मुंबई December 21, 2010
प्याज की कीमतों ने देश भर की गृहणियों की आंखों से आंसू निकाल दिए हैं। सरकार भी यह मान रही है कि अगले तीन सप्ताह तक प्याज की कीमतों में कमी नहीं आने वाली है। बाजार जानकारों का मानना है कि इस तरह के बयान से सटोरियों को और बल मिलता है। ऐसे में प्याज के दाम यदि अगले दो-चार दिनों में करीब 100 रुपये की ऊंचाई पर पहुंच जाएं तो आश्चर्य नहीं किया जाना चाहिए। देश में इस समय प्याज 50 से 90 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बिक रहा है।मीडिया में प्याज के दामों को लेकर मचे बवाल को देखते हुए सरकार ने 15 जनवरी तक प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है। कृषि मंत्री शरद पवार ने प्याज को काबू में करने के लिए तीन सप्ताह का समय मांगा है। बतौर पवार, प्याज की कीमतें तीन सप्ताह तक ऊंची बनी रहेंगी। हालांकि निर्यात प्रतिबंधित करने से दो सप्ताह के बाद स्थिति में सुधार दिखाई देने लगेगा। प्याज की बढ़ी कीमतों पर राजनीति भी गरमाने लगी है। भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष नितिन गडकरी ने इसके लिए सरकार की अर्थिक नीतियों को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा है कि सरकार ने समय रहते कदम नहीं उठाए हैं जिसकी वजह से कीमतों में बढ़ोतरी हुई है।कृषि मंत्री के इस बयान पर बाजार जानकार भी हैरान हैं। कृषि मामलों के जानकार मेहुल अग्रवाल कहते हैं कि कीमतों को काबू में करने का प्रयास सरकार को करना चाहिए लेकिन समय-सीमा तय करने का बाजार में उल्टा असर होगा। एक तरीके से सरकार कह रही है कि तीन सप्ताह तक वह कुछ नहीं कर सकती है। इस बयान से सटोरियों को प्रोत्साहन मिलेगा और अगले दो चार दिन में प्याज की कीमत 100 रुपये किलोग्राम तक भी पहुंच सकती है। ऐसा ही बयान दाल की बढ़ती कीमतों पर दिया गया था तो एक सप्ताह के अंदर दाल के दामों में 30 फीसदी तक की बढ़ोतरी देखने को मिली थी।बताया जा रहा है कि आसमान छूती प्याज की कीमतों की प्रमुख वजह देश के कई हिस्सों में अक्टूबर-नवंबर महीने में हुई बारिश है। कहा जा रहा है कि बारिश की वजह से आपूर्ति घट गई है। लेकिन महाराष्ट्र राज्य कृषि मार्केटिंग बोर्ड से प्राप्त आंकड़ों को देखने से आपूर्ति में बहुत ज्यादा कमी की बात गले नहीं उतर रही है। पिछले साल मुंबई कांदा-बटाटा मार्केट में प्रति दिन औसतन 1000 टन प्याज की आपूर्ति हो रही थी जबकि इस साल भी अभी तक आपूर्ति का औसतन आंकड़ा लगभग यही है। फिर सवाल उठता है कि पिछले साल जहां प्याज 30-35 रुपये किलोग्राम था तो इस बार 80 रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर पर कैसे चला गया। कारोबारी मानते हैं कि पिछले कुछ दिनों से ऐसी खबरें आ रही थी कि बारिश की वजह से प्याज खराब हुई है। इस बात को आधार बनाकर सटोरियों ने बाजार में कीमतें एक महीने के अंदर दोगुनी कर दी। मुंबई के विभिन्न हिस्सों में प्याज इस समय 70 रुपये से 90 रुपये प्रति किलोग्राम तक बेची जा रही है। जबकि देश के दूसरे हिस्सों में 35 रुपये से 70 रुपये प्रति किलोग्राम तक बिक रही है। महाराष्ट्र राज्य कृषि मार्केटिंग बोर्ड से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार देश की सबसे बड़ी प्याज मंडी नासिक में एक महीने पहले प्याज की औसत कीमत 1400 रुपये प्रति क्विंटल थी जो इस समय बढ़कर 2400 रुपये प्रति क्ंिवटल हो गई है। जबकि सबसे बड़ी उपभोक्ता मंडी मुंबई कांदा बटाटा मार्केट में एक महीने पहले प्याज की औसत कीमत 2400 रुपये थी जो इस समय बढ़कर 4750 रुपये पहुंच गई है। कारोबारियों की मानी जाए तो अभी कीमतें और बढ़ेगी, क्योंकि नई फसल आने में अभी कम से कम एक महीने का समय है और सरकार आयात करती भी है तो भी देशभर में वितरण करने में तकरीबन एक सप्ताह का समय लगेगा। प्याज की बढ़ती कीमतों पर काबू पाने के लिए पाकिस्तान से आयात की बात की जा रही है लेकिन कृषि मंत्री आयात करने की बात से इनकार कर रहे हैं। हालांकि सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तान से आयात किये जाने की बात चल रही है और इसकी प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। पाकिस्तान से प्याज आती है तो सभी तरह के करों के बाद भी बाजार में प्याज 18 से 22 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से मिलना शुरू हो जाएगा। उधर, पाकिस्तान से प्याज आयात करने की खबर से वहां भी प्याज के दामों में करीब 25 से 30 फीसदी की उछाल आ गई है। इस बीच, एजेंसी की खबरों के मुताबिक दिल्ली के थोक बाजार में प्याज की आपूर्ति में करीब 20 फीसदी की कमी आई है। कारोबारियों के अनुसार, हालांकि भाव 60 रुपये की ऊंचाई पर होने से बाजार में प्याज के खरीदार भी घट गए हैं। आजादपुर मंडी में पिछले दिनों जहां 1,020 टन प्याज की आवक रही थी वहीं मंगलवार को यह घट कर 810 टन रह गई। (BS Hindi)
22 दिसंबर 2010
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