मुंबई December 24, 2010
प्याज, टमाटर और दूसरी सब्जियां क्या महंगी हुईं, घर के बाहर खाना भी मुहाल होने लगा। अगर आपको होटल और रेस्तरां में खाने का शौक है तो महंगाई की मार अब वहां भी आपका पीछा नहीं छोडऩे वाली। सब्जियों और दूसरे खाद्य पदार्थों की बढ़ती कीमत का हवाला देते हुए होटल-रेस्तरां मालिकों ने भी अपने व्यंजनों की कीमत 20 से 25 फीसदी तक बढ़ाने का फैसला किया है। बढ़ी हुई कीमतें शनिवार से ही उनके मेन्यू पर नजर आने लगेंगी।पिछले कुछ महीनों से खाद्य पदार्थों के दाम तेजी से बढ़ रहे हैं। उनसे आजिज आकर होटल कारोबारियों ने आखिरकार खाना महंगा कर ही दिया है। भारतीय होटल एवं रेस्तरां संघ (आहार) के अध्यक्ष सुधाकर शेट्टïी के मुताबिक सभी होटल मालिकों ने दोटूक कहा है कि खाने की कीमत बढ़ाई जाए या होटल बंद कर दिए जाएं क्योंकि महंगाई की वजह से लागत निकलना भी दूभर हो रहा है। इस वजह से संघ ने दाम में 20 से 25 फीसदी इजाफे का फैसला किया है।शेट्टïी कहते हैं कि हाल के हफ्तों में प्याज, टमाटर, धनिया, गोभी समेत लगभग सभी हरी सब्जियों के दाम 2 से 3 गुना बढ़ गए हैं। इतना ही नहीं दाल, आलू, आटा और चावल के भाव में भी 10 से 30 फीसदी इजाफा हो गया है। मंडी से होटल तक माल लाने में भाड़ा भी अब 10-15 फीसदी अधिक लगता है। ऐसे में होटल कारोबारियों के लिए दाम बढ़ाना मजबूरी है।बाहर चटखारे लेने के शौकीनों के लिए बुरी खबर यहीं खत्म नहीं होती है। महंगाई की वजह से होटलों में अब मुफ्त मिलने वाली चीजों में भी कटौती शुरू हो गई है। आपकी खाने की थाली के साथ मुफ्त सजने वाले सलाद और अचार की मात्रा कम कर दी गई है। ग्राहक अब सलाद में प्याज और टमाटर तलाशते ही रह जाते हैं। उनकी जगह खीरा, गोभी और मूली के पत्ते परोसे जा रहे हैं। छोटे रेस्तरां अब अचार गायब करने लगे हैं और प्याज तथा लहसुन की गांठ भी रखना बंद कर दिया गया है। होटल वाले कहते हैं कि ग्राहक की खास मांग पर ये चीजें मुहैया कराई जाती हैं, लेकिन उन्हें इनकी कीमत चुकानी पड़ेगी।श्रीदेवी होटल के मालिक और आहार के पूर्व अध्यक्ष नारायण अल्वा कहते हैं, 'होटल में भी सामान बाजार से आता है, जहां जबरदस्त महंगाई है। हमने 3 महीने तक दाम यह सोचकर नहीं बढ़ाए कि सरकार महंगाई पर काबू पा लेगी। लेकिन महंगाई केवल आंकड़ों में कम हुई तो हम कब तक घाटे में कारोबार करेंगे।Óहोटल मालिक क्रिसमस और नए साल के मौके पर खाना महंगा कर रहे हैं, जिससे उनके यहां ग्राहक कम भी हो सकते हैं। लेकिन अल्वा कहते हैं, 'कीमत बढ़ाने का यह सही वक्त नहीं माना जा रहा है। लेकिन सबसे ज्यादा ग्राहक भी इसी वक्त आते हैं, इसलिए घाटा भी इस समय बढ़ जाता। दाम बढऩे पर ग्राहक बेशक कुछ कम हो सकते हैं, लेकिन महंगाई में थाली तो महंगी होगी ही। (BS Hindi)
25 दिसंबर 2010
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