भोपाल November 30, 2010
मध्य प्रदेश में हाल में हुई असमय बारिश के चलते डॉलर चने के दाम में जबरदस्त उछाल देखने को मिल रही है। इसके चलते पिछले 5-6 दिनों में डॉलर चने का भाव बढ़कर 5,000 रुपये के आसपास पहुंच गया है। बाजार के जानकार आने वाले दिनों में कीमतों में थोड़ी और तेजी की आशंका जता रहे हैं। वर्षा के कारण डॉलर चने की देसी और विदेशी मांगों में भी इज़ाफा हुआ है। मांग बढऩे से भी मूल्य वृद्घि को बल मिला है।हाल में प्रदेश में हुई शीतकालीन वर्षा के चलते कई जगह डॉलर चने की फसल बुरी तरह से प्रभावित हुई है। साथ ही कहीं-कहीं वर्षा के कारण फसलों की बुआई दोबारा करनी पड़ी है। प्रदेश में देवास, इंदौर, रतलाम, शाजापुर, धार, नीमच, सीहोर और उज्जैन आदि जिले में डॉलर चने का उत्पादन होता है। ऐसे में व्यापारी डॉलर चने के स्टॉक को बाज़ार में बिक्री के लिए उपलब्ध नहीं करा रहे हैं, जबकि इसकी मांग में कोई कमी नहीं आ रही है।इंदौर के डॉलर चने के निर्यातक सप्तसथी ऑर्गेनिक एग्रीकल्चर परियोजना के निदेशक सुरेंद्र कुमार तिवारी ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि वर्तमान में मंडियों में डॉलर चने की आवक कम हो गई है। शीतकालीन वर्षा ने व्यापारियों को माल को दबाने के लिए काफी प्रोत्साहित किया है। इससे जहां एक ओर मांग को पूरा करने में परेशानी आ रही है,वहीं दाम में भी तेजी का रुख बना हुआ है। वर्तमान में इंदौर में भी 3500 बोरी ही डॉलर चने की आवक बनी हुई है।उल्लेखनीय है कि शीतकालीन वर्षा से पहले तक डॉलर चने की अच्छी फसल के अनुमान लगाये जा रहे थे। इसके चलते किसान और व्यापारी नई फसल आने से पहले ही स्टॉक को खत्म करने में लगे हुए थे। इससे दामों में भी गिरावट बनी हुई थी। हालांकि असमय वर्षा से खराब हुई फसल के चलते व्यापारी वापस स्टॉक को निकालने में घाटा महसूस करने लगे हैं। व्यापारियों का मानना है कि नई फसल आने तक मांग बनी रहने पर अधिक दामों पर डॉलर चने को बिक्री के लिए बाज़ार में उतारा जाएगा। उज्जैन के एक व्यापारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि डॉलर चने की मांग देश-विदेश में बनी रहती है। हाल में हुई वर्षा से व्यापारियों को अपना मुनाफा दोगुना करने का मौका मिला है। ऐसे में व्यापारी डॉलर चने के स्टॉक को दबाकर रखने में लगे हुए हैं, और बाज़ार में मंदी का माहौल बनाने की तैयारी कर रहे हैं। दाम बढ़ते ही दबे हुये स्टॉक को बाजार में उतारा जाएगा। दाम में तेजी का दूसरा कारण यह है कि इस साल विदेशों में डॉलर चने की मांग में सीजन खत्म होने के बाद भी बनी हुई है। इसके चलते पिछले कुछ महीनों में डॉलर चने की मांग में 40 से 50 फीसदी तक का इज़ाफा हुआ है। हर वर्ष जून-जुलाई तक डॉलर चने की मांग में मंदी आ जाती थी लेकिन इस वर्ष सीजन खत्म होने के बाद भी बिन मौसम वर्षा के चलते मांग में तेजी का रुख बना हुआ है। ऐसे में मांग अधिक होने से डॉलर चने का स्टॉक तेजी से कम हो रहा है। हर वर्ष सीजन के अंत तक डॉलर चने की मांग में कमी आनी शुरू हो जाती है। इस वर्ष मांग में कमी देखने को नहीं मिल रही है। ऐसे में इंदौर स्थित स्थानीय निर्यात बाजार में भी सीजन की तरह ही मांग बनी हुई है। वर्तमान में इंदौर से प्रति माह 2000 से लेकर 2700 कंटेनर तक डॉलर चने का निर्यात दूसरे देशों को किया जा रहा है। इसी बढ़ी मांग के चलते डॉलर चने आंकड़ों के अनुसार, वर्तमान में डॉलर चने का दाम 4400 रुपये से लेकर 4850 रुपये के बीच है। कुछ महीने पहले तक डॉलर चने का मूल्य 3200 रुपये से लेकर 3500 रुपये के दायरे तक ही सीमित था। (BS Hindi)
01 दिसंबर 2010
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