नई दिल्ली September 18, 2008
भारतीय निर्यातक इन दिनों खुश नजर आ रहे हैं। खुश होने का कारण भी है। उन्हें अधिक मुनाफा जो होने वाला है। यह मुनाफा किसी और वजह से नहीं, डॉलर के मुकाबले रुपये के कमजोर होने के कारण होगा।
बीते 26 माह के दौरान रुपया (1 डॉलर = 46.37 रुपये) अपने सबसे कमजोर स्तर पर पहुंच गया है। हालांकि कुछ निर्यातक रुपये में लंबे समय तक गिरावट नहीं चाहते हैं। ऐसा होने से उन्हें निर्यात से होने वाले लाभ में कमी आ सकती है। कुछ निर्यातक इसलिए खुश नहीं हो पा रहे हैं, क्योंकि उन्हें अपने माल को तैयार करने के लिए कच्चे माल का आयात करना पड़ता है। चमड़ा उद्योग निर्यातचमड़ा उद्योग निर्यात प्रोत्साहन परिषद के मुताबिक रुपये के मूल्य में गिरावट से निर्यात से होने वाली कमाई में निश्चित रूप से फायदा होने जा रहा है। परिषद के वरिष्ठ अधिकारी अली अहमद खान कहते हैं, 'यह एक अच्छा संकेत है और इससे हमारी कमाई बढ़ने जा रही है। जिन सामानों की डिलिवरी अभी की जाएगी उसका ऑर्डर करीब आठ महीने पहले ले लिया गया है। तब एक डॉलर की कीमत 42-43 रुपये के बराबर थी। रुपये के मूल्य में कमी से परिषद 18000 करोड़ रुपये से भी अधिक का निर्यात करने में सफल हो जाएगी।' सॉफ्टवेयर निर्यातइस क्षेत्र में भी रुपये के मूल्य गिरने से निर्यात को फायदा होने की पूरी संभावना है। वर्ष 2007-08 के दौरान सॉफ्टवेयर निर्यात में 31 फीसदी की बढ़ोतरी (रुपये के टर्म में) दर्ज की गयी। लेकिन चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में मात्र 21 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। सॉफ्टवेयर निर्यात प्रोत्साहन परिषद के मीडिया संचालक जोसेफ कहते हैं, 'रुपये में गिरावट निर्यात के लिए सेफ्टी वाल्व का काम करेगी।' खेल सामग्री निर्यातखेलकूद सामग्री निर्यात प्रोत्साहन परिषद के सचिव तरूण दीवान कहते हैं, 'हमारे निर्यातकों को रुपये की कीमत गिरने से कुछ खास फायदा नहीं होने वाला है। क्योंकि हमारे अधिकतर निर्यातकों को माल तैयार करने के लिए आयात भी करना पड़ता है। अधिक से अधिक 2-4 फीसदी का फायदा हो सकता है।' वर्ष 2006-07 के मुकाबले वर्ष 2007-08 के दौरान इस निर्यात में मात्र 2 फीसदी की बढ़ोतरी हुई।रत्न - जेवरात निर्यातरत्न एवं जेवरात निर्यात प्रोत्साहन परिषद के उप निदेशक सुरेंद्र सिंह कहते हैं, 'आभूषण निर्माण के लिए सोने व चांदी का मुख्य रूप से आयात किया जाता है। इसलिए उन्हें रुपये के मूल्य गिरने का फायदा नहीं मिलेगा। और मिलेगा भी तो यह 2 फीसदी से अधिक नहीं होगा।' (BS Hindi)
18 सितंबर 2008
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