चंडीगढ़ December 22, 2010
हरियाणा में गेहूं बुआई का आंकड़ा तेजी से तय लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है। राज्य के कृषि विभाग के अधिकारियों ने कहा कि गेहूं की बुआई देर से शुरू होने के बावजूद हम तय लक्ष्य को आसानी से हासिल कर लेंगे। कृषि विभाग के अधिकारी के मुताबिक पिछले साल राज्य में कुल 24.72 लाख हेक्टेयर भूमि में गेहूं की खेती की गई थी जबकि इस साल 24.65 लाख हेक्टेयर भूमि में गेहूं बोने का लक्ष्य रखा गया है। इसमें से अब तक कुल 24 लाख हेक्टेयर भूमि में गेहूं की बुआई पूरी हो चुकी है। यानी गेहूं की बुआई का आंकड़ा तय लक्ष्य से अब नाम मात्र ही पीछे है। अधिकारी ने स्पष्टï किया कि तय लक्ष्य को न केवल आसानी से हासिल किया जाएगा बल्कि राज्य में लक्ष्य से भी ज्यादा बुआई संभव है। हरियाणा देश में तीसरा सबसे बड़ा गेहूं उत्पादक राज्य है जबकि केंद्रीय पूल में योगदान करने वाला दूसरा सबसे बड़ा राज्य है। गेहूं की बीज से उत्पन्न होने वाली बीमारी की रोकथाम के लिए सरकार ने इस साल किसानों को पूरी तरह शोधित और प्रमाणित बीज उपलब्ध कराया है। किसानों को प्रमाणित गेहूं बीज देने के अलावा इसकी बुआई से जुड़े निर्देश भी दिए जा रहे हैं ताकि किसान इसका ज्यादा से ज्यादा फायदा उठा सके। हालांकि इसके पहले भी राज्य सरकार ने किसानों को गेहूं बीज उपलब्ध कराया था लेकिन सरकारी एजेंसियों और निजी बीज एजेंटों द्वारा दिशा-निर्देशों की अवहेलना करने की वजह से यह उतना सफल नहीं रहा था। इस साल स्थिति थोड़ी अलग है। इस बार किसानों को प्रमाणित बीज की बुआई से जुड़े निर्देश सरकार द्वारा प्रमाणित बीज एजेंट दे रहे हैं। यानी सरकार का प्रयास यही है कि प्रमाणित बीजों की बुआई में किसी प्रकार की गड़बड़ी न हो। कृषि विभाग के अधिकारी का कहना है कि प्रमाणित बीज की मदद से मिट्टïी और बीज से उत्पन्न होने वाली बीमारियों की रोकथाम की जा सकेगी। बताया जाता है कि हरियाणा में इस साल अच्छी बारिश हुई है जिससे मिट्टïी में पर्याप्त नमी है और इसका फायदा गेहूं की फसल को मिलेगा। अच्छी उत्पादकता को ध्यान में रखते हुए सरकार ने इस साल राज्य में कुल 114 लाख टन गेहूं उत्पादन का लक्ष्य रखा है। हालांकि पिछले साल भी सरकार ने 114 लाख टन गेहूं उत्पादन का लक्ष्य रखा था लेकिन वास्तविक उपज 105 लाख टन रही थी। इस साल भी बुआई में देरी होने से गेहूं उत्पादकता पर असर पडऩे की बात कही जा रही है। (BS Hindi)
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