नई दिल्लीः चीनी की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए सरकार और कदम उठाने पर विचार कर सकती है, जिसमें खुले बाजार में और ज्यादा चीनी जारी करना भी शामिल है। खाद्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। सरकार ने शनिवार को अगस्त और सितंबर महीने के लिए पांच लाख टन चीनी जारी करने की घोषणा की थी। सरकार ने यह फैसला तब लिया, जब उसने पाया कि पर्याप्त उपलब्धता के बावजूद इसकी कीमतें चढ़ रही हैं।
अधिकारी ने बताया, '2008-09 सीजन में चीनी का उत्पादन 2.2 करोड़ टन होने का अनुमान है। वहीं 2009-10 में यह बढ़कर 2.5 करोड़ टन हो जाने की संभावना है। ऐसे में चीनी उपलब्धता में किसी तरह की कमी नहीं महसूस होगी।' सरकारी अधिकारी ने इससे इनकार नहीं किया कि चीनी के दाम बढ़ने के पीछे जमाखोरों की भूमिका हो सकती है। पिछले हफ्ते अपने बयान में खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग ने कहा कि सितंबर तिमाही में पिछले वर्ष के मुकाबले अधिक उपलब्धता होने के बावजूद पिछले कुछ दिनों में खुले बाजार में गैर लेवी वाले चीनी की कीमतों में वृद्धि हुई है।
चीनी कीमतों में वृद्धि इस लिहाज से महत्वपूर्ण है कि उसका थोक बिक्री मूल्य सूचकांक में तीन फीसदी से अधिक का वेटेज है। थोक बिक्री मूल्य सूचकांक के आधार पर ही मुद्रास्फीति की दर का पता चलता है। 26 जुलाई को खत्म हुए हफ्ते में महंगाई दर 12 फीसदी से ज्यादा हो गई थी। हाजिर बाजार में चीनी का भाव 1,885 रुपए प्रति क्विंटल है, वहीं अक्टूबर का वायदा 1,461 रुपए प्रति क्विंटल पर चल रहा है। इस सीजन में 2.654 करोड़ टन चीनी उत्पादन का अनुमान है।
चालू सीजन में 1.1 करोड़ टन अतिरिक्त चीनी का भंडार होगा। इससे 2008-09 के सीजन में 3.3 करोड़ टन चीनी उपलब्ध होगी। ....ET Hindi
13 अगस्त 2008
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