एजेंसियां / नई दिल्ली August 13, 2008! चीनी की बढ़ती कीमतों पर नियंत्रण के लिए सरकार कुछ और करने का मन बना रही है। सरकार के इन उपायों में खुले बाजार में अतिरिक्त चीनी जारी करना मुख्य रूप से शामिल है।
यह जानकारी खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी। उल्लेखनीय है कि सरकार ने शनिवार को अगस्त-सितंबर के लिए 5 लाख टन चीनी जारी करने की घोषणा की थी। पर्याप्त उपलब्धता के बावजूद कीमतें चढ़ने के मद्देनजर सरकार ने यह कदम उठाया था।
इस अधिकारी के मुताबिक, साल 2008-09 में चीनी उत्पादन 2.2 करोड़ टन रहने की उम्मीद है, जबकि वर्ष 2009-10 में 2.5 करोड़ टन चीनी उत्पादन की उम्मीद है। अधिकारी ने बताया कि ऐसे में उपलब्धता कोई समस्या ही नहीं है। इनके अनुसार, चीनी की घरेलू मांग करीब 2.1 करोड़ टन की है। वे इस बात से सहमत नहीं थे कि भारत को वर्ष 2009-10 के सत्र में चीनी का आयात करना होगा।
अधिकारी ने चीनी की बढ़ती कीमतों पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि इसके पीछे कुछ तत्वों की बदमाशी हो सकती है। पिछले सप्ताह एक बयान में खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग ने कहा था कि जुलाई से सितंबर की तिमाही में पिछले वर्ष के मुकाबले अधिक उपलब्धता के बावजूद पिछले कुछ दिनों में खुले बाजार में गैर-लेवी वाली चीनी की कीमतों में वृध्दि हुई है।
चीनी की कीमतों में बढ़ोतरी इस मामले में महत्वपूर्ण है कि उसका थोक मूल्य सूचकांक में 3 फीसदी से अधिक की हिस्सेदारी है। थोक मूल्य सूचकांक के आधार पर ही महंगाई दर की गणना की जाती है जो 26 जुलाई को समाप्त सप्ताह में 12 फीसदी को पार कर गया।...BS Hindi
13 अगस्त 2008
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