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05 नवंबर 2008

गेहूं से निर्यात प्रतिबंध नहीं हटाएगी सरकार

नई दिल्ली : सरकार ने मंगलवार को गेहूं पर लगे निर्यात प्रतिबंध को हटाने से इनकार कर दिया है। साल 2007-08 में गेहूं के रिकॉर्ड उत्पादन के बाद भी सरकार निर्यात में सतर्कता बरत रही है। केंद्र ने गेहूं समेत रबी की अन्य फसलों के लिए जल्द न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा करने की बात कही है। एग्रीकल्चर साइंटिस्ट रिक्रूटमेंट बोर्ड के फांउडेशन कार्यक्रम के बाद खाद्य एवं कृषि मंत्री शरद पवार ने कहा कि कुछ देशों के साथ हमारा कारोबारी करार है, जिसके बाद ही अन्य देशों को निर्यात पर विचार किया जाएगा। वेयरहाउस में जगह की कमी के चलते बड़ी मात्रा में गेहूं बाहर पड़ा होने के प्रश्न पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार इस बात को स्वीकार करती है, लेकिन प्रतिबंध हटाने से पहले घरेलू स्थितियों को ध्यान में रखा जाएगा। सरकार ने 2006 में गेहूं निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था। उस समय घरेलू मांग और कीमतों को काबू में रखने के लिए 55 लाख टन गेहूं का आयात करना पड़ा था। सरकार ने आयात ड्यूटी को भी शून्य कर दिया था। पवार ने कहा कि गेहूं के उत्पादन क्षेत्र को बढ़ाने पर भी काम किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, 'पिछले साल देश में रिकॉर्ड 7.84 करोड़ टन की पैदावार हुई थी, इस साल हम इस रिकॉर्ड को भी तोड़ना चाहते हैं।' उत्तर प्रदेश में गन्ना पेराई में देरी होने से गेहूं की बुआई प्रभावित होने के सवाल पर पवार ने कहा, 'मैं वहां अधिकारियों से बात करूंगा क्योंकि हम गेहूं के उत्पादन क्षेत्र को हर हालत में बढ़ाना चाहते हैं।' उन्होंने कहा कि मौसम स्थिति, नमी मात्रा, तापमान और बीज की उपलब्धता गेहूं की बंपर फसल में मददगार होगी। उन्होंने कहा कि अगर किसानों को पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध कराया जाए तो उत्पादन का नया रिकॉर्ड बन सकता है। पवार ने यह भी कहा कि सरकार गेहूं समेत रबी फसल के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की घोषणा जल्द करेगी। उन्होंने कहा कि हम एमएसपी के संबंध में जल्द निर्णय लेंगे। द कमीशन फॉर एग्रीकल्चर कास्ट एंड प्राइस ने गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य को 1,080 रुपए प्रति क्विंटल करने की सिफारिश की है, फिलहाल गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1,000 रुपए प्रति क्विंटल है। (ET Hindi)

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