पूंजी और जिंस बाजार में इस्तेमाल की जाने वाली विभिन्न प्रक्रियाओं को
व्यवस्थित बनाने की ओर कदम बढ़ाते हुए अप्रैल, 2015 से अपने ग्राहक को
जानें (केवाईसी) प्रक्रिया को दोनों बाजारों के लिए समान बनाने का फैसला
लिया गया है। इस हफ्ते की शुरुआत में जिंस बाजार नियामक वायदा बाजार आयोग
ने केवाईसी प्रक्रिया को लेकर सभी पक्षों के साथ एक बैठक की।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड ने पूंजी बाजार में सदस्यों का केवाईसी करने के लिए पांच केवाईसी पंजीकरण एजेंसियों को अनुमति दी है। एफएमसी ने फैसला किया है कि पूंजी बाजार में एक बार स्वीकार किए गए केवाईसी जिंस बाजार में भी स्वीकार किए जाएंगे। एफएमसी के एक अधिकारी का कहना है, 'अप्रैल, 2015 से समान केवाईसी एक विकल्प के तौर पर लागू कर दिया जाएगा और जुलाई से नए केवाईसी के लिए यह आवश्यक हो जाएगा। साल के आखिर तक जिंस बाजार के मौजूदा हिस्सेदारों को भी नई समान केवाईसी जरूरतों का पालन करना होगा।'
उम्मीद है कि इस बारे में जल्द ही अधिसूचना जारी कर दी जाएगी। अधिकारी ने बताया कि केवाईसी से संबंधित प्रावधानों में सेबी द्वारा किए जाने वाले किसी भी तरह के बदलाव जिंसों में भी लागू होंगे। इस फैसले में शामिल एक्सचेंज सदस्यों के प्रतिनिधियों ने कहा कि ऐसे ज्यादातर लोग हैं जो दोनों ही बाजारों में कारोबार करते हैं ऐसे में एक बार केवाईसी किए जाने के बाद इसे दोनों बाजारों में स्वीकार किया जाना चाहिए। (BS Hindi)
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड ने पूंजी बाजार में सदस्यों का केवाईसी करने के लिए पांच केवाईसी पंजीकरण एजेंसियों को अनुमति दी है। एफएमसी ने फैसला किया है कि पूंजी बाजार में एक बार स्वीकार किए गए केवाईसी जिंस बाजार में भी स्वीकार किए जाएंगे। एफएमसी के एक अधिकारी का कहना है, 'अप्रैल, 2015 से समान केवाईसी एक विकल्प के तौर पर लागू कर दिया जाएगा और जुलाई से नए केवाईसी के लिए यह आवश्यक हो जाएगा। साल के आखिर तक जिंस बाजार के मौजूदा हिस्सेदारों को भी नई समान केवाईसी जरूरतों का पालन करना होगा।'
उम्मीद है कि इस बारे में जल्द ही अधिसूचना जारी कर दी जाएगी। अधिकारी ने बताया कि केवाईसी से संबंधित प्रावधानों में सेबी द्वारा किए जाने वाले किसी भी तरह के बदलाव जिंसों में भी लागू होंगे। इस फैसले में शामिल एक्सचेंज सदस्यों के प्रतिनिधियों ने कहा कि ऐसे ज्यादातर लोग हैं जो दोनों ही बाजारों में कारोबार करते हैं ऐसे में एक बार केवाईसी किए जाने के बाद इसे दोनों बाजारों में स्वीकार किया जाना चाहिए। (BS Hindi)
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