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08 फ़रवरी 2010

ऑस्ट्रेलियाई चना भी बेहतर घरेलू पैदावार से सुस्त

बुवाई क्षेत्रफल में बढ़ोतरी और अनुकूल मौसम से चालू रबी सीजन में देश में चना की पैदावार बढ़ने की संभावना है। जबकि इस समय उत्पादक मंडियों में बकाया स्टॉक भी बचा हुआ है। इसीलिए हाजिर और वायदा बाजार में पिछले एक महीने में इसके दाम करीब 11 फीसदी घट चुके हैं। कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र की मंडियों में नए चने की आवक शुरू हो चुकी है। होली के बाद मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश की मंडियों में भी नए चने की आवक शुरू हो जाएगी। ऐसे में मौजूदा कीमतों में मंदी की ही संभावना है।कृषि मंत्रालय के मुताबिक वर्ष 2008-09 में देश में चने का 70।05 लाख टन का उत्पादन हुआ था जबकि चालू रबी सीजन में बुवाई पिछले साल के मुकाबले 4.58 लाख हैक्टेयर ज्यादा क्षेत्रफल में हुई है। प्रमुख उत्पादक राज्यों में मौसम भी फसल के अनुकूल रहा है इसलिए वर्ष 2009-10 में चना पैदावार बढ़ने की संभावना है। व्यापारिक अनुमान के अनुसार वर्ष 2008-09 में देश में चने का उत्पादन 58-60 लाख टन का हुआ था तथा चालू रबी सीजन में उत्पादन 60-62 लाख टन का होने का अनुमान है। इस समय उत्पादक राज्यों की मंडियों में करीब 8-10 लाख टन चने का बकाया स्टॉक भी बचा हुआ है इसलिए चालू रबी सीजन में कुल उपलब्धता 66-70 लाख टन बैठने की संभावना है। घरेलू पैदावार में बढ़ोतरी होने की संभावना के कारण ही आस्ट्रेलियाई निर्यातकों ने चने के दाम घटाने शुरू कर दिए हैं। नवंबर महीने में आस्ट्रेलियाई चने के भाव मुंबई पहुंच 555 डॉलर प्रति टन चल रहे थे जो इस समय घटकर 525- 530 डॉलर प्रति टन रह गए हैं। लेकिन घरेलू पैदावार बढ़ने और बकाया स्टॉक अच्छा होने के कारण आयातक नए आयात सौदे सीमित मात्रा में ही कर रहे हैं। चालू महीने के आखिर में घरेलू मंडियों में मटर की नई फसल की आवक भी शुरू हो जाएगी तथा आयातित मटर की कीमतों काफी नीचे आ चुकी हैं। इसका असर भी चने की कीमतों पर पड़ रहा है।कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र की मंडियों में नए चने की आवक शुरू हो चुकी है तथा अन्य उत्पादक राज्यों मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में भी होली के बाद नए चने की आवक शुरू हो जाएगी। इसीलिए घरेलू बाजार में चने की कीमतों में गिरावट देखी जा रही है। आंध्र प्रदेश की मंडियों में करीब 20-25 हजार बोरी, कर्नाटक की मंडियों में 30-35 हजार और महाराष्ट्र की मंडियों में 40-45 हजार बोरी चने की दैनिक आवक हो रही है। चना दाल और बेसन मिलों की कमजोर मांग से उत्पादक मंडियों में चने के दाम घटकर 2000-2050 रुपये प्रति क्विंटल रह गए हैं। उधर इंदौर मंडी में चने के दाम घटकर 2100 रुपये और राजस्थान की मंडियों में 2150 रुपये प्रति क्विंटल रह गए हैं। दिल्ली में चने के भाव घटकर 2250-2275 रुपये प्रति क्विंटल रह गए जबकि चने की दैनिक आवक यहां 25-30 मोटरों की हो रही है। एनसीडीईएक्स पर फरवरी महीने के वायदा अनुबंध में भी पिछले एक महीने में चने की कीमतें 11 फीसदी घटकर 2223 रुपये प्रति क्विंटल पर आ गई है।बात पते कीहोली के बाद मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश की मंडियों में भी नए चने की आवक शुरू हो जाएगी। ऐसे में मौजूदा कीमतों में सुस्ती की ही संभावना है। (बिज़नस भास्कर....आर अस राणा)

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