डुग्गीरला September 24, 2008
आंध्र प्रदेश में हल्दी की कीमतों में पिछले तीन महीनों में जबरदस्त कमी हुई है। इसके भाव प्रति क्विंटल 1,000 रुपये गिरकर 3,000 से 3,200 रुपये तक पहुंच गए हैं। उल्लेखनीय है कि जून में इसका भाव 3,900 से 4,200 रुपये प्रति क्विंटल के बीच था। ऑनलाइन सट्टेबाजों को इस गिरावट के लिए दोषी ठहराते हुए किसानों का कहना है कि उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के बाजारों में सितंबर अंत तक गर्मी बनी रह सकती है और कीमतें तब तक चढ़ती रहेंगी। इसके अलावा, अक्टूबर में बांग्लादेश से भी निर्यात ऑर्डर मिलने की गुंजाइश है जबकि दुबई के निर्यात का हाल भी अच्छा है। अनुमान है कि नवंबर और दिसंबर में हल्दी की कीमतें 5,100 से 5,200 रुपये तक चली जाएंगी। प्रारंभिक अनुमानों के मुताबिक, आने वाले सीजन में 44 लाख बोरी (1 बोरी=70 किलोग्राम) हल्दी पैदा हो सकती है।मौजूदा सीजन में भी लगभग इतनी ही हल्दी पैदा हुई है। आंध्र प्रदेश के निजामाबाद और वारंगल में हल्दी जहां 3,500 से 3,600 रुपये में बिक रहा है वहीं कडप्पा में हल्दी 3,400 से 3,500 रुपये प्रति क्विंटल में उपलब्ध है।हालांकि दूसरे राज्यों में हल्दी की कीमतों में तेजी देखी जा रही है। तमिलनाडु के इरोड में हल्दी की कीमतें 4,500 से 4,700 रुपये प्रति क्विंटल जबकि महाराष्ट्र में 3,500 से 4,500 रुपये के बीच चल रही है। इरोड में इस बार हल्दी की कीमत पिछले साल से 15 फीसदी ऊंचे चल रहे हैं। उड़ीसा में हल्दी की कीमतें 3,000 रुपये के आसपास चल रही है।किसानों का मक्का और कपास की ओर रुख करने से हल्दी की कीमतें इस बार पिछले पांच सालों में सबसे अच्छी चल रही है। (BS Hindi)
25 सितंबर 2008
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