मुंबई December 20, 2010
बाजार में स्टॉक की कमी और तेज मांग के साथ नई फसल आने में हो रही देरी की वजह से हल्दी के दाम एक बार फिर ऊपर जाना शुरू हो गए हैं। मौजूदा हालात को देखते हुए जानकारों का मानना है कि जनवरी में हल्दी की कीमतें नया रिकॉर्ड बना सकती है जबकि हमेशा जनवरी में हल्दी की कीमतें नीचले स्तर पर रहती है। निर्यात मांग निकलना भी कीमतों में उछाल की एक वजह मानी जा रही है।सबसे ज्यादा मुनाफा देने वाली फसलों में सूमार होने की वजह से किसानों ने इस साल हल्दी के फसल को पहली प्रथामिकता दी है। रकबा बढऩे और फसल के अनुरुप मौसम होने की वजह से पिछले साल की अपेक्षा इस बार 43 फीसदी ज्यादा उत्पादन होने की उम्मीद की जा रही है। कृषि मंत्रालय के अनुमान के मुताबिक इस बार 67 लाख बैग (एक बैग बराबर 75-75 किलोग्राम)हल्दी का उत्पादन होगा जबकि पिछले साल (2009-10) में 48 लाख बैंग और 2008-09 में 42 लाख बैंग का उत्पादन हुआ था। उत्पादन ज्यादा होने की उम्मीद का फर्क बाजार पर भी पड़ा और हल्दी की कीमतें गिरने लगी। लेकिन पिछले दिनों हुई बरसात ने हल्दी की कीमतों को एक बार फिर से उडऩे का मौका दे गई। दो सप्ताह के अंदर हल्दी की कीमतों में करीबन 5 फीसदी की बढ़ोत्तरी दर्ज की जा चुकी है जो आगे भी बनी रह सकती है। बाजार में हावी हो रहे सटोरियों को देखते हुए जानकारों का मानना है कि अगले एक दो सप्ताह के अंदर हल्दी की कीमत में 30 फीसदी तक की बढ़ोत्तरी हो सकती है।हल्दी की कीमतें बढऩे पर एंजेल ब्रोकिंग की कमोडिटी विशेषज्ञ नलिनी राव कहती है कि इस बार उत्पादन बहुत ज्यादा है इसके बावजूद कीमते बढऩे की प्रमुख वजह फसल में हो रही देरी है। दरअसल हर साल जनवरी की शुरूआत में नई फसल बाजार में पहुंच जाती थी लेकिन इस बार बरसात हो जाने की वजह से करीबन 20 दिन नई फसल देर से आने वाली है। घरेलू मांग के साथ विदेशी मांग भी तेजी है, जबकि मांग की अपेक्षा बाजार में स्टॉक नहीं है जिसके वजह से कीमतें तेजी से ऊपर की तरफ चढ़ रही है जो फरवरी तक ऊपर जाती रहेगी क्योंकि अब नई फसल जनवरी की अपेक्षा फरवरी में ही मंडिय़ों तक पहुंच सकेगी।मंडियों में इस समय जो माल है भी वह अच्छा नहीं है। अनुमानत: अब बाजार में महज 3-4 लाख बैंग स्टॉक बचा हुआ है। जबकि पिछले महीने यह स्टॉक 8-9 लाख बैग था। इस बात को सटोरिये अच्छी तरह समझ रहे हैं और उनको यह भी पता है कि नई फसल आने में अभी करीबन 45 दिन का समय है। जिसको देखते हुए माना जा रहा है कि हाजिर बाजार में कीमतें नया रिकॉड बना सकती है। वायदा बाजार में अक्टूबर महीने में हल्दी की औसत कीमत 12,892 रुपये प्रति क्विंटल थी जो नवंबर में 22.37 फीसदी बढ़कर 15,776 रुपये प्रति क्विंटल हो गई है। इस साल हाजिर बाजार में 18,000 रुपये प्रति क्विंटल और वायदा बाजार में 16350 रुपये प्रति क्विंटल हल्दी बिक चुकी है। इस समय वायदा बाजार में हल्दी 14,000 और हाजिर बाजार में 17,000 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच चुकी है। इस वर्ष जनवरी में वायदा हल्दी 6600 रुपये और हाजिर में 7700 रुपये में बिक थी, जबकि इस बार जनवरी (2011) में यह कीमत दोगुनी या फिर तीन गुनी हो सकती है। (BS Hindi)
21 दिसंबर 2010
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