मुंबई 12 27, 2010
करीब डेढ़ साल के प्रतिबंध के बाद आज से देश के दो प्रमुख जिंस एक्सचेंजों पर शुरू हुए चीनी वायदा कारोबार ने बेहतरीन आगाज किया। एमसीएक्स और एनसीडीईएक्स पर जनवरी, फरवरी और मार्च वायदा अनुबंध चालू किए गए। कारोबार के पहले ही दिन एमसीएक्स में 29.89 करोड़ रुपये और एनसीडीईएक्स में 1,884 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ। एमसीएक्स पर चीनी (एम-30) में दोबारा वायदा शुरू हुआ और 9240 टन चीनी की खरीदफरोख्त हुई। कृषि जिंस कारोबार में दिग्गज एक्सचेंज एनसीडीईएक्स पर 1,884 करोड़ रुपये की चीनी खरीदी बेची गई। एनसीडीईएक्स में चीनी का जनवरी वायदा 3,049 रुपये पर खुलकर 3,044 रुपये पर बंद हुआ। फरवरी अनुबंध 3,140 रुपये पर खुलकर 3,107 रुपये पर बंद हुआ और मार्च अनुबंध 3,150 रुपये पर खुलकर 3,160 रुपये पर बंद हुआ। एनसीडीईएक्स पर जनवरी और फरवरी के लिए वायदा अनुबंध गिरावट के साथ बंद हुए। उधर एमसीएक्स में चीनी के जनवरी वायदा में 164 रुपये की बढ़त रही और भाव 3,214 रुपये प्रति क्विंटल पर पहुंचा, फरवरी वायदा 158 रुपये चढ़कर 3,268 रुपये और मार्च वायदा 137 रुपये बढ़कर 3,307 रुपये पर पहुंचा।चीनी वायदा कारोबार पर एमसीएक्स के उप प्रबंध निदेशक प्रवीण के सिंघल ने बताया कि चीनी के वायदा भाव और हाजिर बाजार के मूल्यों में काफी समानता है। एक्सचेंज पर मांग एवं आपूर्ति का सीधा असर दिखता है इसीलिए घरेलू उद्योग को चीनी के सही भाव पता चल जाते हैं। उन्होंने कहा, 'मुझे उम्मीद है कि चीनी वायदा शुरू होने से कारोबारियों को फायदा होगा।Óक्या हैं खासियतचीनी एम-30 के अनुबंधों की खास विशेषताएं हैं। इसकी ट्रेडिंग इकाई 10 टन और अधिकतम ऑर्डर साइज 500 टन और टिक साइज 1 रुपये है। दैनिक घटबढ़ की सीमा 3 फीसदी है और अधिकतम उतार-चढ़ाव होने पर 15 मिनट का ही विराम होता है।एमसीएक्स का प्रमुख आपूर्ति केंद्र दिल्ली है और मुजफ्फरनगर, कानपुर, सीतापुर, गोरखपुर, लुधियाना, कोलकाता में अतिरिक्त आपूर्ति केंद्र हैं। एनसीडीईएक्स का प्रमुख आपूर्ति केंद्र कोल्हापुर है और अहमदाबाद, बेलगाम, चेन्नई, दिल्ली, ईरोड, गोरखपुर, इंदौर, कानपुर, जयपुर, कोलकाता, मुजफ्फरनगर, विजयवाड़ा, पुणे और सीतापुर अतिरिक्त आपूर्ति केंद्र हैं।वायदा बाजार आयोग के अध्यक्ष बी सी खटुआ के अनुसार इस साल एक अक्टूबर से शुरू हुए चीनी वर्ष में अच्छी उपज के अनुमान के कारण चीनी वायदा कारोबार को फिर से शुरू करने की अनुमति दी गई है। यह मंजूरी इस साल जनवरी से जून तक छह सौदों के लिए दी गई है। दरअसल 2009 में चीनी के दाम में आई तेजी पर काबू करने के लिए सरकार ने इसके वायदा कारोबार पर रोक लगा दी थी। सरकारी अनुमान के अनुसार इस साल करीब 50.80 लाख हेक्टेयर में गन्ने की बुआई हुई है जबकि पिछले साल 42.02 लाख हेक्टेयर में गन्ने की बुआई हुई थी। अच्छी फसल देखते हुए अनुमान लगाया जा रहा है कि इस बार चीनी का उत्पादन 240-250 लाख टन होगा जबकि पिछले साल 188 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था। (BS Hindi)
28 दिसंबर 2010
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