26 सितंबर 2008
खाद्यान्न पैदावार 4.7 फीसदी घटने का अंदेशा
देश कुछ हिस्सों में जुलाई के दौरान सूखा पड़ने और अगस्त व सितंबर में कुछ हिस्सों में बाढ़ आने का प्रतिकूल असर चालू खरीफ सीजन (2008-09) की लगभग सभी फसलों के उत्पादन पर पड़ने की आशंका है। इसके चलते जहां खरीफ सीजन में खाद्यान्न उत्पादन में 4.7 फीसदी की गिरावट आने का अनुमान है। वहीं केवल चावल की आधा फीसदी बढ़ोतरी को छोड़कर दालों, तिलहन, गन्ना और कपास सहित अधिकांश नकदी फसलों के उत्पादन में आधा फीसदी से 30.1 फीसदी तक की गिरावट का अनुमान है। इस स्थिति के चलते खरीफ की बेहतर फसल के सहारे महंगाई पर काबू पाने की सरकार की कोशिश पर पानी फिर सकता है। गुरुवार को कृषि मंत्रालय द्वारा जारी किए गये चालू खरीफ सीजन के उत्पादन के पहले आरंभिक अनुमानों में यह जानकारी दी गई है। मंत्रालय ने रबी सीजन की तैयारियों के लिए आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन के समापन पर राज्यों से मिली जानकारी के आधार पर खरीफ सीजन के अनुमान जारी किये है। आंकड़े जारी करते हुए कृषि सचिव टी. नंदकुमार ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि बाढ़ से हुए नुकसान को आंकड़े तैयार करते समय ध्यान में रखा गया है। उन्होंने कहा कि रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा अक्टूबर में हो सकती है।खरीफ के पहले आरंभिक अनुमानों के मुताबिक चावल उत्पादन आधा फीसदी बढ़कर अभी तक के रिकार्ड 8.32 करोड़ टन रहने का अनुमान लगाया गया है। पिछले साल के ताजा आंकड़ों (चौथे आरंभिक अनुमानों) के मुताबिक 2007-08 खरीफ में चावल उत्पादन 8.28 करोड़ टन रहा था। चालू खरीफ सीजन में कुल खाद्यान्न का उत्पादन 11.53 करोड़ टन होने का अनुमान लगाया गया है जो कि गत वर्ष के चौथे अनुमान के मुकाबले 56 लाख टन कम है। बीते वर्ष केंद्र सरकार द्वारा जारी चौथे अनुमान के अनुसार देश में खाद्यान्न का कुल उत्पादन 12.09 करोड़ टन का हुआ था। मोटे अनाजों में मक्का का उत्पादन चालू वर्ष में 130 लाख टन होने की उम्मीद है जबकि बीते वर्ष इसका उत्पादन 151 लाख़ टन हुआ था। इसी तरह से ज्वार के उत्पादन में 25 फीसदी की कमी आकर उत्पादन 30 लाख टन होने के आसार हैं जबकि बाजरा का उत्पादन गत वर्ष के 97 लाख टन से घटकर 91 लाख टन होने की संभावना है।खरीफ दलहन की प्रमुख फसल तुअर का उत्पादन गत वर्ष के 30 लाख टन के मुकाबले घटकर 23 लाख टन व अन्य दालों के उत्पादन में भी गत वर्ष के मुकाबले 30 फीसदी की कमी आकर उत्पादन 23 लाख टन होने की संभावना है। चालू खरीफ में दालों का कुल उत्पादन 47 लाख टन होने का अनुमान है तथा इसमें गत वर्ष के मुकाबले 26.8 फीसदी की गिरावट आएगी। खरीफ तिलहन की प्रमुख फसल सोयाबीन के उत्पादन में गत वर्ष के मुकाबले 0.5 फीसदी की कमी आकर उत्पादन 99 लाख टन होने का अनुमान है हालांकि सोयाबीन के बुवाई क्षेत्रफल में गत वर्ष के मुकाबले बढ़ोतरी हुई है लेकिन बुवाई के समय खासकर महाराष्ट्र के विदर्भ व मराठवाड़ा में मौसम अनुकूल न होने से प्रति हैक्टेयर उत्पादन घटने की बात खुद कृषि सचिव ने स्वीकार की। मूंगफली के उत्पादन में गत वर्ष के मुकाबले 18.4 फीसदी की गिरावट आकर उत्पादन 61 लाख टन रहने के आसार हैं। कुल तिलहन उत्पादन गत वर्ष के 198 लाख टन के मुकाबले घटकर 179 लाख टन होने की आशा है। (Business Bhaskar....)
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