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12 फ़रवरी 2015

षान्ता कुमार की सिफारिषों पर खाद्य मंत्रालय कर रहा है विचार


आर एस राणा
नई दिल्ली। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) की भूमिका को नई दिषा देने तथा इसके पुनर्नवीनीकरण के लिए षान्ता कुमार की अध्यक्षता में गठित उच्च स्तरीय समिति की सिफारिषों पर खाद्य मंत्रालय विचार कर रहा है। इस पर 11 फरवरी को नई दिल्ली में केंद्रीय खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने उच्चाधिकारियों के साथ विचार-विमर्ष किया।
खाद्य मंत्रालय के एक वरिश्ठ अधिकारी ने बताया कि एफसीआई के बारे में षान्ता कुमार की अध्यक्षता में गठित उच्च स्तरीय समिति की सिफारिषों को लागू करने के बारे में विचार किया गया। उन्होंने कहा कि बढ़ते खाद्य सब्सिडी बिल में कटौती करने के लिए इन सिफारिषों को लागू करने की आवष्यकता है।
उच्च स्तरीय समिति द्वारा जारी सिफारिषों के अनुसार राश्ट्ीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत 67 फीसदी लाभार्थियों की संख्या को घटाकर 40 फीसदी किया जाए, साथ ही प्राथमिकता वाले परिवारों को पांच किलो के बजाए सात किलो अनाज का आवंटन किया जाए। इसके अलावा अंत्योदय परिवारों को अनाज का आवंटन 3-2-1 रूपये प्रति किलो (चावल, गेहूं, बाजारा) की दर से किया जाये लेकिन प्राथमिकता वाले परिवारों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की आधी कीमत पर अनाज का आवंटन हो।
खाद्य सब्सिडी में कटौती करने के लिए खाद्यान्न की खरीद, परिवहन और आवंटन को पूरी तरह से कम्पयूटीकरण किया जाना चाहिए। साथ ही लाभार्थियों को नगद राषि का आवंटन करने की भी सिफारिष की गई है। इससे खाद्य सब्सिडी में करीब 35 से 40 हजार करोड़ रूपये की बचत का अनुमान है। लाभार्थियों का खाद्यान्न का आवंटन छह महीने के आधार पर करने से खाद्यान्न के भंडारण में राहत मिलेगी।......आर एस राणा

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