नई दिल्ली/अहमदाबाद December 29, 2010
प्याज और लहसुन के बाद अब आपकी रसोई पर दूध और उससे बनने वाले उत्पादों का कहर होने वाला है। दूध की कीमत में हालिया बढ़ोतरी के बाद स्किम्ड दूध पाउडर (एसएमपी) का दाम 165 रुपये प्रति किलोग्राम के रिकॉर्ड पर पहुंच गया है। खाद्य बास्केट में दूध अहम तत्व है और थोक मूल्य सूचकांक में इसका भार 4.37 फीसदी है। मिठाई-पकवान में काम आने वाले घी, खोया और दही आदि भी इसी से बनते हैं।नोवा ब्रांड का दूध पाउडर बेचने वाली कंपनी स्टर्लिंग एग्रो के प्रबंध निदेशक कुलदीप सलूजा ने कहा, 'हालांकि दूध पाउडर का निर्यात न के बराबर होता है, लेकिन यह उसका अब तक का सबसे ज्यादा भाव है। दीवाली के पहले से तुलना करें तो भाव में 15 से 20 रुपये प्रति किलो बढ़ोतरी हो चुकी है।Ó सरकार ने मूल्य वृद्घि रोकने के लिए ही दूध पाउडर निर्यात पर रोक लगाई थी।अमूल ब्रांड से दूध बेचने वाली गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन महासंघ (जीसीएमएमएफ) ने हाल ही में दूध के दाम 2 रुपये प्रति लीटर बढ़ाए हैं। यह इजाफा सर्दी के मौसम में हुआ है, जब आम तौर पर दूध उत्पादन बढ़ जाता है। अमूल से पहले मदर डेयरी ने भी दाम में 1 रुपये प्रति लीटर बढ़ोतरी की थी।हालांकि दूध उत्पादक लागत में बढ़ोतरी की बात कहते हुए इस इजाफे को सही ठहरा रहे हैं। जीसीएमएमएफ के प्रबंध निदेशक आर एस सोढ़ी ने कहा, 'दूध उत्पादन की लागत बढ़ गई है। अगर हम इसका उत्पादन बढ़ाना चाहते हैं तो हमें कीमत चुकानी होगी वर्ना किसान भैंस पालने के बजाय दूसरे कामों में लग जाएंगे और हमें आयात करना पड़ेगा।Ó सोढ़ी ने यह भी कहा कि अगले कुछ महीनों तक दूध के दाम बढ़ाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।लेकिन इससे दूध के उत्पादों पर भी मार पड़ रही है। कुछ समय पहले 3,100-3,180 रुपये प्रति टिन (1 टिन में 15 किलोग्राम) बिकने वाला देसी घी अब 3,900 से 4,200 रुपये प्रति टन हो चुका है। मावा के दाम भी 10 रुपये बढ़कर 140 रुपये प्रति किलो हो चुके हैं।पाल हर्बल डेयरी के मालिक और खारी बावली सर्व व्यापार मंडल के अध्यक्ष राजीव बत्रा ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा कि दूध की कमी की वजह से दाम 23 रुपये से बढ़कर 24 रुपये प्रति किलो हो गए हैं। इसकी वजह से दूध उत्पाद भी महंगे हुए हैं। इंडियन डेयरी एसोसिएशन के अध्यक्ष एन आर भसीन ने बताया कि उत्तर भारत में दूध उत्पादन में 4 फीसदी कमी आई है और चारा महंगा हुआ है, जिसकी वजह से कीमत भी बढ़ी है। (BS Hindi)
31 दिसंबर 2010
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