्रवार को धान की कीमतों में 25 से 150 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आई। व्यापारियों के अनुसार चावल मिलों के साथ ही स्टॉकिस्टों की मांग बढ़ने से भाव बढ़ रहे है। माना जा रहा है कि अभी मांग बनी रहेगी, जिससे इसकी मौजूदा कीमतों में आगे और भी तेजी आने का अनुमान है।
पंजाब की अमरतसर मंडी में धान की आवक शुक्रवार को 45 से 50 हजार बोरियों की हुई तथा मंडी में पूसा 1,121 धान का भाव कंबाईन का भाव बढ़कर 2,500 से 2,600 रुपये और हाथ की कटाई का 2,600 से 2,800 रुपये प्रति क्विंटल हो गया। मंडी में 1,718 किस्म के धान का भाव 2,300 से 2,500 रुपये प्रति क्विंटल हो गया। पूसा 1,509 धान का भाव 1,800 से 1,950 रुपये प्रति क्विंटल बोले गये। धान कारोबारी के अनुसार पिछले दो दिनों से चावल मिलों की मांग अच्छी बनी हुई है, जिससे भाव बढ़ रहे है। उन्होंने बताया कि चालू वित्त वर्ष के पहले पांच महीनों में अप्रैल से अगस्त के दौरान बासमती के साथ ही गैर बासमती चावल का निर्यात बढ़ा है, तथा आगे भी निर्यात में मांग अच्छी रहने का अनुमान है, इसीलिए भाव में तेजी बनी हुई है।
हरियाणा की कैथल मंडी में धान की आवक 35 से 40 हजार बोरियों की हुई तथा पूसा 1,121 धान की कीमतों में आज 125 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी दर्ज की गई। मंडी में हाथ की कटाई के 1,121 धान के भाव 2,750 रुपये प्रति क्विंटल की दर बोली पर बिके। व्यापारियों के अनुसार 1,121 की क्वालिटी काफी अच्छी आ रही है, इसलिए मिलों की मांग बराबर बनी हुई है।
दिल्ली की नरेला मंडी में आज धान की आवक 35 से 40 हजार बोरियों की हुई तथा पूसा 1,121 के भाव बढ़कर 2,400 से 2,650 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। व्यापारियों के अनुसार स्थानीय मिलों के साथ ही अन्य राज्यों की चावल मिलों की खरीद पिछले तीन दिनों से अच्छी हो रही है। ............... आर एस राणा
29 अक्टूबर 2020
राजस्थान में मोठ की कीमतों में 100 रुपये तक की तेजी, दीपावली की मांग बढ़ी
आर एस राणा
नई दिल्ली। मौठ के भाव में सुस्ती दीपावली सीजन की मांग के चलते आज टूटती नजर आ रही है। गिफ्ट पैकिंग के मिले ऑर्डर से बीकानेर में मौठ के भाव आज राजस्थान की मंडियों में 50 से 100 रुपये प्रति क्विंटल तक तेज हुए। जयपुर में मोठ के भाव बढ़कर 5,600 से 5,800 रुपये और बीकानेर मंडी में 5,800 से 6,100 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। अन्य दालों की कीमतों मेंं भी आज 25 से 50 रुपये का सुधार आया।
व्यापारियों के अनुसार मोठ में अधिकतर सौदे नमकीन निर्माताओं की ओर से हुए। राजस्थान के बाहर की फर्मों ने भी खरीद की। राजस्थान की मंडियों में आज भी मूंग 50 रुपए प्रति क्विंटल तेज रहा, एमपी, गुजरात, यूपी, महाराष्ट्र, दिल्ली और तमिलनाडु से आई मांग का असर बाजार पर दिखा। रिटेल फूड चेन की ओर से मूंग की खरीद ने भी कीमतों में तेजी को सपोर्ट किया है। रिलायंस अपने रिटेल स्टोर्स के लिए ही अकेले मेड़ता मंडी से ही अब तक तीन हजार टन मूंग की खरीद कर चुका है। उड़द आज सुबह के सत्र में गिरावट पर रही, हालांकि बाद में रिकवर कर बढ़त के साथ बंद हुई। उड़द कलकत्ता और चेन्नई में भी आज पचास रुपए प्रति क्विंटल के साथ बंद हुई। कनार्टक और दिल्ली सहित आधा दर्जन राज्यों की मिलों से आई पूछताछ के बाद कीमतों में तेजी देखी गई।
श्रीगंगानगर मंडी में आज मूंग की 6000 बोरी, मेड़ता मंडी में मूंग की 5700 बोरी, नागौर मंडी में 4200 बोरी आवक रही। नौखा मंडी में मौठ 2500 बोरी आमद रही। केकड़ी मंडी में नया मूंग 2200 बोरी और उड़द 1900 बोरी पहुंचा। किशनगढ़ मंडी में 1500 बोरी नए मूंग की आवक रही। मूंग की बोरी का वजन 60 किलो से लेकर 80 किलो तक है।.......... आर एस राणा
केंद्र ने एथेनॉल की कीमतों में 6.2 फीसदी तक की बढ़ोतरी, बकाया भुगतान में मदद मिलेगी
आर एस राणा
नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुरुवार को एथेनॉल की कीमतों में 2.4 फीसदी से 6.2 फीसदी तक की बढ़ोतरी की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया। यह फैसला चीनी मिलों और गन्ना किसानों को राहत देने के लिए लिया गया है।
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कैबिनेट ब्रीफिंग के दौरान बताया कि पहली अक्टूबर 2020 से शुरू हुए पेराई सीजन 2020-21 के लिए एथेनॉल की कीमतों में 5 से 8 फीसदी बढ़ोतरी की गई है। गन्ने रस सीधे बनने वाले एथेनॉल की कीमत 62.65 रुपये प्रति लीटर कर दी गई है जबकि पिछले पेराई सीजन 2019-20 में इसका भाव 59.48 रुपये प्रति लीटर था। इसी तरह से बी हैवी मोलासेस से बनने वाले एथेनॉल की कीमत बढ़ाकर 57.61 रुपये और सी हैवी मोलासेस से बनने वाली एथेनॉल की कीमत 45.69 प्रति लीटर कर दी गई है। पेराई सीजन 2019-20 के लिए इनके दाम क्रमश: 54.27 रुपये और 43.75 रुपये प्रति लीटर थे।
सरकार ने एथेनाॅल की कीमतों में दो रुपये से तीन रुपये 35 पैसे प्रति लीटर तक की बढ़ोतरी की है। सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने एक संवाददाता सम्मेलन में बैठक की जानकारी देते हुए कहा कि जिस प्रक्रिया से एथेनॉल बनेगा उसके आधार पर इसकी कीमतें तय की गयी है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में देश में 38 करोड़ लीटर एथेनॉल का उत्पादन किया जाता था जो पिछले साल बढ़कर 195 करोड़ लीटर हो गया था। उन्होंने बताया कि इस प्रकार से इसके उत्पादन में साढ़े पांच गुना की वृद्धि हुई है।
केंद्र सरकार ने पेट्रोल में 10 फीसदी एथेनॉल मिलाने की अनुमति दी हुई है। इससे पर्यावरण प्रदूषण कम होता है। उन्होंनें कहा कि एथेनॉल की कीमतों में की गई वृद्धि का लाभ अंतत: किसानों को मिलेगा। मालूम हो कि गन्ने का पेराई सीजन 2019-20 समाप्त हो चुका है, लेकिन गन्ना किसानों का अभी भी चीनी मिलों पर बकाया बचा हुआ है।...... आर एस राणा
मुंबई और चैन्नई में बर्मा उड़द की कीमतों में तेजी, देसी के भाव में मिलाजुला रुख
आर एस राणा
नई दिल्ली। दाल मिलों की मांग में आये सुधार से गुरूवार को मुंबई और चैन्नई में आयातित उड़द की कीमतों में 50 से 150 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी दर्ज की गई। दाल मिलों की हाजिर मांग बढ़ी है, जबकि हाजिर में आयातित माल नहीं आ रहे हैं।
हालांकि, उड़द दाल की मांग खपत केंद्रों की कमजोर ही रही। माना जा रहा है कि आगे होटल आदि फिर से खुलने के मांग और कीमतों में तेजी आने का अनुमान है।
घरेलू बाजारों में नई उड़द की कीमतों में क्वालिटी के हिसाब से मिलाजुला रुख रहा। जहां अच्छी क्वालिटी में मिलों की मांग अच्छी थी, वहीं हल्की क्वालिटी में मांग कम होने से भाव में नरमी रही।
उत्पादक मंडियों में नई फसल की आवक का दबाव नहीं बन पा रहा है, साथ ही अच्छी क्वालिटी की उड़द की आवक हल्की क्वालिटी के मुकाबले कम हो रही है।
केंद्र सरकार दालों की कीमतों को नियंत्रण करने के लिए कई कदम उठाये हैं। केंद्र सरकार ने उड़द के आयात की समय सीमा तो बढ़ाई ही है, साथ ही सरकारी एजेंसियों ने दालों के पुराने स्टॉक की बिकवाली बढ़ा दी है। केंद्र सरकार राज्यों को रियायती दर पर बफर स्टॉक से भी दालें बेच रही है।
उधर डीजीएफटी ने मार्च 2021 तक चालू वित्त वर्ष के लिए दाल मिलों को आयात कोटा भी आवंटित किया हुआ है। अधिसूचना के अनुसार प्रत्येक पात्र आयातक को लगभग 97 टन आयात करने की अनुमति होगी।...... आर एस राणा
31 दिसंबर 2020 तक 10 फीसदी शुल्क पर होगा मसूर का आयात
आर एस राणा
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने एक बार फिर सस्ते मसूर के आयात की समय सीमा को बढ़ा दिया है। केंद्र सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार 10 फीसदी शुल्क पर मसूर का आयात 31 दिसंबर 2020 तक जारी रहेगा।
इससे पहले विदेश व्यापार महानिदेशालय, डीजीएफटी ने 18 सितंबर से 31 अक्टूबर 2020 तक मसूर के आयात पर शुल्क को 10 फीसदी कर दिया था।
व्यापारियों के अनुसार 10 फीसदी आयात शुल्क पर मसूर के आयात की समय सीमा बढ़ाने से कीमतों पर दबाव बना रहेगा। मसूर का आयात कनाडा के साथ ही आस्ट्रेलिया से हो रहा है।
प्रमुख उत्पादक राज्यों मध्य प्रदेश के साथ ही उत्तर प्रदेश एवं अन्य राज्यों में मसूर की बुआई का कार्य शुरू हो चुका है तथा नई फसल की आवक मार्च, अप्रैल में बनेगी।
केंद्र सरकार ने आगामी रबी विपणन सीजन के लिए मसूर का न्यूनतम समर्थन मूल्य, एमएसपी 5,100 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है। ..........आर एस राणा
28 अक्टूबर 2020
बिनौला और खल के हाजिर भाव में सुबह तेजी, शाम को मंदा, सीसीआई ने बढ़ाये दाम
आर एस राणा
नई दिल्ली। कॉटन कारर्पोरेशन आफ इंडिया (सीसीआई) ने बुधवार को उत्तर भारत के राज्यों पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में बिनौला के बिक्री में 20 रुपये की बढ़ोतरी कर भाव 2,650 रुपये प्रति क्विंटल तय किए, इससे हाजिर बाजारों में बिनौला और कपास खल की कीमतों में सुबह 50 रुपये की तेजी आई थी, लेकिन शाम को गिरावट दर्ज की गई। व्यापारियों के अनुसार बढ़े भाव में ग्राहकी कमजोर रही, जिस कारण तेजी टिक नहीं पाई।
जानकारों के अनुसार सीसीआई ने आज उत्तर भारत के राज्यों में बिनौला के बिक्री भाव में आज 20 रुपये की बढ़ोतरी की। इससे सुबह हाजिर भाव में भी तेजी आई थी लेकिन शाम होते, होते बिकवाली बढ़ने से भाव घट गए। सीसीआई ने चालू सीजन में कपास की समर्थन मूल्य पर खरीद अभी तक ज्यादा की है, जिस कारण निगम के पास बिनौला का स्टॉक ज्यादा है। इसीलिए कीमतों पर दबाव बना हुआ है।
हरियाणा के आदमपुर में बुधवार को बिनौला के एक्स फैक्ट्री भाव 2,675 से 2,700 रुपये प्रति क्विंटल हो गए थे, लेकिन शाम को भाव घटकर 2,650 से 2,670 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। इसी तरह से कपास खली के दाम बढ़कर 2,250 रुपये प्रति क्विंटल हो गए थे, लेकिन शाम को भाव घटकर 2,200 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। फतेहाबाद में कपास खली के भाव 2,170 रुपये और उचाना में 2,270 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए। सिरसा में लूज में बिनौला का व्यापार 2,700 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर हुआ।
राजस्थान के खैरथल में बुधवार को बिनौला के भाव 2,450 से 2,500 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे। बिनौला खल के दाम टिके रहे। व्यापारियों के अनुसार कल भाव में सुधार आया था, लेकिन बढ़े भाव में मांग कमजोर है। .............. आर एस राणा
अरहर की कीमतों में मंदे का रुख बरकरार, नवंबर में आयात में होगी बढ़ोतरी
आर एस राणा
नई दिल्ली। दाल मिलों की मांग कमजोर होने से घरेलू बाजारों में बुधवार को अरहर की कीमतों में 50 से 200 रुपये प्रति क्विंटल का मंदा क्वालिटीनुसार आया। अरहर दाल में थोक और खुदरा में भी ग्राहकी कमजोर रही।
डीजीएफटी ने हाल ही में चार लाख टन अरहर के आयात की समय सीमा को 15 नवंबर 2020 से बढ़ाकर 30 दिसंबर 2020 कर दिया है, जिससे आयात ज्यादा होने का अनुमान है। इसलिए अभी कीमतों पर दबाव बना हुआ है।
बाजार सूत्रों के अनुसार, नेफेड ने आज खरीफ 2019 अरहर की नीचे दाम की निविदा को खारिज कर दिया।
मुंबई में, बर्मा-मूल की नई अरहर में हाजिर सौदों में 50 रुपये की गिरावट आकर भाव 6,750 रुपये क्विंटल रह गए। जबकि आगे के सौदों नवंबर डिलीवरी के भाव में 150 रुपये का मंदा आकर भाव 6,200 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
मुंबई में, मोजाम्बिक अरहर नई सफेद किस्म की कीमत 5,900 रुपये प्रति क्विंटल, गज्जर किस्म के भाव 5,800 रुपये और लाल के भाव 5,500 रुपये प्रति क्विंटल है। मोजाम्बिक अरहर ने आगे के व्यापार, अक्टूबर-नवंबर डिलीवरी के लिए 5,400 रुपये प्रति क्विंटल के भाव बोले गए।
सूडान अरहर के भाव मुंबई में 7,000 रुपये प्रति क्विंटल रहे।
मोजाम्बिक की नई अरहर फटका किस्म के भाव 9,300 रुपये प्रति क्विंटल और सावा नई किस्म के भावव 9,100 रुपये प्रति क्विंटल रहे।
दिल्ली में हाजिर व्यापार में अरहर पुरानी के भाव में 50 रुपये की गिरावट आकर भाव 6,550 रुपये प्रति क्विंटल रह गई जबकि आगे सौदें चेन्नई से नवंबर डिलीवरी के लिए व्यापार 6,200 रुपये प्रति क्विंटल पर हुआ।
बर्मा आधारित स्थानीय व्यापारी के अनुसार, भारत के खरीदार की मांग अरहर में कमजोर होने से भाव में नरमी आई है। भारत के लिए लगभग 50 हजार टन अरहर के पांच वैसल 30 अक्टूबर तक रवाना होने की संभावना है। ये सभी वैसल 13 नवंबर को भारत पहुंचेंगे। 7 नवंबर को भारत आने वाला एक वैसल रद्द कर दिया गया है।
व्यापारियों के अनुसार बर्मा का दालों का बाजार 29 अक्टूबर से 2 नवंबर, 2020 तक त्यौहार के कारण बंद रहेगा।
अरहर में व्यापारी हाजिर भाव में स्टॉक नहीं कर रहे हैं, तथा आगामी दिनों में अरहर की कीमतों में तेजी, मंदी सरकार द्वारा बेची जा रही अरहर की निविदा के भाव पर भी निर्भर करेगी।
इस बीच, मोज़ाम्बिक और सूडान से अरहर की नियमित आपूर्ति की सूचना मिली है।............आर एस राणा
27 अक्टूबर 2020
दिल्ली में अरहर, उड़द और मसूर की कीमतों में नरमी
आर एस राणा
नई दिल्ली। दाल मिलों की मांग कमजोर होने से दिल्ली के नया बाजार में मंगलवार को अरहर और उड़द के साथ ही मसूर की कीमतों में नरमी आई। सब्जियों की बढ़ी हुई कीमतों के बावजूद भी दालें में मांग खुदरा बाजार से कमजोर रही।
हाजिर में स्टॉक कम होने के बावजूद भी पुरानी अरहर की कीमतों में 150 रुपये का मंदा आकर दिल्ली में भाव 6,600 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। इसी तरह आगे के सौदों में, चेन्नई से नवंबर डिलीवरी के लिए भी व्यापार 6,300 रुपये प्रति क्विंटल की दर से हुआ, तथा इन भावों में मांग का अभाव रहा।
केंद्र सरकार ने अरहर के आयात की समय सीमा को 15 नवंबर 2020 से बढ़ाकर 31 दिसंबर 2020 तक कर दिया है, जिससे बाजार में कीमतों पर दबाव रहा। बाजार सूत्रों के अनुसार नेफेड ने महाराष्ट्र में खरीफ 2019 फसल की निविदा 7,100 रुपये प्रति क्विंटल के दाम पर स्वीकार की।
चैन्नई में कमजोर मांग के कारण, बर्मा उड़द एफएक्यू/एसक्यू की कीमतों में 75 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट दर्ज की गई। दूसरी ओर, मध्यप्रदेश लाईन के पुराने एवं महाराष्ट्र लाईन की नई उड़द के साथ ही नेफेड की पुरानी उड़द में मांग सीमित मात्रा में होने के कारण भाव स्थिर बने रहे।
मसूर में दाल मिलों की मांग कमजोर होने से मध्य प्रदेश और कनाडा की मसूर में आज 25 से 50 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट दर्ज की गई। व्यापारियों के अनुसार, आयातित मसूर की उपलब्धता ज्यादा है, साथ में मसूर दाल में ग्राहकी सीमित मात्रा में ही आ रही है। मसूर का आयात 20 फीसदी शुल्क पर 30 अक्टूबर 2020 तक ही होगा, ऐसे में आगे इसकी कीमतोंं में तेजी, मंदी सरकार की नीति पर निर्भर करेगी।............. आर एस राणा
गेहूं की कीमतों में तेजी, मंदी पीडीएस में फ्री आवंटन की स्कीम पर निर्भर
आर एस राणा
नई दिल्ली। गेहूं की कीमतों में तेजी बनी हुई है तथा दिल्ली में इसके भाव 1,900 रुपये और उत्तर प्रदेश की मंडियों में 1,700 से 1,750 रुपये प्रति क्विंटल हो गए हैं। सूत्रों के अनुसार केंंद्र सरकार चुनाव की वजह से फ्री में आवंटित गेहूं की समय सीमा को बढ़ाकर मार्च 2021 तक कर सकती है, अगर यह स्कीम आगे बढ़ाई तो भाव में जो तेजी है, वह रुक जायेगी। साथ ही मौजूदा कीमतों में 50 से 100 रुपये का मंदा भी बन सकता है।
केंद्रीय पूल में गेहूं का बंपर स्टॉक है, जबकि कई राज्यों में विधानसभा चुनाव के कारण सरकार इस स्कीम को केंद्र सरकार आगे बढ़ायेगी। इसलिए गेहूं में अभी खरीद नहीं करनी चाहिए। हॉ अगर इस स्कीम को बंद कर दिया तो फिर भाव तेज ही रहेंगे। सूत्रों के अनुसार इस पर फैसला जल्द हो सकता है।......... आर एस राणा
26 अक्टूबर 2020
दिल्ली में चीनी के भाव 3,700 पर पहुंचे, त्यौहारी मांग से भाव तेज
आर एस राणा
नई दिल्ली। दिल्ली, उत्तर प्रदेश और हरियाणा में आज चीनी की कीमतों में 40-60 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आकर भाव 3700 रुपये प्रति क्विंटल हो गए हैं। बाजार सूत्रों के अनुसार, लगभग 70 फीसदी चीनी मिलों ने अपना मासिक कोटा बेच दिया है तथा अन्य मिलों ने अपने बिक्री मूल्य में 30-40 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी कर दी है। केंद्र सरकार ने चालू महीने के लिए 23 लाख टन चीनी का कोटा जारी किया था जो पिछले महीने के मुकाबले एक लाख टन अधिक था।
दिल्ली में एम ग्रेड चीनी के भाव में 50 रुपये की तेजी आकर भाव 3580-3700 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। एस ग्रेड की कीमतों में इस दौरान 40 रुपये की तेजी आकर भाव 3560-3670 भाव प्रति क्विंटल हो गए। मुजफ्फरनगर और कानपुर में चीनी की कीमतों में क्रमश: 50 से 60 रुपये की तेजी दर्ज की गई। व्यापारियों के अनुसार, उत्तर प्रदेश और हरियाणा की 70 फीसदी मिलों ने अपना चीनी का कोटा बेच दिया है। ........आर एस राणा
मिलों की मांग से गेहूं में तेजी जारी, कई मंडियों में दाम 50 रुपये तक बढ़े
आर एस राणा
नई दिल्ली। देश के अधिकांश बाजारों में गेहूं की कीमतों में तेजी का रुख आज भी बरकार रहा। मिलों की बेहतर मांग और सीमित आवक के कारण भाव तेज हो रहे हैं। उत्तर प्रदेश में मिल क्वालिटी गेहूं की कीमतों में 50 रुपये की तेजी आकर भाव 1680-1700 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। दिल्ली में गेहूं के भाव बढ़कर 1900-1925 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। मध्य प्रदेश के बाजारों में अवकाश के कारण इंदौर और भोपाल में बहुत कम व्यापार हुआ। .....आर एस राणा
केंद्र सरकार ने अरहर के आयात की समय सीमा बढ़ाई, 31 दिसंबर 2020 तक होगा आयात
आर एस राणा
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने अरहर के आयात की समय सीमा को बढ़ाकर 31 दिसंबर 2020 कर दिया है, जबकि इससे पहले आयात 15 नवंबर 2020 तक किया जाना था।
विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) द्वारा सोमवार को जारी अधिसूचना के अनुसार अरहर के आयात की समय सीमा को 15 नवंबर 2020 से बढ़ाकर 31 दिसंबर 2020 तक कर दिया गया है। अब आयातक अरहर का आयात 31 दिसंबर 2020 तक कर सकेंगे।
केंद्र सरकार ने चालू वित्त वर्ष 2020-21 के लिए चार लाख टन अरहर के आयात का कोटा जारी किया है तथा हाल ही में केंद्र सरकार ने अरहर के आयात के लिए दाल मिलों को लाइसेंस जारी किए थे।
अरहर की घरेलू फसल की आवक उत्पादक मंडियों में दिसंबर में बनेगी, तथा आवकों का दबाव जनवरी में बनने की उम्मीद है। कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ में अरहर की बुआई पिछले साल की तुलना में ज्यादा हुई है, जिससे उत्पादन अनुमान भी ज्यादा माना जा रहा है। हालांकि कई राज्यों में हुई बेमौसम बारिश से फसल को नुकसान की भी आशंका है।
सूत्रों के अनुसार लगभग 40,000-60,000 टन अरहर 15 नवंबर 2020 तक भारत (चेन्नई) पहुंचने की संभावना है।.... आर एस राणा
उत्तर भारत में सीसीआई ने बिनौला के बिक्री भाव 80 रुपये घटाये, हाजिर में कीमतों पर दबाव
आर एस राणा
नई दिल्ली। कॉटन कारर्पोरेशन आफ इंडिया (सीसीआई) ने सोमवार को उत्तर भारत के राज्यों पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में बिनौला की बिक्री में 80 रुपये की कटौती कर भाव 2,620 रुपये प्रति क्विंटल तय किए। सीसीआई द्वारा भाव में कटौती करने से हरियाणा और राजस्थान में बिनौला के साथ ही कपास खल की कीमतों में 25 से 100 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट दर्ज की गई।
व्यापारियों के अनुसार सीसीआई ने पिछले सप्ताह भाव को 2,700 रुपये प्रति क्विंटल पर रोका हुआ था, लेकिन आज सप्ताह के पहले ही दिन 80 रुपये की कटौती कर दी, जिस कारण प्राइवेट यार्न मिलों पर भाव घटाने का दबाव बन गया। उन्होंने बताया कि सीसीआई ने चालू सीजन में पंजाब, हरियाणा और राजस्थान से कॉटन की खरीद अभी तक ज्यादा की है, जिस कारण इन राज्यों में सीसीआई के पास बिनौला का स्टॉक भी ज्यादा है।
सूत्रों के अनुसार सीसीआई पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और मध्य प्रदेश से समर्थन मूल्य पर 3,53,252 गांठ (एक गांठ-170 किलो) की खरीद कर चुकी है। कुल खरीद में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी पंजाब, हरियाणा और राजस्थान की है।
हरियाणा के आदमपुर में सोमवार को बिनौला के भाव में 25 रुपये की गिरावट आकर एक्स फैक्ट्री भाव 2,575 से 2,600 रुपये प्रति क्विंटल रह गए, जबकि कपास खली के दाम 100 रुपये घटकर 2,150 रुपये प्रति क्विंटल पर बोले गए। फतेहाबाद में कपास खली के भाव 2,120 रुपये और उचाना में 2,220 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए। सिरसा में लूज में बिनौला का व्यापार 2,625 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर हुआ।
राजस्थान के खैरथल में सोमवार को बिनौला के भाव में 100 रुपये का मंदा आकर भाव 2,400 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। व्यापारियों के अनुसार घटे भाव में ग्राहकी नहीं बन पा रही है, जिस कारण कीमतों पर दबाव बना हुआ है।...... आर एस राणा
24 अक्टूबर 2020
दिल्ली में अरहर और उड़द की कीमतों में नरमी, मसूर के भाव में सुधार
आर एस राणा
नई दिल्ली। दिल्ली के नया बाजार में शनिवार को अरहर और उड़द के भाव में नरमी आई, जबकि नीचे भाव में मांग निकलने से मसूर की कीमतों में लगातार दूसरे दिन सुधार आया।
दालें में खुदरा में ग्राहकी कमजोर रही, जिस कारण मिलों से उठाव सीमित मात्रा में ही हो रहा है। पुरानी अरहर की कीमतों में ग्राहकी कमजोर होने से 50 रुपये की गिरावट आकर भाव 6,850 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
इसी तरह आगे के सौदों में, चेन्नई से नवंबर डिलीवरी के लिए भी व्यापार 75 रुपये घटकर 6,525 रुपये प्रति क्विंटल की दर से हुआ। चैन्नई की कमजोर के कारण, बर्मा उड़द एफएक्यू/एसक्यू की कीमतों में 50 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट दर्ज की गई।
दूसरी ओर, मध्यप्रदेश लाईन के पुराने एवं महाराष्ट्र लाईन की नई उड़द के साथ ही नेफेड की पुरानी उड़द में मांग सीमित मात्रा में होने के कारण भाव स्थिर बने रहे। मसूर में नीचे भाव में नीचे भाव में मिलों की मांग अच्छी होने से मध्य प्रदेश और कनाडा की मसूर में लगातार दूसरे दिन तेजी आई। इनके भाव में आज क्रमश: 25 से 75 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी दर्ज की गई। ............आर एस राणा
दिल्ली में गेहूं की कीमतों में 50 रुपये की तेजी भारी तेजी
आर एस राणा
नई दिल्ली। दिल्ली के साथ ही उत्तर भारत की विभिन्न मंडियों में आज गेहूं की कीमतों में अच्छी तेजी दर्ज की गई। दिल्ली में इसके दाम 50 रुपये प्रति क्विंटल तक तेज हुए, जबकि अन्य बाजारों में इसकी कीमतों में अच्छी बढ़ोतरी दर्ज की गई। कारोबारियों के अनुसार निर्यात के साथ त्योहारी मांग नहीं बढ़ने के कारण नई फसल की आवक मार्च में बनने के बाद से भाव में लगातार मंदा ही बना हुआ था।
दिल्ली में मिल क्वालिटी गेहूं की कीमतों में आज 50 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी दर्ज की गई। संभवत: बाजार में चालू सीजन में पहली बार भाव में इतनी बड़ी तेजी आई है। राजस्थान की मंडियां जहां पिछले सप्ताह पहले से ही कीमतें बढ़ गई थीं, भाव में मिलाजुला रुख रहा। हालांकि, राज्य की मंडियों में तेजी का रुख बरकरार था। गुजरात की राजकोट मंडी में मिल क्वालिटी गेहूं के भाव में 25 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि दर्ज की गई।
उत्तर प्रदेश की बरेली मंडी में गेहूं की कीमतों में 50 रुपये और कानपुर मंडी में 25 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आई। अन्य सभी मंडियों में भी गेहूं का व्यापार बढ़ने से भाव तेज रहे। ......आर एस राणा
बिनौला एवं कपास खली में गिरावट जारी, हाजिर में ग्राहकी कमजोर
आर एस राणा
नई दिल्ली। कॉटन कारर्पोरेशन आफ इंडिया (सीसीआई) की बिनौला की बिक्री आज अवकाश के कारण बंद रही, लेकिन खुदरा में ग्राहकी कमजोर होने कारण हरियाणा के साथ ही राजस्थान की मंडियों में बिनौला और खल की कीमतों में आज भी 25 से 100 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट दर्ज की गई। व्यापारियों के के अनुसार 25 अक्टूबर को भी अवकाश के कारण सीसीआई की बिक्री बंद रहेगी, जबकि सीसीआई ने 23 अक्टूबर को उत्तर भारत के राज्यों में 2,700 रुपये प्रति क्विंटल के भाव बिनौला बेचा था। अगले सप्ताह में बिनौला के साथ ही कपास खल की कीमतों में तेजी, मंदी सीसीआई के बिक्री भाव पर ही निर्भर करेगी।
कारोबारियों के अनुसार बिनौला के साथ ही कपास खल में हाजिर में ग्राहकी काफी कमजोर है, जिस कारण सीसीआई की बिक्री नहीं होने के बाद भी भाव में मंदा आया है। उन्होंने बताया कि चालू सीजन में सीसीआई कपास की खरीद समर्थन मूल्य पर ज्यादा कर रही है जिस कारण उसके पास बिनौले की उपलब्धता भी ज्यादा है। इसीलिए सीसीआई की बिक्री बराबर बनी रहने का अनुमान है।
सूत्रों के अनुसार सीसीआई पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और मध्य प्रदेश से समर्थन मूल्य पर 3,39,143 गांठ (एक गांठ—170 किलो) की खरीद कर चुकी है। कुल खरीद में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी पंजाब, हरियाणा और राजस्थान की है। इसीलिए इन राज्यों के केंद्रों पर सीसीआई के पास बिनौला का स्टॉक ज्यादा है।
हरियाणा के आदमपुर में शनिवार को बिनौला के भाव में 25 रुपये की गिरावट आकर एक्स फैक्ट्री भाव 2,600 से 2,625 रुपये प्रति क्विंटल रह गए, जबकि कपास खली के दाम 100 रुपये घटकर 2,250 रुपये प्रति क्विंटल पर बोले गए। फतेहाबाद में कपास खली के भाव 2,220 रुपये और उचाना में 2,320 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए। सिरसा में लूज में बिनौला का व्यापार 2,650 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर हुआ।
राजस्थान के खैरथल में शनिवार को बिनौले और कपस खली के दाम में 50 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट दर्ज की गई। व्यापारियों के अनुसार कीमतों में गिरावट आने के बाद भी बिनौले और कपास खली में मांग नहीं नहीं बढ़ पा रही है।........... आर एस राणा
धान की कीमतों में आया सुधार, त्यौहार के कारण उत्पादक मंडियों में आवक कम
आर एस राणा
नई दिल्ली। अष्टमी का त्यौहार होने के कारण आज पंजाब के साथ ही हरियाणा और दिल्ली की नरेला मंडी में धान की दैनिक आवकों में कमी आई, जबकि मिलों की मांग बढ़ने से भाव में 25 से 60 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी दर्ज की गई। व्यापारियों के अनुसार नवंबर के पहले सप्ताह से मंडियों में पूसा 1,121 धान की दैनिक आवक बढ़ेगी, साथ ही चावल मिलों की मांग में भी सुधार आयेगा, जिससे धान के मौजूदा भाव में तेजी ही आने का अनुमान है।
हरियाणा की कैथल मंडी में आज धान की आवक घटकर 25 से 30 हजार बोरियों की हुई, इसमें पूसा 1,509 की आवक पांच से छह हजार बोरियों की तथा पूसा 1,121 की आवक डेढ़ से दो हजार बोरियों की रही। मंडी के धान कारोबारी रामनिवास ने बताया कि तयौहार के कारण आज धान की आवक मंडी में कम हुई, जबकि चावल मिलों की मांग ठीक थी। उन्होंने बताया कि धान के मौजूदा भाव नीचे के ही है, तथा आगामी दिनों में चावल मिलों की मांग बढ़ने से धान के मौजूदा भाव में 150 से 200 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी बनने की उम्मीद है। मंडी में आज पूसा 1,121 धान की कीमतों में 60 रुपये की तेजी आकर भाव 2,400 से 2,560 रुपये प्रति क्विंटल हो गए जबकि पूसा 1,509 धान के भाव में 30 रुपये की तेजी आकर भाव 1,800 से 1,930 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।
दिल्ली की नरेला मंडी में धान की आवक सामान्यत: 55 से 60 हजार बोरियों की हो रही थी लेकिन शनिवार को आवक घटकर 18 से 20 हजार बोरियों की ही रह गई। मंडी के धान कारोबारी पंकज जैन ने बताया कि स्थानीय चावल मिलों की मांग आज धान में बढ़ी, जिससे भाव में तेजी आई है। उन्होंने बताया कि आगे मिलों की मांग मेंं और सुधार आयेगा, इसलिए धान के मौजूदा भाव में अब ज्यादा मंदे की उम्मीद नहीं है।
पंजाब की अमरतसर मंडी में शनिवार को पूसा 1,509 धान की कीमतों में 25 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आकर भाव 1,800 से 1,925 रुपये प्रति क्विंटल हो गए, जबकि 1,121 धान के भाव 2,400 से 2,525 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए। मंडी में धान की आवक 28 से 30 हजार बोरियों की हुई। ............ आर एस राणा
23 अक्टूबर 2020
त्यौहारी मांग से दिल्ली और उत्तर प्रदेश में चीनी में तेजी जारी, साउथ में दाम रुके
आर एस राणा
नई दिल्ली। दिल्ली और उत्तर प्रदेश में चीनी की कीमतों में तेजी का रुख शुक्रवार को भी जारी रहा। पूर्वी बाजारों के साथ ही कोलकाता में भी भाव में सुधार बना हुआ है। चीनी मिलों ने औद्योगिक उपभोक्ताओं की मांग में हुई बढ़ोतरी के कारण अपने बिक्री मूल्य में भी बढ़ोतरी की। हालांकि दक्षिण और पश्चिम के बाजारों में ग्राहकी कमजोर होने से भाव स्थिर बने रहे।
दिल्ली, कानपुर, बरेली और मुजफ्फरनगर में चीनी की कीमतों पर 40 से 50 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी दर्ज की गई। उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और बिहार की चीनी मिलों ने आज अपने बिक्री मूल्य में प्रति क्विंटल 25-30 रुपये की बढ़ोतरी की। दिल्ली के एक व्यापारी ने बताया कि खपत का सीजन होने के कारण सभी की खरीद बढ़ी है, उन्होंने कहां कि जब कीमतों में तेजी आती है, तो हर कोई खरीद करता है। इससे भाव में और तेजी बनती है। इस समय चीनी में स्टॉकिस्ट भी सक्रिय रूप से खरीद कर रहे हैं। कोलकाता में एस ग्रेड चीनी के भाव आज 20 रुपये की तेजी आकर भाव 3530-3540 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।
मुंबई के वाशी और मुंबई नाका में चीनी की कीमतें आज स्थिर बनी रहीं, मांग कमजोर होने के कारण भाव में तेजी नहीं बन पाई। चेन्नई, बंगलुरु और हैदराबाद में भी आज चीनी की कीमतों में कोई तेजी, मंदी नहीं बन पाई।...... आर एस राणा
सीसीआई के बिनौला के बिक्री भाव स्थिर, उत्पादक राज्यों में दाम रुके
आर एस राणा
नई दिल्ली। कॉटन कारर्पोरेशन आफ इंडिया (सीसीआई) ने शुक्रवार को भी उत्तर भारत के राज्यों में बिनौला के बिक्री भाव 2,700 रुपये प्रति क्विंटल पर ही स्थिर रखे, लेकिन खुदरा में ग्राहकी कमजोर होने से उत्पादक राज्यों में बिनौला के साथ ही कपास खली की कीमतों में सुधार नहीं आ पाया। व्यापारियों के अनुसार पिछले साल का बकाया स्टॉक ज्यादा होने के कारण कीमतों पर दबाव है।
सीसीआई चालू खरीफ विपणन सीजन में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और मध्य प्रदेश से न्यूनतम समर्थन मूल्य, एमएसपी पर 3,05,097 गांठ (एक गांठ -170 किलो) कपास की खरीद कर चुकी है, जिस कारण इन राज्यों में सीसीआई के पास नए बिनौले की उपलब्धता बढ़ रही है।
हरियाणा के आदमपुर में शुक्रवार को बिनौला के एक्स फैक्ट्री भाव 2,600 से 2,650 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे, जबकि कपास खली के दाम 2,350 रुपये प्रति क्विंटल पर टिके रहे। फतेहाबाद में कपास खली के भाव 2,320 रुपये और उचाना में 2,420 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए। सिरसा में लूज में बिनौला का व्यापार 2,700 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर हुआ।
व्यापारियों के अनुसार उत्पादक मंडियों में बिनौला के साथ ही कपास खली का पिछले साल का बकाया स्टॉक ज्यादा बचा हुआ है, जबकि सीसीआई की बिक्री भी उत्तर भारत के राज्यों में बिनौला में ज्यादा आ रही है। उन्होंने बताया कि खुदरा में ग्राहकी कमजोर है, जिससे दाम स्थिर तो हो गए हैं, लेकिन जब तक सीसीआई बिक्री भाव नहीं बढ़ायेगी, तब तक तेजी की संभावना नहीं है।
राजस्थान के खैरथल में शुक्रवार को बिनौले के एक्स फैक्ट्री भाव 2,550 से 2,600 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे, जबकि कपास खली में 2,500 रुपये प्रति क्विंटल पर व्यापार हुआ। व्यापारियों के अनुसार मौजूदा भाव में ग्राहकी कमजोर बनी हुई है, तथा व्यापार सीमित मात्रा में ही हो रहा है।.............. आर एस राणा
22 अक्टूबर 2020
नवंबर से गेहूं की कीमतों में तेजी की संभावना, दक्षिण की बढेगी मांग
आर एस राणा
नई दिल्ली। गेहूं व्यापारियों को आगामी दिनों में अब इसके भाव में मंदे की उम्मीद नहीं है क्योंकि जिस तरह से कोविड -19 का असर कम हो रहा है, और आर्थिक गतिविधियों में सुधार आ रहा है, उसे देखते हुए आगामी दिनों में पीडीसी में फ्री में दिए जाने वाले गेहूं और चावल की योजना को आगे बढ़ाया नहीं बढ़ाया जायेगा। कानपुर में आज गेहूं की कीमतों में 10 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आई जबकि अन्य मंडियों में दाम लगभग सिथर बने रहे।
व्यापारियों के अनुसार अब आर्थिक गतिविधियां जोर पकड़ रही हैं तथा सरकार ने कोविड -19 और अर्थव्यवस्था पर दृष्टिकोण को भी स्पष्ट कर दिया है। इसलिए, सरकार की मुफ्त में गेहूं और चावल वितरण की योजना का विस्तार करने की संभावना नहीं है। इस योजना ने खुले बाजार में उचित और अनुचित तरीके से गेहूं के व्यापार और कीमतों को प्रभावित किया है। मुख्य रूप से, उपभोक्ताओं के एक बड़े हिस्से की गेहूं में मांग समाप्त हो गई, क्योंकि आधी से अधिक आबादी पीडीएस के माध्यम से मुफ्त या सब्सिडी वाला अनाज प्राप्त कर रही है। व्यापारियों के गेहूं के दाम पिछले दो, तीन महीने में काफी नीचे आ चुके हैं।
व्यापारियों के अनुसार दक्षिण भारत की फ्लोर मिलों के पास बकाया स्टॉक नहीं है, ऐसे में नवंबर अंत में फ्री में आवंटित गेहूं की सप्लाई बंद होने के बाद, दक्षिण भारत की मांग उत्तर प्रदेश और राजस्थान से बढ़ेगी, जिस कारण मौजूदा कीमतों में 150 से 200 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी बनने की संभावना है। ................ आर एस राणा
राजस्थान सरकारी खरीद शुरू होने से पहले मूंग की आवक घटी, उड़द में भी मंदा
आर एस राणा
नई दिल्ली। राजस्थान की मंडियों में मूंग की नई आवक में गिरावट आई है। पिछले सप्ताह के मुकाबले 20 फीसदी आवक कम मानी जा रही है। 15 अक्टूबर को प्रदेश की मंडियों 65 हजार बोरी मूंग की आमद रही थी, आज यह 52 हजार बोरी दर्ज की गई हैं। एमएसपी पर मूंग की खरीद घोषणा और पंजीयन शुरू करने की तैयारियों के बीच दागी मूंग भी मंडियों में आना कम हो गया हैं। मूंग के स्टॉकिस्ट भी सरकारी खरीद शुरू होने के बाद के हालातों तक रुके हुए हैं। प्रदेश की मंडियों में आज उड़द कीमतों में भी आंशिक गिरावट रही। मौठ की त्यौहारी मांग जारी रही, लेकिन कीमतों में सुस्ती देखी गई।
जयपुर मंडी में आज मूंग के भाव घटकर 6,750 से 7,000 रुपये, उड़द के भाव 5,900 से 6,200 रुपये और मोठ के भाव 5,600 से 5,750 रुपये प्रति क्विंटल रहे। मूंग और उड़द की कीमतों में 50 रुपये प्रति क्विंटल का मंदा आया, जबकि मोठ के भाव स्थिर बने रहे।
मेड़ता, केकड़ी, श्रीगंगानगर, किशनगढ़ और सीकर बेल्ट में मूंग की मंडी पहुंच कमजोर पड़ी हैं। मूंग के मीडियम और लोअर भाव आज 50 से 100 रुपए प्रति क्विंटल की गिरावट के साथ खुले। बॉयर्स का भी सपोर्टं आज मूंग के साथ नहीं दिखा। मौठ की मांग स्थानीय मिलों से रही। नौखा में आज मौठ की 5500 बोरी पहुंची।
आज श्रीगंगानगर मंडी में मूंग की 6200 बोरी, मेड़ता मंडी में मूंग की 6,600 बोरी, नागौर मंडी में 5,000 बोरी, रामंगज मंडी में मूंग की 2200 और उड़द की 1250 बोरी आवक रही। कोटा मंडी में आज बारिश के चलते उड़द 800 बोरी आई। नौखा मंडी में मौठ 5,500 बोरी आमद रही। केकड़ी मंडी में नया मूंग 2000 बोरी और उड़द 1000 बोरी पहुंचा। किशनगढ़ मंडी में 2500 बोरी नए मूंग की आवक रही। मूंग की बोरी का वजन 60 किलो से लेकर 80 किलो तक है।............ आर एस राणा
21 अक्टूबर 2020
धान की सरकारी खरीद 106 लाख टन से ज्यादा, भाव स्थिर
आर एस राणा
नई दिल्ली। पंजाब के साथ ही हरियाणा की मंडियों में बुधवार को धान की कीमतें स्थिर बनी रही। व्यापारियों के अनुसार राइस मिलों के पास चावल का पुराना स्टॉक ज्यादा है, जिस कारण मिलें धान की खरीद सीमित मात्रा में ही कर रही है। उत्पादक मंडियों में अगले महीने पूसा 1,121 धान की आवक बढ़ेगी, तथा चालू सीजन में इसका उत्पादन अनुमान कम है, ऐसे में अगले महीने चावल मिलों की धान में खरीद बढ़ने का अनुमान है।
भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर 106.88 लाख टन धान की खरीद कर चुकी है जोकि पिछले खरीफ सीजन के 84.88 लाख टन से 25.92 फीसदी ज्यादा है। कृषि मंत्रालय के अनुसार धान की एमएसपी पर खरीद सात राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में चल रही है, तथा अभी तक इन राज्यों के 9.37 लाख किसानों से धान की खरीद हुई है।
हरियाणा की करनाल मंडी में धान की कुल आवक 55 से 60 हजार बोरियों की हुई, जबकि इसमें पूसा 1,509 की आवक 8 से 9 हजार और पूसा 1,121 की आवक 1,500 से 2,000 बोरियों की हुई। मंडी में पूसा 1,509 किस्म के धान के भाव 1,800 से 1,925 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे जबकि पूसा 1,121 का व्यापार 2,400 से 2,500 रुपये प्रति क्विंटल की दर से हुआ। व्यापारियों के अनुसार कीमतें नीचे होने के कारण किसान पूसा 1,509 धान की बिकवाली कम रहे हैं, जिससे इसकी आवक में कमी आई है। नवंबर में पूसा 1,121 की आवक बढ़ने पर चावल मिलों की मांग में बढ़ोतरी का अनुमान है।
पंजाब की अमरतसर मंडी में बुधवार को 1,509 धान के भाव 1,800 से 1,925 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे। व्यापारियों के अनुसार मिलों के पास चावल का बकाया स्टॉक कम है, जिस कारण मिलें अभी सीमित मात्रा में ही खरीद कर रही है। उन्होंने बताया कि चालू सीजन में पूसा 1,509 की पैदावार ज्यादा होने का अनुमान है, जबकि 1,121 का उत्पादन अनुमान कम है। ऐसे में अगले महीने से चावल मिलों की खरीद धान में बढ़ेगी।..........आर एस राणा
स्टॉकिस्टों की सक्रियता से ग्वार गम और सीड तेज, निर्यात मांग कमजोर
आर एस राणा
नई दिल्ली। राजस्थान की जोधपुर और जयपुर मंडियों के साथ ही आज हरियाणा और गुजरात की मंडियों में भी ग्वार गम और ग्वार सीड की कीमतों मेंं तेजी तो आई, बावजूद इसके कि ग्वार गम उत्पादों में निर्यात मांग कमजोर है। एनसीडीईएक्स में ग्वार गम और सीड के वायदा अनुबंध में 3 फीसदी से अधिक की तेजी दर्ज की गई। ग्वार गम निर्यातकों के अनुसार मौजूदा हालात में ग्वार गम की निर्यात मांग बढ़ने के भी कोई संकेत नहीं है।
जोधपुर मंडी में ग्वार गम की कीमतों में आज 170 रुपये की तेजी आकर भाव 6,400 रुपये प्रति क्विंटल हो गए जबकि मिल डिलीवरी ग्वार सीड के भाव 4,025 रुपये प्रति क्विंटल पर पहुंच गए। इसी तरह से जयपुर में ग्वार गम के भाव 6,350 रुपये और ग्वार सीड के भाव 4,000 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।
ग्वार गम निर्माता रमेश बोहरा ने बताया कि खरीददार ग्वार गम की मौजूदा कीमतों पर खरीद कर रहे हैं, क्योंकि मौजूदा ग्वार गम की कीमतें ग्वार सीड के मौजूदा भाव के अनुपात में नीचे बनी हुई हैं। उत्पादक मंडियों में ग्वार सीड के दाम उंचे हैं। इसके बावजूद भी ग्वार सीड की कीमतों में आज मिल डिवलवरी सौदों में तेजी आई, साथ ही मंडियों में बोली पर भी कीमतें बढ़ी। कई मंडियों में आज ग्वार सीड के नीलामी भाव 3,900 रुपये प्रति क्विंटल को पार कर गए। राजस्थान की मंडियों में लेबर की हड़ताल चल रही है, जिस कारण मंडियों में ग्वार सीड की दैनिक आवक कम रही, व्यापारियों के अनुसार आज भाव में आई तेजी का एक प्रमुख कारण यह भी था। लेकिन इनके भाव में तेजी मुख्यत: वायदा भाव में आई भारी तेजी ही है।
एनसीडीईएक्स में आज ग्वार गम वायदा अनुबंध में 3.79 फीसदी और ग्वार सीड के वायदा अनुबंध में 2.88 फीसदी की तेजी दर्ज की गई। एक विश्लेषक के अनुसार, ग्वार कॉम्प्लेक्स की कीमतों में बढ़ोतरी के लिए वायदा में खरीदारी करने वाले निवेशकों के साथ ही कुछ कार्टिलाइज़ेशन वाले जिम्मेदार हैं। निर्यातकों के अनुसार कोई ऐसा कारण नहीं है, जिससे की कीमतों मेंं भारी तेजी आए, क्योंकि ग्वार गम उत्पादों की निर्यात मांग भी कमजोर है। .............. आर एस राणा
सीसीआई ने बिनौला के बिक्री भाव में कटौती रोकी, हाजिर में ग्राहकी कमजोर
आर एस राणा
नई दिल्ली। कॉटन कारर्पोरेशन आफ इंडिया (सीसीआई) ने पिछले एक सप्ताह से बिनौला के बिक्री भाव में कटौती को रोक दिया, लेकिन हाजिर बाजार में अभी घबराहट बनी हुई है, जिस कारण मांग नहीं बढ़ पा रही है। व्यापारियों के अनुसार सीसीआई ने बुधवार को उत्तर भारत के राज्यों पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में बिनौले का बिक्री 2,700 रुपये प्रति क्विंटल की दर से की तथा इन भाव में बिक्री भी बढ़ी है।
व्यापारियों के अनुसार सीसीआई ने बिनौला के बिक्री भाव में आज कटौती तो नहीं की, लेकिन यार्न मिलों की घबराहटापूर्ण बिकवाली अभी भी जारी है। बिनौला कारोबारी राजकुमार जैन ने बताया कि हरियाणा में सुबह बिनौला और खल के भाव में 25 से 50 रुपये प्रति क्विंटल का सुधार आया, हालांकि शाम होते, होते प्राइवेट मिलों ने बिक्री बढ़ा दी। उन्होंने बताया कि बिनौला और खल की तेजी, मंदी काफी हद तक सीसीआई के बिक्री भाव पर निर्भर करेगी। चालू सीजन में सीसीआई कपास की खरीद ज्यादा कर रही है, जिस कारण निगम से पास बिनौले की उपलब्धता भी ज्यादा रहेगी।
कृषि मंत्रालय के अनुसार सीसीआई पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और मध्य प्रदेश से समर्थन मूल्य पर कपास की खरीद शुरू कर चुकी है तथा निगम अभी तक इन राज्यों से 2,36,748 गांठ (एक गांठ-170 किलो) कपास की खरीद कर चुकी है जबकि पिछले खरीफ सीजन की समान अवधि में केवल 2,335 लाख गांठ की खरीद ही हुई थी।
हरियाणा के आदमपुर में बुधवार को बिनौले के भाव में 50 रुपये और खल के भाव में 30 रुपये प्रति क्विंटल का सुधार आया। आदमपुर में बिनौला के एक्स फैक्ट्री भाव बढ़कर 2,600 से 2,650 रुपये प्रति क्विंटल हो गए जबकि खल के भाव 2,350 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए। दादरी और भिवानी में बिनौला के भाव बढ़कर 2,600 रुपये और सिरसा में 2,750 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। व्यापारियों के अनुसार इन भाव में मांग कमजोर थी। ........ आर एस राणा
20 अक्टूबर 2020
वायदा में आई तेजी से ग्वार सीड और ग्वार के भाव बढ़े, मिलों की मांग कमजोर
आर एस राणा
नई दिल्ली। राजस्थान की जोधपुर के साथ ही अन्य मंडियों में ग्वार गम और ग्वार सीड की कीमतों में शाम को तेजी दर्ज की गई। वायदा कारोबार में आई तेजी का असर हाजिर बाजार पर पड़ा। जानकारों के अनुसार, वायदा के निवेशकों के साथ ही तेजड़ियों के कारण भाव बढ़े हैं इसीलिए भाव में तेजी आई। वैसे हाजिर में मिलों की मांग कमजोर है। राजस्थान, हरियाणा, गुजरात और पंजाब की मंडियों में नए ग्वार सीड की कीमतों में मिलाजुला रुख देखा गया। राजस्थान की मंडियों में मजदूरों की हड़ताल के कारण कुल आवक लगभग 30,000 बोरियों से कम रही।
सुबह में हाजिर बाजार में ग्वार सीड और गम की कीमतों में गिरावट आई थी, वायदा बाजार में भाव में मंदे का रुख था। लेकिन शाम के समय ग्वार गम की कीमतों में जोधपुर में 100 रुपये प्रति क्विंटल और ग्वार सीड की कीमतों में 25 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आई। एनसीडीईएक्स में ग्वार गम और ग्वार सीड के वायदा अनुबंध में 1.5 से 2.99 फीसदी की तेजी दर्ज की गई।.........आर एस राणा
सीसीआई ने बिनौला के बिक्री भाव में और 50 रुपये की कटौती की, कीमतों पर दबाव
आर एस राणा
नई दिल्ली। कॉटन कारर्पोरेशन आफ इंडिया (सीसीआई) ने उत्तर भारत के राज्यों में मंगलवार को बिनौला के बिक्री भाव में 50 रुपये प्रति क्विंटल की कटौती की जिससे हाजिर बाजार में बिनौला के साथ ही खल की कीमतों पर दबाव बना हुआ है। व्यापारियों ने अनुसार पिछले दस दिनों में हाजिर मंडियों में बिनौला और खल की कीमतों में 500 रुपये प्रति क्विंटल से ज्यादा का मंदा आ चुका है, तथा घटे भाव में ग्राहकी नहीं आ रही है जिस कारण मिलों की घबराहटपूर्ण बिकवाली बनी हुई है।
सीसीआई ने मंगलवार को उत्तर भारत के राज्यों पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में बिनौले का बिक्री भाव घटकर 2,700 रुपये प्रति क्विंटल तय किया, जबकि सोमवार को सीसीसआई ने इन राज्यों में 2,750 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर बिनौला बेचा था। व्यापारियों के अनुसार सीसीआई द्वारा लगातार कीमतों में कटौती करने से हाजिर में ग्राहकी नहीं आ रही है, जिस कारण प्राइवेट मिलों की घबराहटपूर्ण बिकवाली बनी हुई है। उन्होंनेे बताया कि सीसीआई बिनौला के भाव में पिछले दस दिनों में 350 रुपये प्रति क्विंटल की कटौती कर चुकी, जबकि प्रावइेट यार्न मिलें इस दौरान भाव 500 रुपये प्रति क्विंटल से ज्यादा घटा चुकी है। उन्होंने बताया कि सीसीआई लगातार कीमतों में कम कर रही है, जिस कारण घटे भाव में भी मांग नहीं आ रही है।
हरियाणा के आदमपुर में मंगलवार को बिनौले के भाव में 100 रुपये और खल के भाव में 80 रुपये प्रति क्विंटल का मंदा आया। आदमपुर में बिनौला के एक्स फैक्ट्री भाव घटकर 2,550 से 2,600 रुपये प्रति क्विंटल रह गए जबकि खल के भाव 2,320 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए। दादरी और भिवानी में बिनौला के भाव घटकर 2,550 रुपये और सिरसा में 2,700 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
राजस्थान में आज बिनौला और खल की कीमतों में 50 रुपये प्रति क्विंटल का मंदा आया। खैरथल में आज बिनौले के एक्स फैक्ट्री भाव घटकर 2,500 से 2,550 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। जबकि कपास खल के भाव घटकर 2,450 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए। व्यापारियों के अनुसार सीसीआई द्वारा कीमतों मेंं कटौती का असर हाजिर मांग पर पड़ रहा है, तथा घटे भाव में भी खरीददार खरीद नहीं कर रहे हैं। ..........आर एस राणा
पंजाब में किसानों के लिए प्रस्ताव, एमएसपी से कम दाम पर खरीदी फसल तो होगी तीन साल की जेल
आर एस राणा
नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार द्वारा पास किए गए तीन कृषि कानूनों किसान अध्यायदेशों के खिलाफ कदम उठाने वाला पंजाब पहला राज्य बन गया। मंगलावर को राज्य की कांग्रेस सरकार ने राज्य के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की अगुआई में विधानसभा में तीन विधेयक पेश किए। अमरिंदर सिंह द्वारा पेश किए तीन विधेयक, किसान उत्पादन व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) विशेष प्रावधान एवं पंजाब संशोधन विधेयक 2020, आवश्यक वस्तु (विशेष प्रावधान और पंजाब संशोधन) विधेयक 2020 और किसान (सशक्तीकरण और संरक्षण) समझौता मूल्य आश्वासन एवं कृषि सेवा (विशेष प्रावधान और पंजाब संशोधन) विधेयक 2020 हैं।
पंजाब सरकार द्वारा पेश किए गए विधेयकों में कहा गया है कि अगर किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य एमएसपी से कम भाव पर उनकी फसल का दाम दिया तो तीन साल की जेल हो सकती है। अगर कोई कंपनी या व्यक्ति किसानों पर जमीन और फसल को लेकर कोई दबाव बनाती है तो उसे जेल हो सकती है। विधेयक में केंद्र के कानूनों की आलोचना करते हुए कहा कि इन विधेयकों के अलावा कृषि बिल में जो बदलाव किए गए हैं, वे भी किसान और मजदूरों के खिलाफ हैं।
अमरिंदर ने विधेयकों को पेश करते हुए भावुक भाषण भी दिया। उन्होंने विपक्षी अकाली दल को निशाने पर भी लिया। अमरिंदर ने कहा कि उनकी सरकार अगर गिरती है तो गिर जाए। उन्हें इसका डर नहीं है लेकिन वह किसानों के साथ हैं। अमरिंदर सिंह ने कहा कि केंद्र का कृषि बिल किसानों और भूमिहीन श्रमिकों के हितों के खिलाफ हैं। .... आर एस राणा
19 अक्टूबर 2020
चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में डीओसी का निर्यात एक फीसदी बढ़ा
आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू वित्त वर्ष 2020-21 की पहली छमाही अप्रैल से सितंबर के दौरान डीओसी के निर्यात में एक फीसदी की बढ़ोतरी होकर कुल निर्यात 13,00,134 टन का हुआ है, जबकि इसके पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इनका निर्यात 12,87,479 टन का ही हुआ था।
साल्वेंट एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) के अनुसार सितंबर में डीओसी के भारी बढ़ोतरी हुई है, तथा इस दौरान कुल 2,86,957 टन डीओसी का निर्यात हुआ है जोकि पिछले साल के सितंबर के 1,41,184 टन से लगभग दोगुना है।
एसईए के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2020-21 के पहले छह महीनों में सरसों डीओसी के निर्यात में 23 फीसदी की बढ़ोतरी होकर कुल निर्यात 6,27,890 टन का हो चुका है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में निर्यात 5,11,344 टन का हुआ था। सोया डीओसी का निर्यात चालू वित्त वर्ष के पहले छह महीनों में घटकर 3,17,915 टन का ही हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 3,63,901 टन सोया डीओसी का निर्यात हुआ था।
डीओसी की कीमतों में अगस्त के मुकाबले सितंबर में बढ़ोतरी हुई है। सोया डीओसी के भाव भारतीय बंदरगाह पर सितंबर में बढ़कर 459 डॉलर प्रति टन के हो गए जोकि अगस्त में 445 डॉलर प्रति टन थे। इसी तरह से सरसों डीओसी के भाव अगस्त के 219 डॉलर से बढ़कर सितंबर में 220 डॉलर प्रति टन हो गए। ................ आर एस राणा
चालू पेराई सीजन में 310 लाख टन चीनी के उत्पादन का अनुमान -इस्मा
आर एस राणा
नई दिल्ली। गन्ने के बुआई क्षेत्रफल में हुई बढ़ोतरी के साथ ही उत्पादक क्षेत्रों में हुई अच्छी बारिश से पहली अक्टूबर 2020 से शुरू हुए चालू पेराई सीजन 2020-21 (अक्टूबर से सितंबर) के दौरान देश में 310 लाख टन चीनी के उत्पादन का अनुमान है जोकि पेराई सीजन 2019-20 के 274.2 लाख टन से ज्यादा है।
इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन आफ इंडिया (इस्मा) के पहले आरंभिक अनुमान के अनुसार सबसे बड़े उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में चीनी का उत्पादन पेराई सीजन 2020-21 में 124.57 लाख टन होने का अनुमान है जोकि पिछले पेराई सीजन 126.37 लाख टन से थोड़ा कम है। महाराष्ट्र में चीनी का उत्पादन बढ़कर चालू पेराई सीजन में 108.02 लाख टन होने का अनुमान है जोकि पेराई सीजन 2019-20 के 61.68 लाख टन से 46.34 लाख टन ज्यादा है। पिछले पेराई सीजन में बाढ़ से राज्य में गन्ने की फसल को भारी नुकसान हुआ था।
अन्य प्रमुख उत्पादक राज्य कर्नाटक में चालू पेराई सीजन में चीनी का उत्पादन बढ़कर 46.04 लाख टन होने का अनुमान है जबकि पिछले पेराई सीजन में उत्पादन 34.96 लाख टन का ही हुआ था। हालांकि तमिलनाडु में चीनी का उत्पादन पिछले साल के 7.90 लाख टन से घटकर 7.51 लाख टन का ही होने का अनुमान है। गुजरात में चीनी का उत्पादन चालू पेराई सीजन में बढ़कर 10.81 लाख टन होने का अनुमान है जबकि पिछले पेराई सीजन में 9.32 लाख टन का उत्पादन हुआ था। अन्य राज्यों में चीनी का उत्पादन 33.28 लाख टन होने का अनुमान है।
इस्मा के अनुसार पिछले साल पहली अक्टूबर 2019 को पेराई सीजन के आरंभ में 145.80 लाख टन चीनी का बकाया स्टॉक बचा हुआ था, जबकि उत्पादन 274.2 लाख टन का हुआ था। देश में चीनी की सालाना खपत 257 लाख टन की हुई तथा 56.5 लाख टन का निर्यात हुआ। ऐसे में इस बार पहली अक्टूबर 2020 को बकाया स्टॉक 106.4 लाख टन बचने का ही अनुमान है। ...................आर एस राणा
17 अक्टूबर 2020
बर्मा में लेमन अरहर आज भी तेज, भारतीय आयातकों की मांग
आर एस राणा
नई दिल्ली। भारतीय आयातकों से खरीद से शनिवार को बर्मा में लेमन अरहर की कीमतों में लगातार दूसरे दिन तेजी जारी रही। लेमन अरहर की कीमतों में 10 डॉलर प्रति टन की तेजी आकर भाव 810 डॉलर प्रति टन सीएडंएफ बोले गए।
इसी तरह से आयातित उड़द एफएक्यू और एसक्यू की कीमतों में भी आज तेजी आई, लेकिन कोई व्यापार नहीं हुआ। उड़द एफएक्यू के भाव में 15 डॉलर की तेजी आकर भाव 970 डॉलर और एफएक्यू के भाव में 25 डॉलर की तेजी आकर 1,180 डॉलर प्रति सीएडंएफ बोले गए।
भारतीय आयातकों ने करीब 70 से 80 केंटनरों के आयात सौदे लेमन अरहर के 765 डॉलर प्रति टन एफओबी के आधार पर किए। इस बीच, भारत के खरीदार अभी भी सक्रिय हैं।
स्थानीय व्यापारी के अनुसार, भारत के लिए दो वैसल अगले सप्ताह रवाना होंगे तथा एक वैसल 6 नवंबर को रवाना होने की उम्मीद।
केंद्र सरकर ने हाल में चार लाख टन अरहर आयातकों को लाइसेंस जारी किए हैं, डीजीएफटी के अनुसार अरहर का आयात 15 नवंबर 2020 तक होगा।.......... आर एस राणा
सोयाबीन का आयात 177 फीसदी बढ़ा, सोया डीओसी का निर्यात 62 फीसदी घटा-सोपा
आर एस राणा
नई दिल्ली। फसल सीजन 2019-20 (अक्टूबर से सितंबर) में सोयाबीन के आयात में जहां 177 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है, वहीं सोया डीओसी का निर्यात इस दौरान 62.13 फीसदी घट गया।
सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन आफ इंडिया (सोपा) के अनुसार फसल सीजन 2019-20 में सोयाबीन का आयात बढ़कर पांच लाख टन का हुआ है, जबकि पिछले फसल सीजन 2018-19 में 1.80 लाख टन सोयाबीन का आयात हुआ था। सोया डीओसी का निर्यात फसल सीजन 2019-20 में घटकर 8.25 लाख टन का ही हुआ है जबकि इसके पिछले फसल सीजन के दौरान 21.79 लाख टन का निर्यात हुआ था।
सोपा के अनुसार फसल सीजन 2019-20 में सोयाबीन का उत्पादन 93.06 लाख टन का हुआ था, जबकि पिछले साल का 1.70 लाख टन का बकाया स्टॉक बचा हुआ था। ऐसे में कुल उपलब्धता 94.76 लाख टन की थी, इसमें पांच लाख टन आयात एवं सितंबर में दो लाख टन नई फसल की आवक को भी जोड़ दे तो 101.76 लाख टन की उपलब्धता बैठी। इसमें से 12 लाख टन की खपत बीज में हुई इसलिए क्रेसिंग के लिए 89.76 लाख टन की उपलब्धता रही।
पहली अक्टूबर 2019 से सितंबर 2020 तक मंडियों में सोयाबीन की आवक 79.45 लाख टन की हुई, जबकि क्रेसिंग 81.50 लाख टन की हुई। दो लाख टन की डायरेक्ट खपत हो गई, जबकि 0.90 लाख टन निर्यात हो गया। अत: पहली अक्टूबर 2020 को बकाया स्टॉक 5.36 लाख टन का बचा है, जोकि पिछले साल के बकाया 1.73 लाख टन से ज्यादा है।............ आर एस राणा
दैनिक आवक बढ़ने से चालू सप्ताह में मूंग 500 रुपये सस्ती हुई
आर एस राणा
नई दिल्ली। राजस्थान की मंडियों में चालु सप्ताह में मूंग कीमतों में 500 रुपए प्रति क्विंटल का मंदा आ चुका है। इसकी वजह मंडियों में नए मूंग की बंपर आवक है। आज भी प्रदेश की मंडियों में चालीस हजार बोरी मूंग पहुंचा। उड़द और मौठ कीमतों में भी गिरावट का दौर देखा गया, हालांकि इन दोनों की आवक सामान्य हैं।
जयपुर में मूंग 50 रुपए प्रति क्विंटल मंदा रहा। जयपुर में मूंग कीमत 6800-7100 रुपए प्रति क्विंटल बोला गई, निचले भावों में 4400 से 4750 रुपए प्रति क्विंटल रहा। जयपुर मंडी में उड़द आज 5850-6200 रुपए प्रति क्विंटल रही। मौठ आज 50 रुपए प्रति क्विंटल की गिरावट के साथ 5600-5800 रुपए प्रति क्विंटल रहा। मेड़ता मंडी में मूंग कीमतों में 60 रुपए प्रति क्विंटल तक का मंदा दिखा। मूंग निचले भावों में 4450-4640 रुपए प्रति क्विंटल और उंचे भावों में 6900-7200 रुपए रहा। नौखा मंडी में मूंग नीचे भावों में 4600-4850 और उंचे भावों में 6800 से 7000 रुपए प्रति क्विंटल रहा। नौखा मंडी में मौठ 5600-5800 रुपए प्रति क्विंटल बिकी। केकड़ी मंडी में मूंग 5900-6100 रुपए प्रति क्विंटल रहा। उड़द 6100-6400 रुपए प्रति क्विंटल रही। प्रतापगढ़ मंडी में उड़द कीमतें 5500-5700 रुपए प्रति क्विंटल रही।
मंडियों में मूंग की मंडी आवक लगातार इजाफा है। श्रीगंगानगर मंडी में मूंग की 11000 बोरी, मेड़ता मंडी में मूंग की 13,000 बोरी, नागौर मंडी में 17,000 बोरी, रामंगज मंडी में मूंग की 4500 और उड़द की 2000 बोरी आवक रही। कोटा मंडी में उड़द 2700 बोरी आई। नौखा मंडी में मौठ की आवक 3000 बोरी रही। केकड़ी मंडी में नया मूंग 4500 बोरी और उड़द 1200 बोरी पहुंचा। किशनगढ़ मंडी में 3000 बोरी नए मूंग की आवक रही। मूंग की बोरी का वजन 60 किलो से लेकर 80 किलो तक है।........... आर एस राणा
खाद्य एवं अखाद्य तेलों का आयात सितंबर में 19 फीसदी घटा
आर एस राणा
नई
दिल्ली। सितंबर में खाद्य एवं अखाद्य तेलों के आयात में 19 फीसदी की कमी
आकर कुल आयात 10,61,944 टन का ही हुआ है जबकि पिछले साल सितंबर में आयात
13,03,976 टन का हुआ था। सितंबर में खाद्य तेलों का आयात 10,44,242 टन एवं
अखाद्य तेलों का आयात 17,702 टन का हुआ है।
साल्वेंट एक्सट्रेक्टर्स
एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) के अनुसार चालू तेल वर्ष (नवंबर-19 से
अक्टूबर-20) के पहले 11 महीनों नवंबर-19 से सितंबर-20 के दौरान खाद्य एवं
अखाद्य तेलों के आयात में 13.5 फीसदी की गिरावट आकर कुल आयात 12,257,834 टन
का ही हुआ है जबकि पिछले तेल वर्ष की समान अवधि में आयात 14,171,462 टन का
आयात हुआ था। एसईए के अनुसार चालू तेल वर्ष में कुल आयात 19 से 20 लाख टन
घटकर 135 से 136 लाख टन ही होने का अनुमान है जबकि पिछले तेल वर्ष में आयात
150.50 लाख टन का हुआ था।
विश्व बाजार में खाद्य तेलों की कीमतों में
आई तेजी के कारण सितंबर में आयातित खाद्य तेलों के दाम बढ़े हैं। भारतीय
बंदरगाह पर सितंबर में आरबीडी पामोलीन का भाव बढ़कर औतसन 769 डॉलर प्रति टन
हो गया, जबकि अगस्त में इसका औसत भाव 739 डॉलर प्रति टन था। इस दौरान
क्रुड पॉम तेल का भाव औसतन 723 डॉलर प्रति टन से बढ़कर 751 डॉलर प्रति टन
हो गया। क्रुड सोयाबीन तेल का भाव भी अगस्त के 806 डॉलर प्रति टन से बढ़कर
सितंबर में भारतीय बंदरगाह पर 861 डॉलर प्रति टन हो गया।.......... आर एस राणा
16 अक्टूबर 2020
राजस्थान में दलहन की सरकारी खरीद पहली नवंबर से, 20 अक्टूबर से पंजीकरण
आर एस राणा
नई
दिल्ली। राजस्थान में न्यूनत समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर मूंग, उड़द, सोयाबीन
एवं मूंगफली की खरीद पहली नवंबर 2020 से होगी। ऑनलाइन पंजीकरण मंगलवार, 20
अक्टूबर से शुरू होगा। 850 से अधिक खरीद केन्द्रों पर मूंग, उड़द एवं
सोयाबीन की 1 नवम्बर से तथा 18 नवम्बर 2020 से मूंगफली खरीद की जाएगी।
सहकारिता
मंत्री उदय लाल आंजना ने बताया कि केन्द्र सरकार को मूंग की 3.57 लाख
मीट्रिक टन, उड़द 71.55 हजार, सोयाबीन 2.92 लाख तथा मूंगफली 3.74 लाख
मीट्रिक टन की खरीद के लक्ष्य की स्वीकृति भारत सरकार ने दी है।
मूंग
के लिए 365, उड़द के लिए 161, मूंगफली के 266 एवं सोयबीन के लिए 79 खरीद
केन्द्र चिह्वित किए गए हैं। किसान ई-मित्र एवं खरीद केन्द्रों पर सुबह 9
बजे से शाम 7 बजे तक पंजीयन कर सकेंगे।
वर्ष 2020-21 के लिए मूंग के
लिए 7196 रुपये एवं उड़द के लिए 6000 रुपये, मूंगफली के लिए 5275 रुपये एवं
सोयाबीन के लिए 3880 रुपये प्रति क्विंटल प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य घोषित
किया है।
प्रमुख शासन सचिव सहकारिता कुंजीलाल मीणा ने बताया कि किसान
को जनआधार कार्ड नम्बर, खसरा गिरदावरी की प्रति एवं बैंक पासबुक की प्रति
पंजीयन फार्म के साथ अपलोड़ करनी होगी। जिस किसान द्वारा बिना गिरदावरी के
अपना पंजीयन करवाया जायेगा, उसका पंजीयन समर्थन मूल्य पर खरीद के लिये
मान्य नहीं होगा। यदि ई-मित्र द्वारा गलत पंजीयन किये जाते या तहसील के
बाहर पंजीकरण किये जाते है तो ऎसे ई-मित्रों के खिलाफ कठोर कानूनी
कार्यवाही की जाएगी। किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए हेल्प लाइन
नम्बर 1800-180-6001 भी 20 अक्टूबर से शूरू होगा।............ आर एस राणा
खाद्य एवं अखाद्य तेलों का आयात सितंबर में 19 फीसदी घटा
आर एस राणा
नई दिल्ली। सितंबर में खाद्य एवं अखाद्य तेलों के आयात में 19 फीसदी की कमी आकर कुल आयात 10,61,944 टन का ही हुआ है जबकि पिछले साल सितंबर में आयात 13,03,976 टन का हुआ था। सितंबर में खाद्य तेलों का आयात 10,44,242 टन एवं अखाद्य तेलों का आयात 17,702 टन का हुआ है।
साल्वेंट एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) के अनुसार चालू तेल वर्ष (नवंबर-19 से अक्टूबर-20) के पहले 11 महीनों नवंबर-19 से सितंबर-20 के दौरान खाद्य एवं अखाद्य तेलों के आयात में 13.5 फीसदी की गिरावट आकर कुल आयात 12,257,834 टन का ही हुआ है जबकि पिछले तेल वर्ष की समान अवधि में आयात 14,171,462 टन का आयात हुआ था। एसईए के अनुसार चालू तेल वर्ष में कुल आयात 19 से 20 लाख टन घटकर 135 से 136 लाख टन ही होने का अनुमान है जबकि पिछले तेल वर्ष में आयात 150.50 लाख टन का हुआ था।
विश्व बाजार में खाद्य तेलों की कीमतों में आई तेजी के कारण सितंबर में आयातित खाद्य तेलों के दाम बढ़े हैं। भारतीय बंदरगाह पर सितंबर में आरबीडी पामोलीन का भाव बढ़कर औतसन 769 डॉलर प्रति टन हो गया, जबकि अगस्त में इसका औसत भाव 739 डॉलर प्रति टन था। इस दौरान क्रुड पॉम तेल का भाव औसतन 723 डॉलर प्रति टन से बढ़कर 751 डॉलर प्रति टन हो गया। क्रुड सोयाबीन तेल का भाव भी अगस्त के 806 डॉलर प्रति टन से बढ़कर सितंबर में भारतीय बंदरगाह पर 861 डॉलर प्रति टन हो गया। ......... आर एस राणा
बासमती चावल की कीमतों में 100 रुपये का मंदा, मिलों के पास बकाया स्टॉक ज्यादा
आर एस राणा
नई दिल्ली। धान की भारी आवक और चावल मिलों की बिकवाली के कारण करनाल में चावल की कीमतों पर आज दबाव रहा। चावल की विभिन्न किस्मों की कीमतों में आज 50-100 रुपये प्रति क्विंटल का मंदा आया। बाजार इस समय ईरान की आयात मांग का इंतजार रहा है व्यापारियों को उम्मीद है कि ईरान की आयात मांग बढ़ने पर घरेलू बाजार में चावल की कीमतों में तेजी आयेगी।
हरियाणा की करनाल मंडी में आज पूसा 1,509 चावल की कीमतों में 100 रुपये प्रति क्विंटल का मंदा आकर स्टीम चावल के भाव 4,700 रुपये से घटकर 4,600 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। 1,509 के सेला चावल की कीमतों में भी गिरावट आई। चावल व्यापारियों ने बताया कि पूसा 1509 धान की आवक ज्यादा हो रही है, तथा कीमतें कम होने के कारण मिलर्स मिलिंग कम रहे हैं। चावल की उपलब्धता ज्यादा होने से कीमतों में गिरावट आई है। पूसा 1121 चावल की कीमतोंं में भी करनाल में 50 रुपये प्रति क्विंटल का मंदा आया है क्योंकि मिलर्स अपने पुराने स्टॉक को खाली करने की कोशिश कर रहे है। हालांकि, दिल्ली और फाजिल्का (पंजाब) में चावल की कीमतें स्थिर बनी रही।
व्यापारियों के अनुसार, बाजार को ईरान की आयात मांग का बेसब्री से इंतजार है। अगर ईरान की भारतीय चावल में मांग बढ़ती है तो तो चावल की कीमतें 500 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी जल्द बन सकती है। हाल ही में, एपीडा ने वेबिनार के माध्यम से निर्यात पर ईरानी अधिकारियों के साथ चर्चा की है। भारत और ईरान के अधिकारियों के बीच आधिकारिक वार्ता के बाद, व्यापारियों और निर्यातकों को चावल के निर्यात सौदों में तेजी आने की उम्मीद है।... आर एस राणा
सीसीआई की बिकवाली बढ़ने से बिनौला चार दिनों में 250 रुपये घटा, खल में भी मांग कमजोर
आर एस राणा
नई दिल्ली। कॉटन कारर्पोरेशन आफ इंडिया (सीसीआई) लगातार बिनौला के बिक्री भाव घटा रही है, जिससे उत्तर भारत के राज्यों में बिनौला के साथ ही खल की कीमतों में मंदा बना हुआ है। सीसीआई ने आज बिनौले के बिक्री भाव में 50 रुपये की कटौती कर हरियाणा में 2,800 रुपये और पंजाब तथा राजस्थान में भाव 2,850 रुपये प्रति क्विंटल तय किया। पिछले चार दिनों में सीसीआई बिनौला के भाव में 250 रुपये प्रति क्विंटल की कटौती कर चुकी है।
हरियाणा के बिनौला कारोबारियों ने बताया कि पिछले चार दिनों में सीसीआई बिनौला के बिक्री भाव में हरियाणा में 250 रुपये और पंजाब तथा राजस्थान के बिक्री केंद्रों पर 200 रुपये प्रति क्विंटल तक घटा चुकी है। इस का असर बाजार में बिनौला और खल की कीमतों पर पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि प्राइवेट यार्न मिलों को भी भाव घटाकर बिकवाली करनी पड़ रही है।
हरियाणा के आदमपुर में आज बिनौले के एक्ट फैक्ट्री भाव घटकर 2,800 रुपये प्रति क्विंटल रह गए जबकि खल के भाव 2,500 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए। बरवाला में खल के भाव घटकर 2,490 रुपये और उचाना में 2,630 रुपये प्रति क्विंटल लूज में रह गए। व्यापारियों के अनुसार घटे भाव में भी मांग नहीं बढ़ पा रही है, क्योंकि खरीददार को लग रहा है कि सीसीआई भाव में और भी कमी कर सकती है। हालांकि कपास की कीमतें उत्तर भारत में तेज बनी हुई है, जबकि बिनौले और खल के दाम घट रहे हैं, इससे मिलों को पड़ते नहीं लग रहे हैं।
राजस्थान में आज बिनौला के भाव में 100 रुपये और खल के भाव 50 रुपये प्रति क्विंटल का मंदा आया। खैरथल में आज बिनौले के एक्स फैक्ट्री भाव घटकर 2,700 से 2,750 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। जबकि कपास खल के भाव घटकर 2,600 से 2,675 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए। जानकारों के अनुसार कीमतों में गिरावट के बाद भी पशुआहार वालों की मांग नहीं बढ़ पा रही है। .............. आर एस राणा
14 अक्टूबर 2020
दिल्ली में गुड़ के दाम 100 रुपये घटे, अब दशहरे तक ज्यादा मंदे की उम्मीद नहीं
आर एस राणा
नई दिल्ली। उत्पादक मंडियों में गुड़ की दैनिक आवक बढ़ी है, जबकि खपत केंद्रों की मांग सीमित मात्रा में ही बनी हुई है। इसलिए गुड़ के भाव में आज दिल्ली में 100 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट दर्ज की गई। जानकारों के अनुसार आगे दशहरे की मांग गुड़ में बढ़ेगी, इसलिए मौजूदा कीमतों में अब ज्यादा मंदा आने की उम्मीद नहीं है।
दिल्ली के नया बाजार में बुधावार को गुड़ चाकू के भाव घटकर 3,000 से 3,100 रुपये प्रति क्विंटल और डैंया के भाव 3,200 से 3,300 रुपये प्रति क्विंटल प्रति क्विंटल रह गए। व्यापारियों के अनुसार खपत केंद्रों की मांग कम होने के कारण आज इनके भाव में 100 रुपये प्रति क्विंटल का मंदा आया। हालांकि खुरपापाड़ गुड़ के भाव 3,000 से 3,050 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर ही बने रहे।
नया बाजार के गुड़ कारोबारियों ने बताया कि गुड़ में दशहरे तक त्योहारी मांग बनी रहेगी, इसलिए मौजूदा कीमतों में अब ज्यादा मंदा आने की उम्मीद नहीं है। उन्होंने बताया कि चीनी मिलों में अभी पेराई शुरू नहीं हुई है, जिस कारण किसान कोल्हू संचालकों को गन्ना बेच रहे हैं। उन्होंने बताया कि सर्दी बढ़ने पर गुड़ की मांग में सुधार आयेगा, साथ ही आवक भी बढ़ेगी। ऐसे में माना जा रहा है कि नवंबर में आवक का दबाव पर मौजूदा कीमतों में गिरावट आयेगी।
मुजफ्फरनगर मंडी में बुधवार को गुड़ चाकू और पेड़ी के भाव में 10 से 20 रुपये प्रमि मन का मंदा आया। मंडी में गुड़ चाकू का भाव 1,280 से 1,300 रुपये प्रति मन (एक मन-40 किलो) रह गया। पेड़ी के भाव 20 रुपये घटकर 1,180 से 1,200 रुपये प्रति मन पर बोले गए। खुरपापाड़ गुड़ के भाव में कारोबार 1,040 से 1,080 रुपये प्रति मन पर हुआ। मंडी में नए गुड़ की आवक करीब 4,500 से 5,000 कट्टों की हुई जबकि सोमवार को भी आवक इतनी ही हुई थी। व्यापारियों के अनुसार केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के कारण मंंडी के बजाए कोल्हुओं से सीधा व्यापार ज्यादा हो रहा है। उन्होंने बताया कि इन दिनों आमतौर पर गुड़ की आवक 20 से 25 हजार कट्टों (एक कट्टा-40 किलो) की होती थी, लेकिन अभी कुल आवक 5,000 कट्टों की ही हो रही है। .............. आर एस राणा
आयातित उड़द के भाव में 100 से 200 रुपये का मंदा, मूंग में 300 रुपये का मंदा
आर एस राणा
नई दल्ली। आयातित उड़द की कीमतों में बुधवार को मुंबई, दिल्ली और कोलकाता में 100-200 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट दर्ज की गई। व्यापारियों के अनुसार खुदरा में मांग कमजोर होने से मंदा आया है।
चेन्नई के बाजार में आयातित उड़द के दाम स्थिर बने रहे।
दालों पर अभी भी दबाव है क्योंकि सरकारी एजेंसियों ने पुराने खरीद स्टॉक की बिकवाली बढ़ा दी है और साथ ही दालों की बढ़ती कीमतों की जांच के लिए खुदरा बिक्री के लिए रियायती दर पर राज्यों को केंद्र ससरकार बफर स्टॉक से दालें बेचने की पेशकश कर रहा है।
दिल्ली में एफएक्यू उड़द के भाव घटकर आज 7,850 रुपये और मुंबई में एफएक्यू के भाव 7,800 रुपये प्रति क्विंटल रहे।
मूंग के भाव में आज 100 से 300 रुपये प्रति क्विंटल का मंदा आया। मूंग में ग्राहकी कमजोर है जबकि नई फसल की आवक बढ़ रही है। केकड़ी मंडी में मूंग के भाव घटकर 6,000 से 7,700 रुपये और जयपुर में 7,500 से 7,600 रुपये प्रति क्विंटल बिल्टी के भाव रह गए।................ आर एस राणा
13 अक्टूबर 2020
चावल में ग्राहकी कमजोर होने से धान के भाव रुके, पूसा 1,509 धान की आवक घटी
आर एस राणा
नई दिल्ली। घटे भाव में पंजाब और हरियाणा के किसानों की बिकवाली कम आने से इन राज्यों की मंडियों में आज पूसा 1,509 धान के भाव रुक गए। व्यापारियों के अनुसार चावल मिलों की मांग काफी कमजोर है, हालांकि अब सूखे मालों की आवक बढ़ रही है तथा मौसम भी साफ है। व्यापारियों के मौजूदा भाव नीचे के बन चुके हैं, तथा आगे मिलों की मांग बढ़ने पर सुधार ही आने का अनुमान है।
पंजाब की फाजिल्का मंडी के धान कारोबारी पवन बंसल ने बताया कि मंडी में आज धान की कुल आवक 40 से 45 हजार क्विंटल की हुई, तथा इसमें पूसा 1,509 की आवक केवल आठ से दस क्विंटल की ही थी। उन्होंने बताया कि पिछले सप्ताह इसके भाव में करीब 150 रुपये प्रति क्विंटल का मंदा आया था, जिस कारण किसान की बिकवाली कम हुई है। किसान इस समय परमल धान ज्यादा ला रहा है, जोकि सरकारी एजेंसियों द्वारा खरीदा जा रहा है।
हरियाणा की करनाल मंडी में धान की आवक आज 60 से 65 हजार क्विंटल की हुई तथा इसमें पूसा 1,509 की आवक केवल 12 से 15 हजार क्विंटल की थी। मंडी में पूसा 1,509 धान कंबाईन से कटे हुए के भाव 1,800 रुपये और हाथ से कटे हुओं का 1,900 रुपये प्रति क्विंटल की दर से व्यापार हुआ। चावल में ग्राहकी कमजोर है इसीलिए मिलर्स धान की खरीद सीमित मात्रा में ही कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि पूसा 1,509 बासमती सेला चावल का भाव घटकर 3,500 रुपये प्रति क्विंटल रह गया, जोकि पिछले सप्ताह 3,700 रुपये प्रति क्विंटल था। इसी तरह से पूसा 1,121 सेला चावल का भाव घटकर 4,950 रुपये प्रति क्विंटल रह गया।
पंजाब की अमरतसर मंडी में आज धान की कुल आवक करीब 75 से 80 हजार क्विंटल की हुई, इसमें 80 फीसदी परमल की आवक हुई। व्यापारियों के अनुसार नीचे भाव में किसान पूसा 1,509 की बिकवाली नहीं कर रहे हैं, इसलिए इसकी आवक में कमी आई है।
दिल्ली की नरेला मंडी में पूसा 1,509 धान के भाव आज 1,800 से 1,850 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे। नरेला मंडी में धान की आवक ज्यादातर उत्तर प्रदेश से हो रही है, तथा उत्तर प्रदेश के मालों की नमी 25 से 30 फीसदी तक आ रही है, इसलिए नीचे दाम पर बिक रहे हैं। ............ आर एस राणा
चार लाख टन अरहर आयात के लिए केंद्र ने दाल मिलों को लाइसेंस जारी किए
आर एस राणा
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने चालू वित्त वर्ष 2020-21 के तय कोटे की चार लाख टन अरहर आयात के लिए दाल मिलों को लासेंस जारी कर दिए।
विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) के अनुसार अरहर का आयात 15 नवंबर 2020 तक किया जायेगा, जबकि उड़द के आयात के लिए समय सीमा को बढ़ाकर 31 मार्च 2021 तक किया गया है।
सफल आवेदक 280 टन अरहर का आयात कर सकेंगे, जबकि उड़द का आयात मिलर्स 97 टन कर सकेगा। आवेदकों को तत्काल आधार पर लाइसेंस के लिए क्षेत्रीय अधिकारियों से संपर्क करना होगा।
केंद्र सरकार ने चालू वित्त वर्ष 2020-21 के लिए चार लाख टन अरहर और चार लाख टन उड़द के आयात की मंजूरी दी थी, उड़द का आयात अगस्त 2020 तक करना था, लेकिन तय समय में केवल ढाई लाख टन का ही आयात हो पाया जबकि डेढ़ लाख टन उड़द का आयात बचा हुआ है।............ आर एस राणा
12 अक्टूबर 2020
राजस्थान में राजफेड को मंडी शुल्क से छूट, तिलहन, दलहन की सरकारी खरीद पर
आर एस राणा
नई दिल्ली। राजस्थान सरकार ने राज्य में दलहन और तिलहन की सरकारी खरीद के लिए राजस्थान राज्य क्रय-विक्रय संघ लि. (राजफेड) को खरीफ सीजन 2020-21 के लिए मंडी शुल्क राहत दे दी है। सरकार के फैसले के अनुसार राजफेड को कृषक कल्याण शुल्क भी नहीं देना होगा। राजस्थान में 1.6 फीसदी मंडी शुल्क और दो फीसदी किसान कल्याण सेस लगता है।
राज्य के कृषि विभाग की अधिसूचना के अनुसार इस आदेश के तहत राजफेड मंडियों में किसानों से तिलहन और दलहन की खरीद करती है तो उसे मंडी शुल्क और किसान कल्याण सेस का भुगतान नहीं करना होगा। राजफेड राज्य भर की मंडियों में खरीद केंद्र खोलकर किसानों से उनकी उपज खरीदती है। उसके द्वारा यह खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर की जाती है।........... आर एस राणा
स्टॉकिस्टों की सक्रियता से जयपुर में मूंग तेज, अन्य दालों के दाम रुके
आर एस राणा
नई दिल्ली। देश में नए मूंग की मंडी आवक पिछले सीजन वर्ष 2019 के मुकाबले 30 से 35 फीसदी कम हैं। राजस्थान में ही पिछले सीजन में अक्टूबर मध्य में 60 से 80 हजार बोरी नया मूंग आ रहा था, इस बार यह महज 45 हजार बोरी के आसपास है। मंडियों में प्रति बोरी मूंग का वजन 60 से 80 किलो के बीच है, वजह है मूंग का दागी होना। महाराष्ट्र और कर्नाटक में मूंग की नई फसल का अधिकतर हिस्सा मंडियों में पहुंच चुका है, मध्यप्रदेश में भी इस बार फसल कमजोर है। ऐसे में मांग का पूरा भार राजस्थान पर है। उत्तरप्रदेश और दिल्ली से मूंग की मांग पहले ही राजस्थान पूरी कर रहा है, आने वाले दिनों में अन्य राज्य भी पूरी तरह राजस्थान पर निर्भर होंगे। प्रदेश की मंडियों में आज उड़द सुबह तेजी के साथ खुली लेकिन शाम तक गिरावट का दौर दिखा। मौठ अपनी सुस्ती तौड़ती नजर आई। कीमतों में आंशिक उछाल रहा।
जयपुर में मूंग 100 रुपए प्रति क्विंटल तेज रहा। जयपुर में मूंग कीमत 7100-7300 रुपए प्रति क्विंटल बोला गई, निचले भावों में 4500 से 4950 रुपए प्रति क्विंटल रहा। मौठ 5600-5900 रुपए प्रति क्विंटल रहा। जयपुर मंडी में उड़द आज 6000-6400 रुपए प्रति क्विंटल रही। मेड़ता मंडी में मूंग कीमतों में 100 रुपए प्रति क्विंटल तक का उछाल दिखा। मूंग निचले भावों में 4500-4800 रुपए प्रति क्विंटल और उंचे भावों में 6970-7200 रुपए रहा। नौखा मंडी में मूंग नीचे भावों में 4800-5000 और उंचे भावों में 6900 से 7200 रुपए प्रति क्विंटल रहा। नौखा मंडी में मौठ 5800-6000 रुपए प्रति क्विंटल बिकी। केकड़ी मंडी में मूंग 6100-6250 रुपए प्रति क्विंटल रहा। उड़द 6250-6500 रुपए प्रति क्विंटल रही। प्रतापगढ़ मंडी में भी उड़द कीमतें 5550-5800 रुपए प्रति क्विंटल रही।
श्रीगंगानगर मंडी में मूंग की 5500 बोरी, मेड़ता मंडी में मूंग की 7000 बोरी, नागौर मंडी में 9700 बोरी, रामंगज मंडी में मूंग की 3500 और उड़द की 1500 बोरी आवक रही। कोटा मंडी में उड़द 1200 बोरी आई। नौखा मंडी में मौठ की आवक 3200 बोरी रही। केकड़ी मंडी में नया मूंग 4000 बोरी और उड़द 1150 बोरी पहुंचा। किशनगढ़ मंडी में 3500 बोरी नए मूंग की आवक रही। ............आर एस राणा
10 अक्टूबर 2020
कपास की सरकारी खरीद शुरू नहीं, राजस्थान में भाव एमएसपी से 575 रुपये नीचे
आर एस राणा
नई दिल्ली। कपास की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर अभी तक खरीद शुरू नहीं होने से किसान समर्थन मूल्य से 525 से 575 रुपये प्रति क्विंटल तक नीचे दाम पर बेचने को मजबूर हो रहे हैं। राजस्थान की श्रीगंगानगर मंडी में आज कपास के भाव 5,300 रुपये और खैरथल मंडी में भाव 5,250 रुपये प्रति क्विंटल रहे।
केंद्र सरकार ने खरीफ विपणन सीजन 2020-21 के लिए कपास का समर्थन मूल्य 5,515 और 5,825 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है।
श्रीगंगानगर मंडी के कपास कारोबारियों के अनुसार अभी तक मंडी से कपास की सरकारी खरीद शुरू नहीं हो पाई है जबकि दैनिक आवक चार से पांच हजार मन (एक मन 40 किलो) की हो रही है। उन्होंने बताया कि सीसीआई की खरीद क्वालिटी कपास आज मंडी में 5,300 रुपये प्रति क्विंटल के भाव बिकी। उन्होंने बताया कि सीसीआई खरीद नहीं कर रही, इसलिए यार्न मिलें भी सीमित मात्रा में ही खरीद रही हैं। सूत्रों के अनुसार श्रीगंगानगर मंडी से सीसीआई 15 अक्टूबर से खरीद शुरू करेगी।
राज्य की खैरथल मंडी में कपास के भाव आज 4,800 से 5,250 रुपये प्रति क्विंटल रहे। व्यापारियों के अनुसार सीसीआई 11 फीसदी तक नमी युक्त कपास की खरीद समर्थन मूल्य पर करती है। लेकिन सीसीआई की खरीद अभी तक शुरू नहीं हो पाई है, इसलिए यार्न मिलें 11 फीसदी नमी युक्त कपास की खरीद 5,250 रुपये प्रति क्विंटल की दर से कर रही हैं। नमी युक्त माल नीचे दाम पर बिक रहे ह.............. आर एस राणा
हल्के मालों के कारण जयपुर में मूंग तेज, आज 50 रुपये की तेजी आई
आर एस राणा
नई दिल्ली। राजस्थान की मंडियों में नए मूंग की पहुंच 35 हजार बोरी पहुंच गई है, प्रति बोरी वजन 60 से 80 किलो है। नागौर, सीकर, श्रीगंगानगर और मेड़ता बेल्ट में दागी मूंग अधिक आ रहा है। इससे मूंग की बोरी के वजन और क्वालिटी पर असर हैं। दाल मिले साफ मूंग की संभावित मांग को देखते हुए खरीद कर रहे है, ऐसे में कीमतों मे तेजी का दौर हैं। उड़द और मौठ में सुस्ती बरकरार हैं। हालांक आज उड़द मेड़ता और रामगंज मंडी में आंशिक उछाल पर रही।
जयपुर में मूंग 20 रुपए प्रति क्विंटल तेज रहा। जयपुर में मूंग कीमत 7070-7200 रुपए प्रति क्विंटल बोला गई, निचले भावों में 4600 से 4850 रुपए प्रति क्विंटल रहा। मौठ कीमतों में सुस्ती के साथ कारोबार शुरू हुआ, मौठ 5600-5900 रुपए प्रति क्विंटल रहा। जयपुर मंडी में उड़द आज5950-6400 रुपए प्रति क्विंटल रही। मेड़ता मंडी में मूंग कीमतों में 50 रुपए प्रति क्विंटल तक का उछाल दिखा। उंचे भावों में 6970-7200 रुपए और निचले भावों में 4450-4700 रुपए प्रति क्विंटल रहा। नौखा मंडी में मूंग नीचे भावों में 4750-5000 और उंचे भावों में 6850 से 7100 रुपए प्रति क्विंटल रहा। नौखा मंडी में मौठ 5800-6000 रुपए प्रति क्विंटल बिकी। केकड़ी मंडी में मूंग 6050-6250 रुपए प्रति क्विंटल रहा। उड़द 6200-6400 रुपए प्रति क्विंटल रही। प्रतापगढ़ मंडी में भी उड़द कीमतें 5450-5800 रुपए प्रति क्विंटल रही।
श्रीगंगानगर मंडी में मूंग की 7500 बोरी, मेड़ता मंडी में मूंग की 5000 बोरी, रामंगज मंडी में मूंग की 3200 और उड़द की 1100 बोरी आवक रही। कोटा मंडी में उड़द 1000 बोरी आई। नौखा मंडी में मौठ की आवक 2900 बोरी रही। केकड़ी मंडी में नया मूंग 3500 बोरी और उड़द 1000 बोरी पहुंचा। किशनगढ़ मंडी में 3000 बोरी नए मूंग की आवक रही। नागौर मंडी में 3700 बोरी नया मूंग पहुंचा। ............... आर एस राणा
सोयाबीन का उत्पादन 104 लाख टन होने का अनुमान - सोपा
आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू खरीफ सीजन में सोयाबीन का उत्पादन 104.55 लाख टन होने का अनुमान है जोकि पिछले साल के 93.06 लाख टन से ज्यादा है।
सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन आफ इंडिया (सोपा) के दूसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार सबसे बड़े उत्पादक राज्य मध्य प्रदेश में सोयाबीन का उत्पादन 41.77 लाख टन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल राज्य में 40.10 लाख टन का उत्पादन हुआ था। महाराष्ट्र में चालू खरीफ में सोयाबीन का उत्पादन 45.44 लाख टन होने का अनुमान है जोकि पिछले साल के 39.41 लाख टन से ज्यादा है। राजस्थान में सोयाबीन का उत्पादन पिछले साल के 6.56 लाख टन से बढ़कर चालू खरीफ में 8.58 लाख टन होने का अनुमान है।
?सोपा के अनुसार अन्य उत्पादक राज्यों तेलंगाना में 1.64 लाख टन, कर्नाटक में 3.72 लाख टन, छत्तीसगढ़ में 0.68 लाख टन और गुजरात में 1.45 लाख टन तथा अन्य राज्यों में 1.24 लाख टन सोयाबीन के उत्पादन का अनुमान है।.... आर एस राणा
09 अक्टूबर 2020
गुड़ की कीमतों में मिलाजुल रुख, नवंबर में मंदा आने का अनुमान
आर एस राणा
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश की मुजफ्फरनगर मंडी में शुक्रवार को खपत राज्यों की मांग बढ़ने से गुड़ चाकू की कीमतों में 10 रुपये प्रति मन (एक मन-40 किलो) की तेजी आई, जबकि खुरपापाड़ गुड़ के भाव में 10 रुपये प्रति मन का मंदा आया। व्यापारियों के अनुसार अक्टूबर में गुड़ की आवक कम रहेगी, जबकि नवंबर में आवक बढ़ने की उम्मीद है। इसलिए नवंबर में इसकी कीमतों में नरमी बन सकती है।
मुजफ्फरनगर मंडी में शुक्रवार को गुड़ चाकू के भाव 10 रुपये बढ़कर 1,310 से 1,330 रुपये प्रति मन हो गए। पेड़ी के भाव 1,200 से 1,240 रुपये प्रति मन पर स्थिर बने रहे जबकि खुरपापाड़ गुड़ के भाव में 10 रुपये की गिरावट आकर भाव 1,050 से 1,090 रुपये प्रति मन रह गए। मंडी में नए गुड़ की आवक 2,500 से 3,000 कट्टों की हुई।
व्यापारियों के अनुसार चालू महीने में गुड़ की आवक कम रहेगी, हालांकि खपत राज्यों की मांग भी सीमित मात्रा में ही रहने का अनुमान है। नवंबर में गुड़ में आमतौर पर मांग बढ़ जाती है लेकिन नवंबर में गुड़ का उत्पादन भी बढ़ेगा, इसलिए नवंबर में गुड़ की कीमतों में मंदा ही आने का अनुमान है। जानकारों के अनुसार चीनी की कीमतें भी नीचे बनी हुई है, जिस कारण गुड़ के भाव पर भी दबाव बनेगा।
दिल्ली के नया बाजार में शुक्रवार को गुड़ चाकू के भाव 3,200 से 3,300 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए। खुरपापाड़ गुड़ के भाव इस दौरान 3,000 से 3,100 रुपये और डैंया के भाव 3,300 से 3,400 रुपये प्रति क्विंटल रहे। नया बाजार के गुड़ व्यापारियों के अनुसार त्यौहारी सीजन के कारण अभी गुड़ में मांग तो ठीक है, लेकिन सर्दी शुरू होने पर मांग में तेजी आयेगी। ............... आर एस राणा
खाद्यान्नों के उत्पादन में बन सकता है नया रिकॉर्ड : आरबीआई
आर एस राणा
नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को कहा कि खाद्यान्नों के उत्पादन में देश में नया रिकॉर्ड बन सकता है। शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के फैसले की घोषणा करते हुए कहा कि मानसून बेहतर रहने और खरीफ फसलों के रबके में इजाफा होने से खाद्यान्नों के उत्पादन में नया रिकॉर्ड बन सकता है।
इससे पहले आरबीआई गवर्नर ने प्रमुख ब्याज दर रेपो रेट को चार फीसदी पर स्थिर रखने के एमपीसी के फैसले की घोषणा की। रेपो रेट वह ब्याज दर है जिस पर केंद्रीय बैंक वाणिज्यिक बैंकों को अल्पकालिक कर्ज देता है। वहीं रिवर्स रेपो रेट भी 3.35 फीसदी पर बरकरार रखा गया है।............... आर एस राणा
08 अक्टूबर 2020
ग्वार गम उत्पादों के निर्यात में अगस्त में भारी गिरावट, 70 फीसदी से ज्यादा घटा
आर एस राणा
नई दिल्ली। अगस्त महीने में ग्वार गम उत्पादों के निर्यात में 70.59 फीसदी की भारी गिरावट आकर कुल निर्यात 10,297 टन का ही हुआ है जबकि पिछले साल अगस्त में 35,102 टन ग्वार गम उत्पादों का निर्यात हुआ था।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2020-21 के पहले पांच महीनों अप्रैल से अगस्त के दौरान ग्वार गम उत्पादों का निर्यात 52.74 फीसदी घटकर 90,796 टन का ही हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इनका निर्यात 1,92,150 टन का हुआ था। मूल्य के हिसाब से चालू वित्त वर्ष 2020-21 के पहले पांच महीनों में ग्वार गम उत्पादों का निर्यात 758 करोड़ रुपये का ही हुआ है जबकि इसके पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 1,588 करोड़ रुपये मूल्य का निर्यात हुआ था।
सूत्रों के अनुसार जुलाई में ग्वार गम उत्पादों का निर्यात घटकर 22,724 टन का हुआ था जबकि पिछले साल जुलाई में इनका निर्यात 41,133 टन का हुआ था। जून के मुकाबले भी जुलाई में निर्यात कम हुआ है। जून में ग्वार गम उत्पादों का निर्यात 31,189 टन का हुआ था।
हरियाणा की एक प्रमुख ग्वार गम निर्यातक कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार इस समय ग्वार गम की निर्यात मांग कच्चे तेल के उत्पादन में लगी इकाइयों की सामान्य से 50 से 60 फीसदी से भी कम है, केवल अन्य उपयोगकर्ता कंपनियां ही आयात कर रही हैं। उन्होंने बताया कि पिछले पांच महीनों में ग्वार गम उत्पादों का निर्यात कम हुआ, जिस कारण मिलों के पास बकाया स्टॉक ज्यादा बचा हुआ है जबकि उत्पादक मंडियों में नई फसल की आवक बढ़ रही है। इसलिए अभी कीमतों में तेजी मानकर व्यापार नहीं करना चाहिए। .......... आर एस राणा
अप्रैल से अगस्त में बासमती चावल का निर्यात 22 और गैर बासमती का 84 फीसदी बढ़ा
आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू वित्त वर्ष 2020-21 के पहले पांच महीनों अप्रैल से अगस्त के दौरान बासमती चावल के साथ ही गैर बासमती चावल का निर्यात बढ़ा है। एपीडा के अनुसार अप्रैल से अगस्त के दौरान बासमती चावल के निर्यात में 22.16 फीसदी की और गैर बासमती चावल के निर्यात में 84.15 फीसदी की भारी बढ़ोतरी दर्ज की गई।
चालू वित्त वर्ष 2020-21 के अप्रैल से अगस्त के दौरान बासमती चावल का निर्यात बढ़कर 20.34 लाख टन का हो चुका है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात 16.65 लाख टन का हुआ था। मूल्य के हिसाब से चालू वित्त वर्ष के पहले पांच महीनों में बासमती चावल का निर्यात बढ़कर 13,660 करोड़ रुपये का हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 12,621 करोड़ रुपये मूल्य का ही निर्यात हुआ था।
गैर बासमती चावल का निर्यात चालू वित्त वर्ष 2020-21 के अप्रैल से अगस्त के दौरान बढ़कर 39.41 लाख टन का हो चुका है जबकि इसके पिछले वित्त वर्ष में इसका 21.40 लाख टन का ही निर्यात हुआ था। मूल्य के हिसाब से गैर बासमती चावल का निर्यात चालू वित्त वर्ष के पहले पांच महीनों में 11,570 करोड़ रुपये का हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात केवल 6,046 करोड़ रुपये का हुआ था।............. आर एस राणा
07 अक्टूबर 2020
समर्थन मूल्य पर 125 लाख गांठ कपास की खरीद का लक्ष्य - कृषि मंत्रालय
आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू खरीफ विपणन सीजन 2020-21 में कपास की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद का लक्ष्य 125 लाख गांठ (एक गांठ-170 किलो) का तय किया है जोकि पिछले खरीफ की तुलना में करीब 20 लाख गांठ ज्यादा है। पिछले खरीफ सीजन में 105.24 लाख गांठ कपास की खरीद हुई थी।
कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ विपणन सीजन में कपास की खरीद पर 35,000 करोड़ रुपये का खर्च आने का अनुमान है जबकि पिछले खरीफ सीजन में 28,500 करोड़ रुपये का खर्च आया था। मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ सीजन में कपास का उत्पादन बढ़कर 360 लाख गांठ होने का अनुमान है जोकि पिछले साल के 357 लाख गांठ से ज्यादा है।
मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ सीजन में 6 अक्टूबर तक 2,311 गांठ की खरीद एमएसपी पर हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में खरीद शुरू नहीं हुई थी। कपास की समर्थन मूल्य पर खरीद पंजाब, हरियाणा और राजस्थान से शुरू हो चुकी है। कपास की खरीद के लिए 12 राज्यों के 35 जिलों में 430 खरीद केंद्र बनायें जायेंगे। छह अक्टूबर तक राज्य की मंडियों में 3.12 लाख गांठ कपास की आवक हो चुकी है। ........... आर एस राणा
बिनौला और खल की कीमतों में गिरावट, आगे और मंदे के आसार
आर एस राणा
नई दिल्ली। कपास की नई फसल की दैनिक आवक बढ़ने से हरियाणा के साथ राजस्थान में खल और बिनौला की उपलब्धता भी बढ़ रही है, जबकि ग्राहकी कमजोर है। इसलिए आज लगातार तीसरे दिन इनकी कीमतों में गिरावट दर्ज की गई। व्यापारियों के अनुसार मौसम साफ है तथा आगे दैनिक आवक का दबाव बनेगा, इसलिए मौजूदा कीमतों में और भी मंदा आने का अनुमान है।
हरियाणा के आदमपुर में नए बिनौले के भाव घटकर आज 2,850 रुपये प्रति क्विंटल एक्स फैक्ट्री रह गए जबकि खल के भाव 2,600 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। मंगलवार को आदमपुर में बिनौले का भाव 2,875 से 2,900 रुपये प्रति क्विंटल एवं खल का भाव 2,700 रुपये प्रति क्विंटल था। हरियाणा के ऐलनाबाद में पुराने बिनौले का भाव आज 2,700 रुपये और खल का भाव 2,500 रुपये प्रति क्विंटल रहा।
आदमपुर के खल व्यापारी संदीप बंसल ने बताया कि मौसम साफ होने के कारण हरियाणा में कपास की दैनिक आवक लगातार बढ़ रही है जिस कारण बिनौले और खल की उपलब्धता ज्यादा है जबकि मिलों के पास बकाया स्टॉक भी ज्यादा है। इसीलिए मिलों पर पुराने स्टॉक को बेचने का भी दबाव है। इसलिए कीमतों में गिरावट बनी हुई है। उन्होंने बताया कि आगे इनकी कीमतों में और भी 50 से 100 रुपये का मंदा आने का अनुमान है।
राजस्थान के खैरथल में बिनौले और खल की कीमतों में बुधवार को 100 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट दर्ज की गई। बिनौले के एक्स फैक्ट्री भाव घटकर बुधवार को 2,800 से 2,850 रुपये प्रति क्विंटल रह गए जबकि मंगलवार को इसके भाव 2,900 से 2,950 रुपये प्रति क्विंटल थे। इसी तरह से खल के भाव घटकर आज 2,700 से 2,775 रुपये प्रति क्विंटल बोले गए जबकि मंगलवार को इसके भाव 2,800 से 2,875 प्रति क्विंटल थे। व्यापारियों के अनुसार घटे भाव में भी ग्राहकी काफी कमजोर है तथा नई मालों की आवक लगातार बढ़ रही है। वैसे भी चालू सीजन में कपास का उत्पादन अनुमान ज्यादा है, जिस कारण खल और बिनौले की उपलब्धता भी ज्यादा रहेगी।...... आर एस राणा
06 अक्टूबर 2020
सरसों तेल में बढ़े भाव में मांग कमजोर, सरसों और खल के भाव रुके
जयपुर में सरसों तेल के भाव में आज दर्ज की गई। जयपुर में सरसों तेल के भाव आज 1111-1112 रुपये प्रति दस किलो बोले गए, जबकि अन्य मंडियों में भाव 1102-1103 रुपये प्रति दस किलो पर व्यापार हुआ। इसके पहले कारोबारी दिवस में जयपुर में सरसों तेल के भाव 1114-1115 रुपये प्रति दस किलो और अन्य मंडियों में 1104-1105 रुपये प्रति दस किलो थे। सरसों के भाव 5620-5625 रुपये प्रति क्विंटल कंडीशन (कडीशन-42 फीसदी तेल) और सरसों खल के भाव आज 2295-2300 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।
जयपुर में उड़द 150 रुपए तेज, स्टॉकिस्टों की सक्रियता से भाव तेज
आर एस राणा
नई दिल्ली। स्टॉकिस्टों की सक्रियता से जयपुर में उड़द कीमतों में आज भी तेजी का दौर रहा। प्रदेश की मंडियों में 150 रुपए प्रति क्विंटल तक की तेजी देखी गई। दो दिन में उड़द अलग अलग क्वालिटी में 300 से 400 रुपए प्रति क्विंटल तेज हो गई है। 31 मार्च तक के लिए डेढ़ लाख टन उड़द का आयात कोटा के परमिट जारी नहीं होने से मांग बढ़ी है, स्थानीय दाल मिलें लगातार भाव बढ़ाकर खरीद कर रही हैं। स्टॉकिस्ट आज भी हावी दिखे। मूंग की मंडी आमद में भी कीमतों में इजाफे से तेजी का रूख रहा। मौठ कीमतों में आज भी अधिक उतार चढ़ाव नहीं दिखा।
जयपुर में मूंग कीमतों में स्थिरता रही, कीमतें आज 6975-7200 रुपए प्रति क्विंटल बोली गई, निचले भावों में 4500 से 4750 रुपए प्रति क्विंटल रहा। मौठ कीमतों में सुस्ती के साथ कारोबार शुरू हुआ, मौठ 5650-5900 रुपए प्रति क्विंटल रहा। जयपुर मंडी में उड़द आज 100 रुपए प्रति क्विंटल तक की तेजी रही, उड़द 6000-6500 रुपए प्रति क्विंटल रहा। मेड़ता मंडी में मूंग कीमतों में 20 से 50 रुपए प्रति क्विंटल तक का उछाल दिखा। उंचे भावों में 6850-7100 रुपए और निचले भावों में 4350-4500 रुपए प्रति क्विंटल रहा। नौखा मंडी में मूंग नीचे भावों में 4650-4850 और उंचे भावों में 6750 से 7000 रुपए प्रति क्विंटल रहा। नौखा मंडी में मौठ 5800-6000 रुपए प्रति क्विंटल बिकी। केकड़ी मंडी में मूंग 5950-6200 रुपए प्रति क्विंटल रहा। उड़द 150 रुपए प्रति क्विंटल की तेजी के साथ 6300-6550 रुपए प्रति क्विंटल रही। प्रतापगढ़ मंडी में भी उड़द कीमतें 5500-5900 रुपए प्रति क्विंटल रही।
श्रीगंगानगर मंडी में मूंग की 5000 बोरी, मेड़ता मंडी में मूंग की 3200 बोरी, रामंगज मंडी में मूंग की 2100 और उड़द की 1800 बोरी आवक रही। कोटा मंडी में उड़द 1400 बोरी आई। नौखा मंडी में मौठ की आवक 3000 बोरी रही। केकड़ी मंडी में नया मूंग 2300 बोरी और उड़द 1200 बोरी पहुंचा। किशनगढ़ मंडी में 2000 बोरी नए मूंग की आवक रही।........... आर एस राणा
मध्य प्रदेश सरकार ने मंडी टैक्स घटाकर 50 पैसे किया, व्यापारियों की हड़ताल समाप्त
आर एस राणा
नई दिल्ली। मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार ने व्यापारियों की दोनों मांगों को आज मंगलवार को मान लिया, जिससे राज्य में 12 दिनों से चली आ रही व्यापारियों की हड़ताल समाप्त हो गई।
राज्य सरकार के अनुसार राज्य की मंडियों में मंडी टैक्स को घटाकर 50 वैसे कर दिया है जबकि निराश्रित कर को पूर्णता समाप्त कर दिया गया है। इसलिए इंदौर अनाज तिलहन व्यापारी संघ की ओर से पिछले 12 दिनों से चली आ रही हड़ताल को तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दिया है। ...... आर एस राणा
03 अक्टूबर 2020
मांग बढ़ने से बिनौला और खल की कीमतों में तेजी, नए मालों में मांग बढ़ी
आर एस राणा
नई दिल्ली। हरियाणा के साथ ही राजस्थान में नए बिनौले और खल में मांग बढ़ने से तेजी आई है। इन राज्यों की मंडियों में बिनौले और खल की कीमतों में 50 से 100 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी दर्ज की गई।
हरियाणा के आदमपुर में बिनौले की कीमतों में 100 से तेजी आकर एक्स फैक्ट्री भाव 3,025 से 3,050 रुपये प्रति क्विंटल हो गए जबकि खल की कीमतों में 50 रुपये की तेजी आकर एक्स फैक्ट्री भाव 2,800 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। खल कारोबारी संदीप बंसल ने बताया कि उत्पादक मंडियों में कपास की आवक पिछले साल की तुलन में 50 से 60 फीसदी कम हो रही है जिस कारण नए बिनौले और खल का उत्पादन कम है। उन्होंने बताया कि कपास के भाव उत्पादक मडियों में नीचे होने के कारण प्लांटों को पड़ते नहीं लग रहे हैं, इसलिए प्लांट वाले बिनौले और खल के भाव तेज कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि इनकी मौजूदा कीतमों में और भी 50 से 100 रुपये की तेजी बन सकती है।
राजस्थान के खैरथल में बिनौले के एक्स फैक्ट्री भाव मेें शनिवार को 100 रुपये की तेजी आकर भाव 3,050 से 3,100 रुपये प्रति क्विंटल हो गए जबकि खल की कीमतों में 75 रुपये की तेजी आकर भाव 2,900 से 2,975 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। खल कारोबारियों के अनुसार नए मालों में चालानी वालों की मांग बढ़ी है, इसलिए इनके भाव में तेजी आई है। हालांकि आगे उत्पादक मंडियों में कपास की आवक बढ़ने पर खल और बिनौला के दाम रुक सकते हैं।........... आर एस राणा
जयपुर में उड़द और मूंग की कीमतों में गिरावट, आयात कोटे में बढ़ोतरी का असर
आर एस राणा
नई दिल्ली। राजस्थान की मंडियो में आज उड़द कीमतों में गिरावट रही। नए मूंग की आवक बढ़ने का असर भी कीमतों में पर दिखा। नए मूंग के ऑक्शन आज शुरूआत से ही गिरावट पर रहे, हालांकि अच्छी क्वालिटी के मूंग की कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ। मौठ आज भी मांग में सुस्ती के असर से प्रभावित रही। केंद्र सरकार की ओर से उड़द आयात कोटा 31 मार्च 2021 करने का असर आज भी बाजारों में रहा।
जयपुर में मूंग कीमतों में 50 रुपए प्रति क्विंटल की गिरावट रही, बेहतर क्वलिटी के मूंग की दरें 6950-7200 रुपए प्रति क्विंटल बोली गई, निचले भावों में 4500 से 4770 रुपए प्रति क्विंटल रहा। मौठ 5600-5900 रुपए प्रति क्विंटल रहा। जयपुर मंडी में उड़द 5800-6500 रुपए प्रति क्विंटल रहा। मेड़ता मंडी में मूंग कीमतों में 50 रुपए प्रति क्विंटल तक का मंदा दिखा। उंचे भावों में 6880 से 7050 रुपए और निचले भावों में 4300 से 4530 रुपए प्रति क्विंटल रहा। नौखा मंडी में मूंग नीचे भावों में 4650-4800 और उंचे भावों में 6700 से 7000 रुपए प्रति क्विंटल रहा। नौखा मंडी में मौठ कीमतों में सुस्ती रही। हालांकि बाद में बाजार समान भाव पर बंद हुआ। मौठ 5800-6000 रुपए प्रति क्विंटल बिकी। केकड़ी मंडी में मूंग 5950-6250 रुपए प्रति क्विंटल रहा। उड़द 50 रुपए प्रति क्विंटल की गिरावट के साथ 6000-6250 रुपए प्रति क्विंटल रही। प्रतापगढ़ मंडी में भी उड़द कीमतें 5300-5700 रुपए प्रति क्विंटल रही।
श्रीगंगानगर मंडी में मूंग की 4700 बोरी, मेड़ता मंडी में मूंग की 3000 बोरी, रामंगज मंडी में मूंग की 1800 और उड़द की 2000 बोरी आवक रही। कोटा मंडी में उड़द 1100 बोरी आई। नौखा मंडी में मौठ की आवक 2500 बोरी रही। केकड़ी मंडी में नया मूंग 1800 बोरी और उड़द 850 बोरी पहुंचा। किशनगढ़ मंडी में 1500 बोरी नए मूंग की आवक रही।.......... आर एस राणा
धनिया की कीमतों में तेजी, दखिण भारत की मांग बढ़ी
नई दिल्ली। दक्षिण भारत की मांग बढ़ने से धनिए की कीमतों में तेजी आई है। आज राजस्थान की मंडियों में 100 रुपए प्रति क्विंटल तक तेज रहा। कोटा, रामगंज मंडी और बारां में दक्षिण भारत के खरीददारों की मांग रही। दिल्ली की मसाला मिलों से भी अच्छे ऑर्डर मिले हैं।
सप्ताह अंत के चलते कुछ खरीददारों से मांग अतिरिक्त आई। धनिया आज 30 से 100 रुपए प्रति क्विंटल के उछाल के साथ बिका। उंची क्वालिटी की धनिए की मांग आज भी देखी गई। मंडियों में अच्छी क्वालिटी के धनिए की सीमित आवक के चलते कीमत भी अच्छी मिली।
जयपुर मंडी में धनिया फाइन ग्रेड क्लीन बादामी पचास रुपए के उछाल के साथ 6700-6900 रुपए प्रति क्विंटल रहा। धनिया ईगल में आज निचले भावों में 80 रुपए प्रति क्विंटल की तेजी रही, ईगल 6950-7950 रुपए प्रति क्विंटल और धनिया पैरोट 8450-8600 रुपए प्रति क्विंटल रहा। रामगंज मंडी में धनिया बादामी आज 50 रुपए प्रति क्विंटल चढ़कर 5400 से 5700 रुपए प्रति क्विंटल, चालू ईगल आज 100 रुपए प्रति क्विंटल की तेजी के साथ 5800 से 6000 रुपए प्रति क्विंटल रहा। धनिया ग्रीन 7600 से 7900 रुपए प्रति क्विंटल रहा। रामगंज मंडी में मीडियम क्वालिटी के मूंग की मांग और आवक अच्छी रही। कोटा मंडी में धनिया बादामी पचास रुपए के उछाल के साथ 5350-5650 रुपए प्रति क्विंटल रहा, धनिया ईगल 5600-5900 रुपए प्रति क्विंटल और पैरेट 8000-8200 रुपए प्रति क्विंटल पर स्थिर रहा। बारां में धनिया बादामी 5500-5750 रुपए प्रति क्विंटल और ईगल 5870-6150 रुपए प्रति क्विंटल रहा।
ओडिशा, पश्चिम बंगाल एवं आंध्रप्रदेश और तमिलनाडु में कई जगह बारिश का अनुमान
आर एस राणा
नई दिल्ली। अगले 24 घंटों के दौरान ओडिशा और गंगीय पश्चिम बंगाल, सिक्किम, बिहार, झारखंड के कुछ हिस्सों, आंध्रप्रदेश और तमिलनाडु के कुछ भागों में हल्की से मध्यम बारिश होने का अनुमान है।
मौसम की जानकारी देने वाली निजी एजेंसी स्काईमेट के अनुसार उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में चल रही उत्तर पश्चिमी शुष्क हवाओं के कारण वातावरण में नमी कम हुई है। इन स्थितियों के बीच दक्षिण-पश्चिम मानसून अगले 24 घंटों में उत्तर प्रदेश के कुछ और भागों तथा राजस्थान के अधिकांश इलाकों के साथ-साथ उत्तर-पश्चिमी मध्य प्रदेश से विदा हो सकता है।
बंगाल की खाड़ी पर निम्न दबाव का क्षेत्र अभी भी उत्तरी आंध्र प्रदेश और इससे सटे ओडिशा के तटों के पास बना हुआ है। इसके साथ ही एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र भी विकसित हुआ है जिसकी समुद्र तल से ऊंचाई लगभग 5.8 किलोमीटर है। इस सिस्टम से एक ट्रफ रेखा तमिलनाडु के तटीय भागों तक बनी हुई है। पूर्वोत्तर भारत में असम और इसके आसपास के भागों पर भी एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। उत्तर भारत की तरफ एक नया पश्चिमी विक्षोभ आ रहा है। यह इस समय उत्तरी अफगानिस्तान और इससे सटे उत्तरी पाकिस्तान के ऊपर पहुंचा है। हालांकि यह सिस्टम भी बहुत सक्रिय नहीं है।
अगले 24 घंटों के दौरान कहां-कहां बारिश का अनुमान
अगले 24 घंटों के दौरान ओडिशा और गंगीय पश्चिम बंगाल में कई स्थानों पर हल्की से मध्यम और कुछ स्थानों पर भारी बारिश की गतिविधियां जारी रहने के आसार हैं। पूर्वोत्तर भारत, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम, बिहार, झारखंड के कुछ हिस्सों, आंध्रप्रदेश और तमिलनाडु के कुछ भागों में हल्की से मध्यम वर्षा हो सकती है। इन भागों में एक-दो जगहों पर तेज़ वर्षा का भी अनुमान है। कोंकण गोवा, मध्य महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल और अंडमान व निकोबार द्वीपसमूह में हल्की वर्षा के बीच एक-दो स्थानों पर मध्यम बौछारें गिर सकती हैं। पूर्वी उत्तर प्रदेश और तेलंगाना के कुछ जिलों में एक-दो स्थानों पर हल्की वर्षा होने की संभावना है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत उत्तर भारत के पहाड़ों और मैदानी इलाकों में मौसम शुष्क बना रहेगा। तापमान में मामूली गिरावट हो सकती है।
पिछले 24 घंटों के दौरान देश भर में हुई मौसमी हलचल
पिछले 24 घंटों के दौरान ओडिशा के कई तटीय इलाकों के अलावा उत्तरी आंतरिक कर्नाटक के भागों में मॉनसून सक्रिय रहा और इन भागों में कई जगहों पर हल्की से मध्यम बारिश के साथ एक-दो स्थानों पर भारी वर्षा रिकॉर्ड की गई। पूर्वोत्तर भारत, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु के उत्तरी हिस्सों, तटीय कर्नाटक, मध्य महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों, आंतरिक ओडिशा, झारखंड और अंडमान व निकोबार द्वीपसमूह में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश के बीच एक-दो स्थानों पर तेज़ वर्षा हुई। मध्य भारत के बाकी हिस्सों समेत देश के शेष भागों में मौसम मुख्यतः साफ और शुष्क बना रहा।.................... आर एस राणा
01 अक्टूबर 2020
नुकसान के बाद भी सोयाबीन का उत्पादन अनुमान ज्यादा, कीमतों पर रहेगा दबाव
आर एस राणा
नई दिल्ली। मध्य प्रदेश में भारी बारिश और बाढ़ से सोयाबीन की फसल को नुकसान तो हुआ है, लेकिन इसके बावजूद भी उत्पादन अनुमान पिछले साल से पांच से सात फीसदी ज्यादा ही होने का अनुमान है। पहली अक्टूबर को उत्पादक मंडियों में बकाया स्टॉक भी 6 से 7 लाख टन बचने का अनुमान है जोकि पिछले साल से ज्यादा है। ऐसे में सोयाबीन की कुल उपलब्धता ज्यादा बैठेगी, जबकि सोया डीओसी में निर्यात मांग भी कमजोर है, इसलिए घरेलू बाजार में सोयाबीन की कीमतों पर दबाव बना रहने का अनुमान है।
सॉल्वेंट एक्स्ट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) के कार्यकारी निदेशक डॉ. बी. वी. मेहता ने बताया कि मध्य प्रदेश में फसल को नुकसान तो हुआ है, लेकिन इसके बाद भी उत्पादन 100 से 105 लाख टन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल 85 लाख टन का ही उत्पादन हुआ था। उन्होंने बताया कि पिछले साल का बकाया स्टॉक भी 6 से 7 लाख टन का बचा हुआ है, जबकि पिछले साल नई फसल के समय बकाया स्टॉक एक-दो लाख टन का ही था। अत: चालू खरीफ में सोयाबीन की कुल उपलब्धता ज्यादा रहेगी। उन्होंने बताया कि सोया डीसीसी में निर्यात मांग कमजोर है जबकि 31 दिसंबर 2020 के बाद सोया डीओसी के निर्यात पर 5 फीसदी इंसेंटिव भी समाप्त हो जायेगा। सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) ऊंचा है। हालांकि उन्होंने बताया कि एक अच्छी बात यह है कि घरेलू बाजार में सोया डीओसी की मांग बढ़ रही है।
सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सोपा) के कार्यकारी निदेशक डीएन पाठक ने बताया कि चालू सीजन में सोयाबीन की बुआई बढ़ी है, लेकिन मध्य प्रदेश में भारी बारिश और बाढ़ से फसल को नुकसान भी हुआ है। उन्होंने माना कि नुकसान 15 फीसदी से ज्यादा होने का अनुमान है, हालांकि अभी नुकसान का आंकलन हो रहा है। उन्होंने बताया कि चालू सीजन में उत्पादन तो पिछले साल से ज्यादा ही होने की उम्मीद है। पिछले साल 93 लाख टन सोयाबीन का उत्पादन हुआ था। उन्होंने बताया कि सोया डीआसी में निर्यात सौदे सीमित मात्रा में ही हो रहे हैं।
महाराष्ट्र के सोयाबीन कारोबारी ने बताया कि उत्पादक मंडियों में नई फसल की आवक बढ़ने लगी है, हालांकि नई फसल में नमी की मात्रा ज्यादा है। उत्पादक मंडियों में नई सोयाबीन के भाव 3,500 से 3,500 रुपये प्रति क्विंटल है जबकि पुराना सोयाबीन 3,700 से 3,700 रुपये प्रति क्विंटल बिक रहा है। नए मालों में नमी की मात्रा 18 से 20 फीसदी की आ रही है। केंद्र सरकार ने चालू खरीफ विपणन सीजन के लिए सोयाबीन का एमएसपी 3,880 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है। उन्होंने बताया कि अभी भी मौसम साफ नहीं है, अत: मौसम साफ होने के बाद ही नई फसल की आवकों का दबाव बनेगा। उत्पादन अनुमान ज्यादा है इसलिए आगे आवक बढ़ने पर कीमतों पर भी दबाव रहेगा, वैसे भी पहली जनवरी के सोया डीओसी का निर्यात करने वाले निर्यातकों को इंसेंटिव नहीं मिलेगा तो जो थोड़े बहुत निर्यात पड़ते लग रहे हैं, वह भी बंद हो जायेंगे। सोया डीओसी का भाव बंदरगाह पहुंच 32,000 से 32,500 रुपये प्रति टन है।
कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ सीजन में सोयाबीन की बुआई 121.24 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है जोकि सामान्य क्षेत्रफल 110.32 लाख हेक्टेयर से ज्यादा है। पिछले साल इस समय तक सोयाबीन की बुआई 113.95 लाख हेक्टेयर में ही हो पाई थी।..............आर एस राणा