नई दिल्ली September 22, 2008
केंद्र सरकार धान उगाने वाले किसानों को 50 रुपये प्रति क्विंटल का बोनस देने की योजना बना रही है। सरकारी अधिकारी ने बताया कि धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य 850 रुपये प्रति क्विंटल पर सरकार 50 रुपये का बोनस दे सकती है और इस बाबत गहनता से विचार-विमर्श चल रहा है। उन्होंने कहा कि अगले हफ्ते इसके ऐलान की उम्मीद है।गौरतलब है कि प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद ने धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 900 रुपये प्रति क्विंटल करने का सुझाव दिया था। अधिकारी ने कहा कि बोनस देकर सरकार किसानों की सहायता करना चाहती है। 21 अगस्त को कैबिनेट की हुई बैठक में अन्य फसलों के साथ-साथ धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फैसला लिया गया था और फिर इसका ऐलान किया गया था। वैसे 12 जून को सरकार ने अस्थायी तौर पर धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 850 रुपये प्रति क्विंटल घोषित किया था। इसके बाद मामले को प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद को सौंपा गया था और उन्हें इस बाबत सिफारिश करने को कहा गया था क्योंकि धान उत्पादन के मामले में प्रमुख राज्यों (दक्षिणी इलाके) ने धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य गेहूं की तरह 1000 रुपये प्रति क्विंटल करने की मांग की थी।कृषि लागत और कीमत आयोग (सीएसीपी) ने हालांकि अपनी सिफारिश में कहा था कि 2008-09 के सीजन में धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य एक हजार रुपये प्रति क्विंटल होना चाहिए। पिछले साल धान का एमएसपी बोनस समेत 745 रुपये प्रति क्विंटल था जबकि ए ग्रेड वाले धान का एमएसपी 775 रुपये घोषित किया गया था। इस साल मकई, ज्वार और बाजरा का एमएसपी 840 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है जबकि कपास का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2500 रुपये और 3 हजार रुपये तय किया गया है।इस बीच, खरीफ सीजन में अब तक धान का रकबा 19 सितंबर तक 373.51 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया है जबकि पिछले साल यह 361.81 लाख हेक्टेयर था। एक सरकारी अधिकारी ने दावा किया कि इस साल धान का रकबा पिछले पांच साल के औसत 389.66 लाख हेक्टेयर को पार कर जाएगा।उनका कहना है कि अभी बुआई पूरी नहीं हुई है, लिहाजा इस बात की पूरी संभावना है। पिछले साल किसानों ने कुल 393.83 लाख हेक्टेयर में धान की बुआई की थी। (BS Hindi)
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