कोयंबटूर September 20, 2008
यूनाइटेड प्लांटर्स एसोसिएशन ऑफ साउथ इंडिया (यूपीएएसआई) ने बताया कि इलायची के यूनिट मूल्य के 373.79 रुपये प्रति किलो से बढ़ कर 621.38 रुपये प्रति किलो होने से अप्रैल से जुलाई 2008 के दौरान पिछले साल की तुलना में 66.2 प्रतिशत अधिक मूल्य मिले हैं।हालांकि, इस अवधि में भारत से इलायची के निर्यात में कोई बदलाव नहीं देखा गया। साल 2007-08 में भारत से इलायची के निर्यात में गिरावट आई थी और यह 500 टन रहा जबकि इससे पिछले वर्ष में यह 650 टन था।यूपीएएसआई के विश्लेषणों के अनुसार मूल्य वसूली में 10.7 प्रतिशत की वृध्दि हुई थी जिसकी वजह यूनिट मूल्यों में हुई बढ़ोतरी थी। साल 2006-07 में यूनिट मूल्य 344 रुपये था जो साल 2007-08 में बढ़ कर 495 रुपये प्रति किलो हो गया, इसमें 151 रुपये प्रति किलो की वृध्दि देखी गई। ऐसा आकलन था कि साल 2007-08 में भारत में इलायची का उत्पादन अपेक्षाकृत कम, 9,470 टन होगा जो साल 2006-07 के 11,540 टन की तुलना में 2,070 टन कम था। इलायची उत्पादक सभी क्षेत्रों में फसल की स्थिति अच्छी नहीं थी।उत्पादन कम होने का महत्वपूर्ण कारण औसत उत्पादकता स्तर का कम होना है जो आकलन के मुताबिक 175 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर है। इलायची की कीमतों में साल 2002-03 से गिरावट आनी शुरू हो गई थी जिसमें साल 2006-07 में कुछ राहत मिली। साल 2007-08 में नीलामी के दौरान कीमतें 313.20 रुपये प्रति किलो से बढ क़र 500.89 रुपये प्रति किलो हो गईं।यह चलन वर्तमान सीजन में भी जारी रहा और 16 अगस्त को कीमतें 582.52 रुपये प्रति किलो के स्तर पर थीं जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि में यह 299.04 रुपये प्रति किलो थी।काली मिर्चयूपीएएसआई ने कहा कि वित्त वर्ष 2007-08 के दौरान काली मिर्च का प्रदर्शन निर्यात के मामले में सराहनीय रहा। परिमाण की बात करें तो इस अवधि में निर्यात में 6,250 टन की बढ़ोतरी हुई और मूल्य में 213.3 करोड़ रुपये की वृध्दि हुई। यूनिट मूल्य में भी 41.93 रुपये प्रति किलो की वृध्दि हुई। साल 2007-08 में 35,000 टन काली मिर्च का निर्यात किया गया, मिलने वाला मूल्य 519.50 करोड रुपये और यूनिट मूल्य 148.43 रुपये प्रति किलो रहा। आयात करने वाले देशों, खासतौर से अमेरिका, में भारत की हिस्सेदारी बढ़ने से निर्यात में वृध्दि हुई। साल 2004-05 में अमेरिका को मात्र 4,600 टन काली मिर्च का निर्यात किया गया था जो साल 2007-08 में बढ़ कर 14,500 टन हो गया।इससे स्पष्ट होता है कि अमेरिका की अध्रिकांश खरीद ब्राजील और वियतनाम की जगह भारत से होने लगी। काली मिर्च की कीमतों में गिरावट का दौर जो साल 2000 में शुरू हुआ था साल 2005 तक जारी रहा। वर्ष 2007 के दौरान घरेलू मूल्यों में 52 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई और यह 134.04 रुपये प्रति किलो के स्तर पर पहुंच गया।जनवरी से अगस्त के दौरान के नवीनतम कीमतों से पता चलता है कि मूल्य में बढ़ोतरी का दौर जारी रहा और प्रति किलो मिलने वाली कीमत 143.95 रुपये रही जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि में यह 134.18 रुपये प्रति किलो थी।अस्थायी आकलन के अनुसार साल 2007-08 में 50,000 टन काली मिर्च के उत्पादन की उम्मीद थी जबकि साल 2006-07 में यह 74,000 टन थी। साल 2007 में काली मिर्च का वैश्विक उत्पादन 2,71,000 टन रहा जबकि पिछले वर्ष में यह 2,89,200 टन था।वियतनाम, भारत, ब्राजील और इंडोनेशिया में फसल कम होने से अनुमान था कि साल 2008 में 2,62,400 टन काली मिर्च का उत्पादन होगा। (BS Hindi)
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