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07 अगस्त 2008

मक्‍का में स्‍टॉर्च व पोल्‍ट्री मिलों की मांग घटी

नई दिल्‍ली, 6 अगस्‍त। मक्‍का में पोल्‍ट्री व स्‍टार्च मिलों की मांग घटने से गिरावट देखी जा रही है। व्‍यापारिक सूत्रों के अनुसार सावन के महीने में आमतौर पर पोल्‍ट्री में मांग में कमी आती ही है जिससे मक्‍का के भावों में मंदी आना लाजिमी है। सरकार ने मानवता को आधार मानकर यू एन प्रोजेक्‍ट के तहत अफ्रीकी देशों को 25 हजार टन मक्‍का के निर्यात की अनुमति दे दी है लेकिन इससे भावों में लम्‍बी तेजी की संभावना कम है। ज्ञात हो कि केन्‍द्र सरकार ने 3 जुलाई को मंहगाई पर अंकुश लगाने हेतु मक्‍का के निर्यात पर 15 अक्‍टूबर तक रोक लगा रखी है।
वर्तमान में मक्‍का की आवक एक मात्र बिहार राज्‍य से ही हो रही है तथा बिहार में मौसम साफ होने से आवकें बढ़ी है जबकि दक्षणि भारत के साथ-साथ महाराष्‍ट्र, मध्‍यप्रदेश व राजस्‍थान में पिछले आठ-दस दिनों से वर्षा हो रही है जोकि खरीफ मक्‍का के लिए लाभदायक है। कर्नाटक, आंध्रप्रदेश व महारष्‍ट्र में मक्‍का की नई फसल की आवकें सितम्‍बर माह के आखिर व अक्‍टूबर माह के शुरू में बनेगी जबकि सावन का महीना समाप्‍त होने के बाद पोल्‍ट्री की मांग बढ्ने से इसके भावों में पुन: सुधार आ सकता है।
अधिकारिक सूत्रों के अनुसार चालू बिजाई सीजन में अभी तक मक्‍का की बिजाई 58.45 लाख हैक्‍टेयर में ही हो पाई है जोकि गत वर्ष की समान अव‍धि के मुकाबले कम है। ज्ञात हो कि गत वर्ष की समान अवधि में इसकी बिजाई 66.00 लाख हैक्‍टेयर में हो चुकी थी। सामान्‍यत: खरीफ सीजन में देश में मक्‍का की बिजाई 63.73 लाख हैक्‍टेयर में होती है।
दिल्‍ली बाजार में आज मक्‍का के भाव घटकर 900 से 905 रूपये प्रति क्विंटल रह गये जबकि निजामाबाद मण्‍डी में इसके भाव 1060 से 1065 रूपये प्रति क्विंटल रह गये। बिहार की मंडियों में ट्रक लोड मक्‍का के भाव घटकर 725 रूपये प्रति क्विंटल बोले गये।...R S Rana

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