25 सितंबर 2008
रबी का रकबा 30 लाख हैक्टेयर बढ़ाने के प्रयास
खरीफ फसलों के बुवाई क्षेत्रफल में आई कमी की भरपाई के लिए रबी सीजन की बुवाई का लक्ष्य 30 लाख हैक्टेयर बढ़ाकर 532.94 लाखहैक्टेयर तय किया गया है। बीते वर्ष देश में 502.87 लाख हैक्टेयर में रबी फसलों की बुवाई हुई थी। यह जानकारी केंद्रीय कृषि आयुक्त एन बी सिंह ने दी है। गेहूं की बुवाई का लक्ष्य तीन लाख हैक्टेयर बढ़ाकर 285 लाख हैक्टेयर, दलहन का 15 लाख हैक्टेयर बढ़ाकर 137.16 लाख हैक्टेयर, मक्का का पांच लाख हैक्टेयर बढ़ाकर 16.28 लाख हैक्टेयर तथा ज्वार का सात लाख हैक्टेयर बढ़ाकर 50.62 लाख हैक्टेयर रखा गया है। धान का बुवाई का लक्ष्य रबी सीजन में गत वर्ष के समान 43.80 लाख हैक्टेयर ही है।एन बी सिंह ने बताया कि वर्ष 1998-99 के बाद से अभी तक रबी फसलों का उत्पादन 109.70 मिलियन टन के आसपास ही ठहरा हुआ है जबकि खरीफ सीजन में जरूर 18 मिलियन टन की बढ़ोतरी होकर उत्पादन 120.97 मिलियन टन हो गया। पूरे देश में मानसून अच्छा होने से जमीन में नमी होने के कारण रबी में अच्छे उत्पादन की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि मध्य और पश्चिमी भारत में जल्दी बुवाई शुरू होने के कारण दलहन व तिलहनों के उत्पादन में बढ़ोतरी हो सकती है। हालांकि कुछेक क्षेत्रों में नमी की मात्रा ज्यादा होने के कारण बुवाई देर से शुरू हो पाएगी। इस मौके पर कृषि सचिव टी नंद कुमार ने कहा कि खरीफ सीजन के बुवाई क्षेत्रफल में आई कमी की भरपाई रबी सीजन में पूरी हो जाएगी। उन्होंने कहा कि खरीफ में जो 20-30 लाख हैक्टेयर की कमी आई है उसकी पूर्ति रबी में कर सकते हैं।देश में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी तथा बाढ़ प्रबंधन प्रणाली की सख्त आवश्यकता है। बाढ़ से बिहार में तीन लाख हैक्टेयर मक्का की फसल तबाह हो गई, तथा बाढ़ ने मक्का व धान को काफी नुकसान पहुंचाया है। उन्होंने कहा कि इस बार ज्यादा किसानों को ऋण उपलब्ध कराया जाएगा। इसके अलावा 67000 करोड़ रुपये पहले ही ऋण प्रदान किए गए हैं तथा इसमें 364 करोड़ की किसानों को राहत मिलेगी।मंत्रालय गेहूं, चावल व दलहन उत्पादन की बढ़ोतरी में होने वाली चुनौतियों का अध्ययन कर रहा है। जिन राज्यों में हाईब्रिड किस्म के चावल की कमी है उनकी पहचान की जा रही है। इसी तरह से गेहूं के बीज जोकि पिछले 10 साल से बदले नहीं गए हैं तथा दालों में भी उत्पादन कैसे बढ़े, ये देखने की बात है। इस मौके पर पशुपालन सचिव प्रदीप कुमार पशुओं की उत्पादकता में सुधार लाने के लिए राष्ट्रीय कृषि विकास योजना में जोर देने की बात कही। पशुचारे को मुख्य फसलों में शामिल करना चाहिए। (Business Bhaskar)
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