कुल पेज दृश्य

17 सितंबर 2008

रुपये की कमजोरी से तेलों में गिरावट हुई धीमी

वैश्विक बाजार में खाद्य तेलों के दामों में गिरावट का सिलसिला लगातार जारी है। लेकिन रुपये में जारी कमजोरी ने घरेलू बाजार में इसके फायदे को कम कर दिया है। पिछले एक महीने में डॉलर के मुकाबले रुपया करीब नौ फीसदी कमजोर हो गया है। जिसके चलते खाद्य तेलों का आयात 2600 रुपये प्रति टन महंगा हो गया है।डॉलर के मुकाबले रुपया 16 अगस्त को 43.05 के स्तर पर था। जो मंगलवार को कम होकर 46.80 रुपये के स्तर पर पहुंच गया है। मंगलवार की विनिमय दर के हिसाब से इस समय आयातित पॉम तेल का दाम 31,500 रुपये प्रति टन होगा। यदि रुपया की कीमत डॉलर के मुकाबले एक माह पहले के स्तर पर ही होती तो आज हम पॉम तेल 29,000 रुपये प्रति टन के दाम पर आयात करते । जिसका मतलब कि घरेलू बाजारों में दाम 2.6 रुपये प्रति किलो और सस्ता होते। इस साल अगस्त माह में खाद्य तेलों का आयात 21 फीसदी बढ़कर 569538 टन हुआ है। हालांकि विश्व बाजार में खाद्य तेलों में जारी गिरावट के कारण घरेलू बाजार में भी खाद्य तेल के दामों में नरमी जारी है। एक माह पहले पॉम तेल के आयातित दाम 742 डॉलर प्रति टन पर थे। जो आज कम होकर 650 डॉलर प्रति टन पर पहुंच गये है। वहीं सोया तेल के दाम एक माह पहले 1300 डॉलर प्रति टन के स्तर पर थे। जो आज कम होकर 1025 डॉलर प्रति टन पर पहुंच गये है। इस साल मार्च में सभी खाद्य तेलों के दाम अपने उच्चतम स्तर पर थे। उसके बाद से अब तक लगातार दामों में गिरावट का सिलसिला जारी है। सबसे ज्यादा गिरावट पाम तेल में हुई है। इसके दाम 1भ्00 डॉलर प्रति टन (भारतीय बंदरगाह पर एफओबी) से कम होकर 650 डॉलर प्रति टन पर आ गये है। सोया तेल के दाम 1त्त00 डॉलर प्रति टन से घटकर 1क्25 डॉलर प्रति टन पर पहुंच गए हैं। (Business Bhaskar)

कोई टिप्पणी नहीं: