28 सितंबर 2008
बाजरा एमएसपी से 290 रुपये क्विंटल नीचे उतरा
राजस्थान की मंडियों में नई फसल की आवक बढ़ने से पिछले दो दिन के दौरान बाजरा सौ रुपए क्विंटल गिरकर शुक्रवार को 550 रुपए क्विंटल तक के भाव पर उतर आया। इस तरह राज्य में बाजरा के भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से 290 रुपए क्विंटल नीचे आ गए हैं। कृषि निदेशालय ने इस वर्ष राज्य में बाजरा उत्पादन पिछले वर्ष के मुकाबले 25 फीसदी बढ़कर 38.35 लाख टन के पार होने का अनुमान लगाया है। पिछले वर्ष राज्य में 29.91 लाख टन बाजरा का उत्पादन हुआ था। दूसरी तरफ व्यापारी बाजरा उत्पादन चालीस लाख टन के पार होने की संभावना व्यक्त कर रहे हैं। इन दिनों मंडियों में रोजाना लगभग 80000 बोरी बाजरा की आवक हो रही है। जयपुर मंडी के अनाज कारोबारी के. जी. झालानी ने बताया कि मौसम खुलने के बाद उत्पादक मंडियों में बाजरा की आवक रोजाना 500-700 बोरी बढ़ रही है। अलवर मंडी के अनाज व्यवसायी सूरजमल के अनुसार भरतपुर संभाग में बाजरा की बंपर पैदावार से खरीददारों का टोटा हो गया है। इस कारण हिंडन जैसी मंडियों में बाजरा लुढ़ककर 550 रुपए क्विंटल रह गया है। अलवर तथा भरतपुर मंडी में बाजरा के भाव 600 से 700 रुपए क्विंटल है। भावों में लगातार गिरावट से भरतपुर और अलवर इलाके के काश्तगार हरियाणा में बाजरा बेचने जा रहे हैं। जयपुर मंडी में बाजरा के भाव 700 से 710 और जोधपुर में 750 रुपए क्विंटल के ऊपर है। गौरतलब है कि सरकार के ढुलमुल रवैये के कारण राज्य में एमएसपी पर बाजर की खरीद निर्धारित तिथि एक अक्टूबर को शुरू होने की संभावना कम है। उधर मंडियों में एमएसपी से कम भाव पर बाजरा बिकने से किसानों में नाराजगी बढ़ रही है। हालांकि राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर बाजरा की खरीद के लिए एफसीआई को नोडल एजेंसी नियुक्त करने का आग्रह किया है और जैसे ही एफसीआई को निर्देश मिलेंगे, वह स्टेट एजेंसियों के साथ मिलकर बाजरा की खरीद शुरू कर देगी लेकिन तमाम कोशिश के बावजूद एक सप्ताह से पहले बाजरा की खरीद शुरू नहीं हो पाएगी। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के अधिकारियों ने भी इस बात को माना है। केंद्र सरकार ने इस साल बाजरा का समर्थन मूल्य 240 रुपए बढ़ाकर 840 रुपए क्विंटल कर दिया था। (Business Bhaskar)
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