17 दिसंबर 2010
शीरे की कीमत में गिरावट के आसार
उत्पादन ज्यादाजनवरी में 30 फीसदी तक घट सकते हैं इसके दाम चालू सीजन में उत्पादन में 40 फीसदी वृद्धि की संभावना यूपी में भाव 3,000, महाराष्ट्र में 3,500 रुपये प्रति टन जनवरी में उत्पादन बढऩे से शीरे की कीमतों में करीब 30 फीसदी तक की गिरावट आने की आशंका है। इस समय उत्तर प्रदेश में शीरे का भाव 3,000 रुपये और महाराष्ट्र में 3,500 रुपये प्रति टन चल रहा है। गन्ना क्षेत्रफल में बढ़ोतरी को देखते हुए चालू पेराई सीजन में शीरे के उत्पादन में 40 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी होने की संभावना है। ऑल इंडिया डिस्टिलरी एसोसिएशन के महानिदेशक वी.एन. रैना ने बताया कि चालू पेराई सीजन (अक्टूबर 2010 से सितंबर 2011) के दौरान गन्ना क्षेत्रफल में बढ़ोतरी को देखते हुए शीरे का उत्पादन बढ़कर 112-115 लाख टन होने का अनुमान है। पिछले साल इसका उत्पादन केवल 79-80 लाख टन का हुआ था। हालांकि सभी मिलों में गन्ने की पेराई शुरू हो चुकी है लेकिन स्टॉक खाली होने के कारण इस समय मांग अच्छी बनी हुई है। जनवरी में शीरे का उत्पादन तो बढ़ जायेगा लेकिन मांग दिसंबर के मुकाबले कम हो जाएगी। जिससे शीरे की मौजूदा कीमतों में करीब 1,000 रुपये प्रति टन की गिरावट आने की आशंका है। इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एक टन शीरे से 225 लीटर अल्कोहल निकलता है। ऐसे में 112-115 लाख टन शीरे के उत्पादन को देखते हुए अल्कोहल का उत्पादन बढ़कर 250 से 270 करोड़ लीटर होने की संभावना है। शीरे की सबसे ज्यादा 45 फीसदी खपत डिस्टिलरी उद्योग में होती है। इसके अलावा करीब 25 फीसदी खपत केमिकल उद्योग में होती है और 20 फीसदी का इस्तेमाल एथनॉल बनाने में होता है। इसके अलावा पांच फीसदी शीरे की खपत तम्बाकू और पशुआहार में होती है। पेट्रो-केमिकल कंपनियॉं चालू पेराई सीजन के लिए 60 करोड़ लीटर एथनॉल के सौदे कर चुकी है। एथनॉल का भाव चालू पेराई सीजन के लिए केंद्र सरकार 27 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है। मवाना शुगर लिमिटेड की डिस्टिलरी डिवीजन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पिछले साल शीरे का उत्पादन कम हुआ था जिसकी वजह से अप्रैल में शीरे का भाव बढ़कर 5,000 से 5,500 रुपये प्रति टन हो गया था लेकिन चालू सीजन में उत्पादन बढ़ेगा इसीलिए कीमतें सीमित दायरे में ही रहने की संभावना है। उन्होंने बताया कि देश में सामान्यत: शीरे की कुल खपत 110 लाख टन के करीब होती है। पिछले साल घरेलू उत्पादन कम होने के कारण बंदरगाहों के समीप स्थित कंपनियों ने बांग्लादेश और श्रीलंका से शीरे का आयात किया था। चालू सीजन में आयात कम होने की संभावना है। (Business Bhaskar....R S Rana)
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