29 सितंबर 2008
निर्यात मांग घटने से बासमती के भाव गिरे
बासमती चावल की मांग कम होने से इसके भाव में गिरावट देखी जा रही है। नई फसल आने पर इसके मूल्य और कम होने की उम्मीद में निर्यातकों की ओर से बासमती चावल की खरीदारी कम हो रही है। जिससे बीते दो सप्ताह में इसके भाव 10 फीसदी तक गिर चुके हैं। वहीं बासमती चावल कारोबारियों का कहना है कि त्योहारों के अवसर पर मांग बढ सकती है। हालांकि नई फसल के आने से मूल्यों में और नरमी आएगी।ग्रेन मर्चेट एसोसिएशन के प्रधान नरेश कुमार गुप्ता ने बिÊानेस भास्कर को बताया कि बीते दो सप्ताह में निर्यात मांग कमजोर पड़ने से बासमती चावल के मूल्यों में 12 फीसदी तक की गिरावट आई है। राजधानी के ग्रेन बाजार में इस दौरान बासमती चावल 8500 रुपये गिरकर 6500 से 7400 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से बिक रहा है। बाजार में बासमती के अलावा गैर-बासमती की प्रीमियम क्वालिटी वाले चावल के भाव में भी नरमी आई है। सुगंध और शरबती चावल के भाव में गिरावट की वजह नयी फसल की सप्लाई होना और डीबी चावल में जल्दी आने वाली नई फसल है।बासमती चावल कारोबारियों का कहना है कि इसके भाव में गिरावट निर्यातकों की ओर से मांग कम होने के कारण आई। हालांकि आने वाले दिनों में मांग में बढ़ोतरी हो सकती है। हनुमान राइस ट्रेडर के सुशील गुप्ता का कहना है कि आने वाले दिनों में बासमती चावल की नई सप्लाई के दबाव में भाव में और नरमी आएगी। ज्ञानचंद महिंदर कुमार के कर्मदत्त शर्मा बताते है कि आगे नई फसल आने से भाव में नरमी की आशा के चलते निर्यातक चावल की खरीदारी कम कर रहे है।सरकारी आंकड़ों के मुताबिक साल 2008 के मध्य अप्रैल और सितंबर माह के दौरान बासमती चावल का निर्यात 20000 हजार टन घटकर 4.7 लाख टन रह गया है जबकि पिछले साल समान अवधि में इसका निर्यात 4.9 लाख टन हुआ था। (Business Bhaskar)
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