कोच्चि 12 22, 2010
कम उत्पादन और स्टॉक की खबरों के बीच इस हफ्ते इलायची की कीमतें अचानक बढ़ गई हैं। पिछले हफ्ते के मुकाबले इलायची की कीमत 200 रुपये प्रति किलोग्राम बढ़कर 1336 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई है। इसके अलावा सबसे अच्छी किस्म की इलायची 1475-1500 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई है। उत्पादकों और कारोबारियों को भरोसा है कि अगले साल इलायची की कीमतें 2000 रुपये प्रति किलो के मनोवैज्ञानिक स्तर को पार कर जाएंगी। अब तक की सर्वोच्च कीमतें पिछले साल रिकॉर्ड की गई थी, जो 1750 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंची थी। पिछले साल दिसंबर में इलायची की औसत कीमत सिर्फ 1200 रुपये प्रति किलोग्राम थी।पिछले महीने इलायची का उत्पादन पूरे जोर-शोर से हो रहा था, लिहाजा इसकी कीमतें घटकर 850-900 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गई थी। लेकिन इस महीने के मध्य में इसकी कीमतें बढऩी शुरू हुई क्योंकि नीलामी केंद्रों में इसकी आवक घट गई थी।इलायची की कटाई का मुख्य सीजन अब समाप्ति पर है और पिछले कुछ हफ्तों से इसकी ताजा आवक कम हो गई है। इसी वजह से इसकी कीमतों में अचानक बढ़ोतरी देखी जा रही है। बाजार के सूत्रों का कहना है कि इस सीजन में उत्पादन में 25-30 फीसदी की कमी आएगी और इसकी कई वजहें हैं। विदेशी बाजारों में भारतीय इलायची की मांग अगले साल बढऩे की संभावना है क्योंकि दुनिया में इलायची का सबसे बड़ा उत्पादक ग्वाटेमाला मौसम की वजह से उत्पादन की बाबत संकट का सामना कर रहा है। उत्पादकों को उम्मीद है कि अगले साल स्थानीय बाजार के साथ-साथ विदेशी बाजार में भारतीय इलायची की मांग बढ़ेगी और इसका असर कीमतों पर पड़ेगा। ऐसे में बाजार को इसकी कीमत 2000 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंचने की उम्मीद है।इलायची उत्पादन का मौजूदा सत्र इस महीने के आखिर तक समाप्त हो जाएगा और बाजार को अगले 7-8 महीने तक मौजूदा स्टॉक से ही काम चलाना होगा। नए साल में बेहतर कमाई के मौके की संभावना मानकर इलायची के बड़े उत्पादक नए साल के लिए इलायची का स्टॉक जमा कर रहे हैं। इस वजह से फिलहाल आपूर्ति पर प्रभाव पड़ा है। इडुक्की जिले में हुई असमय बारिश की वजह से उत्पादन का नुकसान हुआ है, जहां कुल उत्पादन का 55 फीसदी पैदा होता है। असमय बारिश की वजह से इलायची के पौधे में संक्रमण भी हुआ है और इस वजह से भी उत्पादन प्रभावित हुआ है। इससे इलायची की गुणवत्ता पर भी भारी असर पड़ा है। अग्रणी ïउत्पादकों के मुताबिक, संक्रमण की वजह से इस समय उत्पादन में करीब 30 फीसदी का नुकसान हुआ है। उत्पादकों केताजा अनुमान के मुताबिक यहां सालाना 13000 टन इलायची का उत्पादन होता है, लेकिन इस समय यह 10 हजार टन के आसपास रह सकता है। (BS Hindi)
23 दिसंबर 2010
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