17 सितंबर 2008
चावल की रेकॉर्ड खरीद करेगी केंद्र सरकार
नई दिल्ली : देश में चावल की अच्छी पैदावार के चलते इस साल केंद्र सरकार इसकी रेकॉर्ड खरीद कर सकती है। अनुमान है कि 30 सितंबर तक सरकार 2.78 करोड़ टन से अधिक चावल खरीदेगी। इस महीने 12 सितंबर तक 2.74 करोड़ टन चावल खरीदा जा चुका है। गेहूं की 2.26 करोड़ टन की खरीद को मिलाकर इस साल चावल और गेहूं की कुल सरकारी खरीद 5.01 करोड़ टन का आंकड़ा पार कर चुकी है, जो रेकॉर्ड खरीद है। अच्छी पैदावार और चावल की रेकॉर्ड खरीद के मद्देनजर केंद्र सरकार गैर बासमती चावल के निर्यात पर लगी पाबंदी में ढील देने पर विचार कर सकती है। घरेलू थोक और रीटेल बाजार में चावल की कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए उसके निर्यात पर पाबंदियां लगाई गई थीं। हाल ही में, सरकार ने चावल की पूसा 1,121 किस्म को बासमती का दर्जा देने की चावल कारोबारियों और निर्यातकों की मांग ठुकरा दी। गैरबासमती चावल के मुकाबले बासमती चावल के निर्यात पर पाबंदियां सख्त नहीं हैं। ऐसे में अगर पूसा 1,121 किस्म के चावल को बासमती का दर्जा मिल जाता है, तो उसका भी निर्यात आसानी से हो सकेगा। जिन इलाकों में बासमती की पैदावार होती है, उनमें चावल की यह किस्म बहुत ज्यादा उगाई जाती है। पिछले महीने आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी ने धान का एमएसपी बढ़ाकर 1,000 रुपए प्रति क्विंटल करने का प्रस्ताव खारिज कर दिया था। उसने फिलहाल सामान्य किस्म के धान का एमएसपी 850 रुपए प्रति क्विंटल और ग्रेड ए किस्म के धान का एमएसपी 880 रुपए प्रति क्विंटल बरकरार रखा है। भारतीय खाद्य निगम ने ऐसे समय में चावल की रेकॉर्ड खरीद की है, जब घरेलू और वैश्विक बाजार में चावल की कीमतें बढ़ रही हैं। इनकी कीमतें बढ़ने की वजह चावल की पैदावार का रकबा घटना और भारत एवं चीन जैसे देशों में इसकी खपत बढ़ना है। (ET Hindi)
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