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17 सितंबर 2008

पाम तेल ने लगाया नारियल तेल की तेजी पर ब्रेक

कोच्चि September 17, 2008
खुले बाजार में पाम तेल की कीमतों में हुई कमी के अलावा जन वितरण प्रणाली के जरिए सस्ते दर पर इसकी उपलब्धता से नारियल तेल और खोपरा की कीमतों में हो रही वृद्धि पर ब्रेक लगा है।
हालत यह है कि स्थानीय थोक बाजार में कुछ महीनों पहले तक जिस नारियल तेल और खोपरे की कीमतें 60 रुपये प्रति किलो के ऊपर चली गई थी, अब उसी की कीमत थोक बाजार में 48 रुपये और खुदरा बाजार में 50 से 55 रुपये प्रति किलो के आसपास आ गई है।कारोबारियों के अनुसार, कुछ महीने पहले नारियल तेल और खोपरे की काफी अच्छी मांग थी लेकिन पाम तेल कीमतों में कमी ने नारियल के इन उत्पादों की कीमतों पर असर डाला है। गौतरलब है कि पाम तेल और नारियल तेल एक दूसरे के पूरक उत्पाद माने जाते हैं। एक की कीमतों में हुए उतार-चढ़ाव का दूसरे पर असर पड़ना बड़ा स्वाभाविक माना जाता है। जानकारों का कहना है कि पिछले कुछ हफ्ते पहले तक नारियल तेल और खोपरे की कीमतें 6,500 रुपये के आसपास स्थिर थे। बड़े पैमाने पर सस्ते पाम तेल की आपूर्ति से केरल में ओणम के आसपास भी नारियल तेल की मांग सुस्त रही। इससे नारियल तेल और खोपरे की कीमतों में कमी दर्ज की गई।इस बात पर सभी सहमत हैं कि नारियल उत्पादों की कीमतों में हो रही तेजी वृद्धि पर अंकुश पाम तेल की कीमतों में हुई जबरदस्त गिरावट के चलते लगा है। फिलहाल केरल में नारियल उत्पादों की किल्लत है क्योंकि नारियल उत्पादों के प्रसंस्करण का काम धीमें से चल रहा है। केरल के दक्षिणी जिलों में खोपरे का अभी बिल्कुल ही प्रसंस्करण नहीं हो रहा है, केवल कासरगोड़, कोझिकोड़ और माल्लापुरम जिलों में ही सक्रियता से यह काम हो रहा है। इसके चलते खोपरे की इतनी किल्लत हुई है कि ओणम के दौरान इसके भाव 4,500 रुपये प्रति क्विंटल तक जा पहुंचे। तमिलनाडु में खत्म हुए सीजन में नारियल का भंडार कम रहा है। कर्नाटक में भी इसका भंडार कम रहने की खबर है। तमिलनाडु में नारियल तेल की कीमत इस समय 6,100 से 6,200 रुपये प्रति क्विंटल जबकि खोपरे की 4,150 रुपये चल रही है। वर्तमान में केरल के बाजार विशेषकर वहां के खुले बाजार तमिलनाडु से आने वाले खोपरे और तेल पर आश्रित हैं। कोच्चि के कारोबारियों के मुताबिक, कीमतों में ठहराव अगले एक या दो हफ्ते तक बना रह सकता है। (BS Hindi)

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