मुंबई December 26, 2010
पश्चिम भारत में कीमती धातु खरीदने के लिहाज से महत्वपूर्ण दिन गुरु पुष्य नक्षत्र गुरुवार से सोने के सिक्के की बिक्री 100 रुपये प्रति 10 ग्राम ज्यादा पर की जा रही है। इस अतिरिक्त रकम की मांग के पीछे विक्रेता तर्क दे रहे हैं कि यूरोपीय देशों में बर्फबारी की वजह से आपूर्ति का संकट पैदा हो गया है जबकि यह कमी जानबूझकर पैदा की जा रही है। हालांकि यूरोपीय देशों में विमान सेवाएं चार दिनों की बाधा के बाद पिछले शुक्रवार से बहाल हो गई है, इस वजह से त्योहारी सीजन में आपूर्ति की स्थिति सख्त रही।कारोबारी सूत्रों केमुताबिक, सोने की सिक्के की उपलब्धता में कमी है और पिछले कुछ दिनों से मांग के मुकाबले इसमें कमी आ गई है। भारतीय कारोबारी (ज्यादातर बैंक) भारत में बेचने के लिए स्विटजरलैंड निर्मित सोने के सिक्के का आयात करते हैं। एक अनुमान के मुताबिक, भारत में बेचे जाने वाले 90-95 फीसदी सोने के सिक्के की आवक स्विटजरलैंड से होती है। ऋद्धि सिद्धि बुलियन लिमिटेड के निदेशक और बॉम्बे बुलियन एसोसिएशन के अध्यक्ष पृथ्वीराज कोठारी ने बताया - अब सोने के सिक्के की आपूर्ति सामान्य हो गई है। लेकिन सिक्के खरीदने के लिहाज से महत्वपूर्ण दिन के बीतने के बाद भी इसकी मांग में तेजी बनी हुई है। उच्च कीमत की उम्मीद में वैयक्तिक ग्राहक और निवेशक सोने की सिक्के की बुकिंग कर रहे हैं, जो सोने की कुल बिक्री के 25 फीसदी के स्तर तक पहुंच गया है।कोठारी ने कहा - सोने के सिक्के की मांग हमेशा से ही तेज रही है क्योंंकि सोने की कीमत 20 हजार प्रति 10 ग्राम को पार कर गई है। अब उपभोक्ताओं को लग रहा है कि सोने की कीमत में कुछ समय तक मजबूती बनी रहेगी, इसी वजह से वे इसकी खरीद के प्रति उत्साहित हुए हैं। ज्यादातर बिक्रेताओं ने हालांकि इस अतिरिक्त रकम को बनाने का शुल्क बताया है। लेकिन इस तरह का शुल्क विक्रेता पहले नहीं वसूलते थे। ज्यादा कीमत सिर्फ और सिर्फ उपलब्धता में किल्लत के समय वसूला जाता है। मुंबई स्थित सोने के खुदरा बिक्रेता जुगराज कांतिलाल ऐंड कंपनी के साझेदार जितेंद्र जैन ने कहा - खुदरा जूलर्स से सोने के सिक्के खरीदना 100 रुपये प्रति 10 ग्राम का प्रीमियम देने के बाद भी सस्ता है। बैंक 5-6 फीसदी का प्रीमियम वसूलते हैं, जो प्रति 10 ग्राम 1000 रुपये बैठता है।क्षेत्रीय स्तर पर मनाए जाने वाले त्योहारों मसलन गुरु पुष्य नक्षत्र के मौकेपर वल्र्ड गोल्ड काउंसिल ने तीसरी तिमाही में सोने की खुदरा मांग में 28 फीसदी की तेजी की खबर दी है। डब्ल्यूजीसी का अनुमान है कि पहली तीन तिमाही में सोने की मांग साल 2008 के 750 टन के स्तर पर आ गई है। साल 2008 का यह आंकड़ा अब तक की सर्वोच्च मांग है। (BS Hindi)
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