चंडीगढ़ December 13, 2010
देश के उत्तरी भाग में इस साल मॉनसून की स्थिति काफी बेहतर रहने के बाद भी गेहूं उत्पादन पर संकट के बादल नजर आ रहे हैं। प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्य पंजाब और हरियाणा में इस साल गेहूं की बुआई में देरी होने से इसकी पैदावार में भारी कमी की अटकलें लगाई जा रही है।इस साल हरियाणा में गेहूं की बुआई काफी देर से शुरू हुई है। इसके चलते रबी सत्र के दौरान इसकी उपज में गिरावट की आशंका व्यक्त की गई है। राज्य के कृषि विभाग के अधिकारियों के मुताबिक गेहूं की बुआई देर से शुरू होने से इसकी हार्वेस्टिंग (फसल की तैयारी) भी काफी देर से होगी। माना जा रहा है कि इससे गेहूं की उपज में प्रति दिन 37.50 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से गिरावट आ सकती है। अधिकारियों का आकलन है कि इस साल राज्य में 114 लाख टन गेहूं की पैदावार हो सकती है। हालांकि पिछले साल भी 114 लाख टन गेहूं के उत्पादन का अनुमान था लेकिन अंतिम रूप से केवल 105 लाख टन गेहूं की उपज हुई थी। वैसे पिछले साल भी राज्य के कुछ भागों में गेहूं की बुआई काफी देर से हुई थी। लेकिन इस साल ऐसे क्षेत्र बढ़े हैं जहां गेहूं की बुआई में देरी हुई है। पिछले साल केवल 20 फीसदी हिस्से में गेहूं की बुआई देर से हुई थी जबकि इस साल यह हिस्सा बढ़कर 30 फीसदी से भी ज्यादा हो गया है। राज्य में अब तक कुल 20 लाख हेक्टेयर जमीन में गेहूं की बुआई हुई है जबकि पिछले साल इसी अवधि तक 21.05 लाख हेक्टेयर जमीन में गेहूं की बुआई हो चुकी थी। कुछ क्षेत्रों में बुआई अभी भी जारी है। ऐसे में इसकी उत्पादकता घटने की आशंका है। अधिकारियों का कहना है कि राज्य के जिन क्षेत्रों में मॉनसून ज्यादा दिन तक टिका रहा वहां खरीफ फसलों खासकर धान और कपास की तैयारी में काफी परेशानी हुई और इसने काफी लंबा वक्त भी लिया। समय पर जमीन खाली ना हो पाने की वजह से उन क्षेत्रों में इसका असर गेहूं की बुआई पर पड़ा है। कृषि विभाग ने स्पष्टï किया कि हरियाणा के दक्षिण पश्चिम भाग में कपास की तैयारी अभी भी जारी है। जिससे यहां गेहूं की बुआई में और विलंब हो सकता है। कृषि विभाग के वरिष्ठï अधिकारियों के मुताबिक इस साल गेहूं के रकबे में भी कमी आ सकती है। पिछले साल राज्य में कुल 24.72 लाख हेक्टेयर भूमि में गेहूं की खेती की गई थी जबकि इस साल यह आंकड़ा केवल 24.65 लाख हेक्टेयर भूमि तक सीमित रहने का अनुमान है। गेहूं रकबे में कमी से भी उत्पादन पर असर पडऩे की आशंका व्यक्त की जा रही है। स्थिति थोड़ी बेहतर पंजाब में भी इस साल गेहूं की बुआई काफी देर से शुरू हुई इसके बावजूद यहां अब तक 95 फीसदी हिस्से में इसकी बुआई की जा चुकी है। राज्य कृषि विभाग के अधिकारियों के मुताबिक इस साल अब तक 33.10 लाख हेक्टेयर भूमि में गेहूं की बुआई हो चुकी है जबकि पिछले साल समान अवधि तक 33.41 लाख हेक्टेयर भूमि में बुआई की जा चुकी थी। वर्ष 2010-11 के रबी सत्र के दौरान राज्य में कुल 35 लाख हेक्टेयर भूमि में गेहूं लगाने का लक्ष्य रखा गया है। अधिकारी के मुताबिक पंजाब गेहूं के केंद्रीय पूल में करीब 60 फीसदी योगदान करता है। पंजाब में इस साल 154 लाख टन गेहूं उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है जबकि पिछले साल रबी सत्र में कुल 151.69 लाख टन गेहूं का उत्पादन किया गया था। पंजाब और हरियाणा दोनों राज्यों के कुल गेहूं उत्पादन में 5 फीसदी की बढ़ोतरी का अनुमान लगाया गया है। (BS Hindi)
13 दिसंबर 2010
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