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17 सितंबर 2008

इस साल 17 फीसदी बढ़ेगा चाय का निर्यात

नई दिल्ली September 17, 2008
भारतीय चाय के प्रमुख आयातक इराक के साथ व्यापार संबंधी दिक्कतों के समाधान और विशालतम निर्यातक राष्ट्र केन्या के उत्पादन में कमी के बीच भारतीय चाय का निर्यात 17 प्रतिशत बढ़ कर 21 करोड़ किलोग्राम हो जाने की उम्मीद है।
चाय बोर्ड के अध्यक्ष बासुदेव बनर्जी ने बताया कि हमें उम्मीद है कि इस वर्ष निर्यात 21 करोड़ किलोग्राम के स्तर को छू सकता है जो वर्ष 2007 में 17.9 करोड़ किलोग्राम था। पिछले वर्ष इराक में हमारे निर्यात को लेकर कुछ समस्या थी। लेकिन अब समस्या के समाधान होने के बाद हम लक्ष्य के बारे में आशान्वित हैं। बनर्जी ने कहा कि भारत द्वारा इस वर्ष दो करोड़ किलो चीनी निर्यात किए जाने की संभावना है। उन्होंने कहा कि केन्या के चाय उत्पादन में चार करोड़ किलोग्राम की कमी ने भारत की संभावना को बढ़ाने में मदद किया है। फिर भी मूल्य के लिहाज से वह शिपमेंट ( लदान) में होने वाली वृध्दि के बारे में कोई अनुमान जाहिर करने से बचे। उन्होंने कहा मुद्रा का उतार चढ़ाव वास्तविक मात्रा के बारे में आकलन करने में दिक्कत बन रहा है, यद्यपि रुपये में आई गिरावट निर्यातकों को मदद पहुंचा रही है। पहले ही वर्ष के पहले सात महीनों में चाय निर्यात बढ़कर 10 करोड़ 55.6 लाख किलोग्राम हो गया जो पिछले वर्ष की समान अवधि में आठ करोड़ 88.6 लाख किलोग्राम था। मूल्य के स्तर पर जनवरी से जुलाई के मध्य लदान बढ़कर 1,096 करोड़ रुपये का हो गया। पिछले वर्ष यह 910.27 करोड़ रुपये था। बनर्जी ने बताया कि भारत का चाय उत्पादन इस वर्ष बढ़कर 95 से 96 करोड़ किलोग्राम होने की उम्मीद है जो मात्रा पिछले वर्ष 94.5 करोड़ किलोग्राम था। मौसमी कारणों से उत्तरी भारत में चाय के उत्पादन में मामूली कमी आ सकती है जबकि दक्षिणी हिस्से में उत्पादन बेहतर रहने की संभावना है जो कुल आंकड़े में बढ़त लाएगा। जनवरी से जुलाई महीने के बीच चाय के उत्पादन में 4766.3 लाख किलोग्राम की बढ़ोतरी हुई है जबकि पिछले साल 4597.9 लाख किलोग्राम की वृध्दि हुई थी। यह पूछे जाने पर कि क्या बड़े पैमाने पर निर्यात किए जाने से घरेलू मूल्यों में भी बढ़ोतरी होगी, बनर्जी ने कहा कि हो सकता है कि मूल्यों में बढ़ोतरी हो लेकिन उपभोक्ताओं को यह नहीं भूलना चाहिए कि चाय की कीमतें साल 1998-99 के स्तर पर हैं। लगभग 10 वर्षों बात कीमतों में मजबूती आ रही है। इसके अतिरिक्त, चाय की घरेलू मांग में वृध्दि से कीमतों पर दबाव बढ़ सकता है।उन्होंने कहा, 'वर्तमान में, देश में चाय की मांग 2.5 से 2.7 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है। हालांकि, इस वर्ष मांग-वृध्दि की दर 3.7 प्रतिशत के स्तर को छू सकती है।'भारत ब्लैक टी के मामले में विश्व का सबसे बड़ा उत्पादक है यद्यपि चीन चाय का सबसे बड़ा उत्पादक देश है जहां वर्ष 2007 में 10,940 लाख किलोग्राम चाय का उत्पादन हुआ था। केन्या विश्व का तीसरा सबसे बड़ा चाय उत्पादक देश है। (BS Hindi)

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