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27 फ़रवरी 2015

हरियाणा-पंजाब में एफसीआई न करे खरीद

सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) से कहा है कि वह पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों में खाद्यान्न की खरीद नहीं करे, क्योंकि वहां खरीद प्रणाली पूरी तरह विकसित हो चुकी है। खाद्य सचिव सुधीर कुमार ने आज यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हरियाणा ने केंद्र के फैसले पर पहले ही सहमति जता दी है, जबकि पंजाब ने कहा है कि एफसीआई की खरीद चरणबद्ध तरीके से बंद की जाए। एफसीआई पुनर्गठन के लिए शांताकुमार समिति की सिफारिशों के कार्यान्वयन के सवाल पर कुमार ने कहा, 'हम सिफारिशों पर विचार कर रहे हैं। कुछ का कार्यान्वयन तुरंत किया जा सकता है। कुछ के लिए हमें समयसारणी बनानी पड़ेगी। कुछ सिफारिशों का हम कार्यान्वयन नहीं कर सकते।'

समिति की कार्यान्वित की जा रही सिफारिशों के सवाल पर उन्होंने कहा कि सरकार ने बोनस के मद्दे पर फैसला किया है और राज्यों से कहा है कि वे न्यूनतम समर्थन मूल्य के ऊपर इसकी घोषणा नहीं करें। सरकार ने अक्टूबर से शुरू होने वाले आगामी सीजन से लेवी चावल को समाप्त कर दिया है।

सरकारी भंडार से नहीं होगा गेहूं निर्यात

सरकार इस साल अपने अधिशेष गेहूं भंडार का निर्यात नहीं करेगी और बंपर गेहूं उत्पादन के अनुमानों के बावजूद घरेलू बाजार में अनाज बेचती रहेगी। खाद्य सचिव सुधीर कुमार ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि निजी कारोबारी खुले सामान्य लाइसेंस के तहत गेहूं का निर्यात कर सकते हैं। सरकार ने सितंबर 2011 में गेहूं के निर्यात पर रोक हटाई थी। उसके बाद 2012-13 व 2013-14 में एफसीआई के गोदामों से लगभग 60 लाख टन गेहूं का निर्यात किया गया। (BS Hindi)

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