नई दिल्ली, 31 जुलाई। व्यापारिक सूत्रों के अनुसार अरन्डी के प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में अभी भी वर्षा की कमी महसूस की जा रही है, पिछले एक सप्ताह से उत्पादक क्षेत्रों में जो वर्षा हुई है वह बिजाई के लिए पर्याप्त नहीं है। वर्तमान में अरन्डी की आवक भी घटकर आठ से नौ हजार बोरियों की रह गई है जबकि स्टॉकिस्टों के पास स्टॉक सीमित मात्रा में ही बचा हुआ है। अरन्डी तेल में निर्यातकों की मांग भी बराबर निकल रही है तथा अगर आगामी दिनों में उत्पादक क्षेत्रों में अच्छी वर्षा हो भी जाती है तो नई फसल की आवकें बनने में विलंभ हो सकता है। इन हालातों में नई फसल तक इसके मौजूदा भावों में तेजी का रूख बना रह सकता है।
जानकारों के अनुसार गत वर्ष देश में अरन्डी का उत्पादन करीब 9.10 लाख टन का हुआ था इसमें गुजरात का योगदान 6.5 लाख टन, राजस्थान का योगदान 1.4 लाख टन व आंध्रप्रदेश का योगदान 70 हजार टन का था। अधिकारिक सूत्रों के अनुसार चालू बिजाई सीजन में देश में अभी तक अरन्डी की बिजाई मात्र 1.48 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई है जोकि गत वर्ष की समान अवघि मुकाबले काफी कम है। ज्ञात हो कि गत वर्ष की समान अवघि में देश में अरन्डी की बिजाई 3.59 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी। सामान्यत: देश में अरन्डी की बिजाई 7.01 लाख हैक्टेयर में होती है।..R S Rana
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