नई दिल्ली : वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2015-16 के लिए राजकोषीय घाटे
का लक्ष्य सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 3.9 प्रतिशत रखा गया है और 2017-18
तक इसे घटाकर 3 प्रतिशत पर लाने का प्रस्ताव है।
संसद में 2015-16 के लिए आम बजट पेश करते हुए जेटली ने राजकोषीय स्थिति मजबूत करने की रूपरेखा सामने रखते हुए कहा कि तीन प्रतिशत राजकोषीय घाटे का लक्ष्य तीन साल में हासिल कर लिया जाएगा। राजकोषीय स्थिति मजबूत करने की पूर्व की रूपरेखा के मुताबिक, राजकोषीय घाटा 2016-17 तक 3 प्रतिशत पर लाया जाना था।
जेटली ने कहा कि राजकोषीय जिम्मेदारी व बजट प्रबंधन (एफआरबीएम) कानून में इसके मुताबिक संशोधन किया जाएगा। ढांचागत क्षेत्र के वित्त पोषण के लिए अतिरिक्त राजकोषीय गुंजाइश उपलब्ध होगी। नयी रूपरेखा के मुताबिक, राजकोषीय घाटा 2015-16 में जीडीपी का 3.9 प्रतिशत रहेगा, 2016-17 में 3.5 प्रतिशत और 2017-18 में तीन प्रतिशत रहेगा।
जेटली ने कहा कि चालू वित्त वर्ष के संबंध में राजकोषीय घाटा बजट अनुमान के मुताबिक 4.1 प्रतिशत रहेगा। मैं विरासत में मिले 4.1 प्रतिशत के राजकोषीय घाटे के चुनौतीपूर्ण लक्ष्य को पूरा करूंगा।
संसद में 2015-16 के लिए आम बजट पेश करते हुए जेटली ने राजकोषीय स्थिति मजबूत करने की रूपरेखा सामने रखते हुए कहा कि तीन प्रतिशत राजकोषीय घाटे का लक्ष्य तीन साल में हासिल कर लिया जाएगा। राजकोषीय स्थिति मजबूत करने की पूर्व की रूपरेखा के मुताबिक, राजकोषीय घाटा 2016-17 तक 3 प्रतिशत पर लाया जाना था।
जेटली ने कहा कि राजकोषीय जिम्मेदारी व बजट प्रबंधन (एफआरबीएम) कानून में इसके मुताबिक संशोधन किया जाएगा। ढांचागत क्षेत्र के वित्त पोषण के लिए अतिरिक्त राजकोषीय गुंजाइश उपलब्ध होगी। नयी रूपरेखा के मुताबिक, राजकोषीय घाटा 2015-16 में जीडीपी का 3.9 प्रतिशत रहेगा, 2016-17 में 3.5 प्रतिशत और 2017-18 में तीन प्रतिशत रहेगा।
जेटली ने कहा कि चालू वित्त वर्ष के संबंध में राजकोषीय घाटा बजट अनुमान के मुताबिक 4.1 प्रतिशत रहेगा। मैं विरासत में मिले 4.1 प्रतिशत के राजकोषीय घाटे के चुनौतीपूर्ण लक्ष्य को पूरा करूंगा।
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