आर एस राणा
नई दिल्ली। निर्यात मांग कमजोर होने से ग्वार और ग्वार गम की कीमतों में मार्च में और भी गिरावट आने की आषंका है। गुरूवार को ग्वार गम के भाव घटकर 8,500 रूपये और ग्वार के भाव 3,500-3,600 रूपये प्रति क्विंटल रह गए। हालांकि चालू वित वर्श 2014-15 के पहले नो महीनों (अप्रैल से दिसंबर) के दौरान ग्वार गम का निर्यात 1.23 लाख टन बढ़ा है लेकिन आखिरी तिमाही में निर्यात में कमी आयेगी।
टिकूराम गम एंड केमिकल प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर विपिन अग्रवाल ने बताया कि क्रुड की कीमतों में आई कमी का असर ग्वार गम की निर्यात मांग पर पड़ा है। ग्वार गम के निर्यात सौदे छह महीने के एडवांस होते हैं यही कारण है कि चालू वित वर्श के पहले नो महीनों में निर्यात बढ़ा है लेकिन आखिरी तिमाही में निर्यात घटेगा। उन्होंने बताया कि मार्च क्लोजिंग के कारण मार्च में ग्वार की मौजूदा कीमतों में और भी 300-400 रूपये प्रति क्विंटल की गिरावट आ सकती है लेकिन अप्रैल के बाद दाम बढ़ जायेंगे।
एपीडा के एक वरिश्ठ अधिकारी ने बताया कि चालू वित वर्श 2014-15 के पहले नो महीनों (अप्रैल से दिसंबर) के दौरान ग्वार गम का निर्यात बढ़कर 5.41 लाख टन का हो चुका है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 4.18 लाख टन का हुआ था। वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार मूल्य के हिसाब से चालू वित वर्श के पहले नो महीनों में ग्वार गम के निर्यात में 12.47 फीसदी की कमी आकर 8,001.08 करोड़ रूपये मूल्य का निर्यात हुआ है जबकि पिछले वित वर्श की समान अवधि में 9,141.06 करोड़ रूपये मूल्य का ग्वार गम उत्पादों का निर्यात हुआ था।
हरियाणा ग्वार गम एंड केमिकल के डायरेक्टर सुरेंद्र सिंघल ने बताया कि ग्वार गम में निर्यात मांग कम होने की वजह से प्लांट 20 से 25 फीसदी क्षमता का ही उपयोग कर पा रहे हैं। उन्होंने बताया कि विष्व बाजार में ग्वार गम पाउडर की कीमतें घटकर 1,500 से 1,600 डॉलर प्रति टन रह गई हैं। घरेलू मंडियों में ग्वार के नीचे भाव में स्टॉकिस्टों के साथ ही किसानों की बिकवाली भी कम हुई है तथा मार्च के बाद ग्वार गम उत्पादों के निर्यात सौदो में तेजी आने का अनुमान है। ऐसे में अप्रैल में ग्वार और ग्वार गम की कीमतों में तेजी आने की संभावना है।.......आर एस राणा
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