नई दिल्ली: प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष सी. रंगराजन का मानना है कि 2008-09 में देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के विकास दर में गिरावट की आशंका है। यह 8 से 9 फीसदी के बीच न होकर 7.5 से 8 फीसदी के बीच हो सकती है। पत्रकारों से बातचीत में डॉ. रंगराजन ने कहा कि जब तक महंगाई की दर में खासी कमी नहीं हो जाती रिजर्व बैंक को सख्त कदम उठाने पड़ेंगे।
यह सिलसिला तब तक जारी रहेगा, जब तक महंगाई की दर में मंदी का दौर नहीं आता। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि रात के बाद दिन भी निकलता है। बेशक वर्तमान में देश की विकास की रफ्तार कम हुई है। जब आर्थिक परिस्थितियां सामान्य हो जाएंगी, विकास की गाड़ी फिर पटरी पर आ जाएगी। इसकी गति भी फिर तेज हो जाएगी।
रंगराजन ने कहा कि वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतों के नरम पड़ने से इसका घरेलू बाजार में दामों पर असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि मार्च 2009 तक महंगाई की दर घटकर 8 से 9 फीसदी के बीच आ सकती है। महंगाई की दर फिलहाल 13 साल के उच्चतम स्तर पर बनी हुई है। वित्तीय घाटा का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इसको जीडीपी के ढाई फीसदी तक रखने में सफलता हासिल की जा सकती है। (Navbharat Times)
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