क्लोदिंग मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीएमएआई) का कहना है कि दिसंबर, 2014 में खत्म हुई तिमाही में परिधान उद्योग की वृद्घि दर करीब पांच फीसदी रही। पिछले साल की शुरुआत में उद्योग की वृद्घि दर को विभिन्न पैमानों के आधार पर मापने के लिए उद्योग संगठन ने एक सूचकांक की शुरुआत की थी। छोटी इकाइयों के खराब प्रदर्शन के कारण उद्योग की वृद्घि दर देश के सकल घरेलू उत्पाद के मुकाबले कमजोर रही। उपभोक्ताओं के कमजोर रुख के कारण भारी मात्रा में स्टॉक इक_ïा हो गया है। सीएमएआई का कहना है कि कई मामलों में यह बिक्री से दोगुना तक अधिक है।
उनका कहना है कि हालांकि कंपनियों ने अपने कारोबार में वृद्घि करने के लिए निवेश करने की जरूरत को समझा है इससे बाजार के प्रति उनका भरोसा भी जाहिर होता है। कुल मिलाकर सर्वेक्षण में शामिल ब्रांडों में से 78 फीसदी ने कहा कि उन्होंने अपना निवेश बढ़ाया है। इस निवेश का कुछ हिस्सा सीजन से पहले बिक्री बढ़ाने के लिए स्टॉक के लिए भी इस्तेमाल किया गया। करीब 85 फीसदी बड़े ब्रांडों और 67.5 फीसदी छोटे ब्रांडों ने अपना निवेश 1 से 20 फीसदी तक बढ़ाया है।
क्रिएटिव लाइफस्टाइल्स के प्रबंध निदेशक राहुल मेहता ने कहा, 'इस क्षेत्र में निवेश बढ़ाना यह दर्शाता है कि निवेशकों का भरोसा कायम है।' सालाना 300 करोड़ रुपये से अधिक कारोबार करने वाले दिग्गज ब्रांडों ने तिमाही के दौरान बेहतर प्रदर्शन किया और वृद्घि दर के लिहाज सबसे आगे रहे ब्रांडों की सूची में 10.29 अंकों के साथ सबसे आगे रहे। 100 करोड़ रुपये से 300 करोड़ रुपये के बीच का कारोबार करने वाले ब्रांडों के अंक बढ़कर 9.28 हो गए और सालाना 25 करोड़ रुपये का कारोबार करने वाले ब्रांडों के अंक बढ़कर 8.02 हो गए। स्टॉक बढऩे का असर ज्यादातर ब्रांडों के प्रदर्शन पर देखने को मिला। छोटे ब्रांडों पर इसका सर्वाधिक असर देखने को मिला और इससे उनके मुनाफे पर काफी बुरा असर पड़ा। सीएमएआई के सर्वेक्षण के मुताबिक बेहतर सुविधाओं और बुनियादी ढांचे के लिए निवेश में हुए इजाफे की वजह से बिक्री में करीब 70 फीसदी का इजाफा देखने को मिला। दिग्गज ब्रांडों के कारोबार में तेजी देखने को मिली। ऐसे करीब 70 फीसदी ब्रांडों की वृद्घि दर 21-40 फीसदी के बीच रही। (BS Hindi)
उनका कहना है कि हालांकि कंपनियों ने अपने कारोबार में वृद्घि करने के लिए निवेश करने की जरूरत को समझा है इससे बाजार के प्रति उनका भरोसा भी जाहिर होता है। कुल मिलाकर सर्वेक्षण में शामिल ब्रांडों में से 78 फीसदी ने कहा कि उन्होंने अपना निवेश बढ़ाया है। इस निवेश का कुछ हिस्सा सीजन से पहले बिक्री बढ़ाने के लिए स्टॉक के लिए भी इस्तेमाल किया गया। करीब 85 फीसदी बड़े ब्रांडों और 67.5 फीसदी छोटे ब्रांडों ने अपना निवेश 1 से 20 फीसदी तक बढ़ाया है।
क्रिएटिव लाइफस्टाइल्स के प्रबंध निदेशक राहुल मेहता ने कहा, 'इस क्षेत्र में निवेश बढ़ाना यह दर्शाता है कि निवेशकों का भरोसा कायम है।' सालाना 300 करोड़ रुपये से अधिक कारोबार करने वाले दिग्गज ब्रांडों ने तिमाही के दौरान बेहतर प्रदर्शन किया और वृद्घि दर के लिहाज सबसे आगे रहे ब्रांडों की सूची में 10.29 अंकों के साथ सबसे आगे रहे। 100 करोड़ रुपये से 300 करोड़ रुपये के बीच का कारोबार करने वाले ब्रांडों के अंक बढ़कर 9.28 हो गए और सालाना 25 करोड़ रुपये का कारोबार करने वाले ब्रांडों के अंक बढ़कर 8.02 हो गए। स्टॉक बढऩे का असर ज्यादातर ब्रांडों के प्रदर्शन पर देखने को मिला। छोटे ब्रांडों पर इसका सर्वाधिक असर देखने को मिला और इससे उनके मुनाफे पर काफी बुरा असर पड़ा। सीएमएआई के सर्वेक्षण के मुताबिक बेहतर सुविधाओं और बुनियादी ढांचे के लिए निवेश में हुए इजाफे की वजह से बिक्री में करीब 70 फीसदी का इजाफा देखने को मिला। दिग्गज ब्रांडों के कारोबार में तेजी देखने को मिली। ऐसे करीब 70 फीसदी ब्रांडों की वृद्घि दर 21-40 फीसदी के बीच रही। (BS Hindi)
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