आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू पेराई सीजन 2014-15 (अक्टूबर से सितंबर) में 15 फरवरी 2015 तक देषभर 167.08 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है जोकि पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 15 फीसदी ज्यादा है।
इंडियन षुगर मिल्स एसोसिएषन (इस्मा) के अनुसार ज्यादा गन्ना मिलों में पेराई होने के साथ ही गन्ने में रिकवरी की दर पिछले साल से ज्यादा आने के कारण चालू पेराई सीजन में चीनी का उत्पादन बढ़ा है। चीनी के दाम कम होने के कारण चीनी मिलों पर किसानों के बकाया का बोझ लगातार बढ़ रहा है जबकि पेराई सीजन समाप्ति की और है। इसलिए इस्मा ने केंद्र सरकार से मांग की है कि जितनी जल्दी हो सके रॉ-षुगर के निर्यात पर चीनी मिलों को इन्सेंटिव घोशित किया जाए ताकि निर्यात षुरू किया जा सके।
चालू पेराई सीजन 2014-15 में 15 फरवरी 2015 तक देषभर में 167.08 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 145.28 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था। चालू पेराई सीजन में 518 चीनी मिलों में पेराई चल रही है जबकि पिछले साल इस समय केवल 479 चीनी मिलों में पेराई चल रही थी।
सबसे बड़े उत्पादक राज्य महाराश्ट में चालू पेराई सीजन में 15 फरवरी तक 65 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है जबकि पिछले साल इस समय तक 49.80 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था। राज्य में 178 चीनी मिलों में गन्ने की पेराई चल रही है।
उत्तर प्रदेष में चालू पेराई सीजन में 15 फरवरी तक 42.25 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है जबकि पिछले साल इस समय तक 35.70 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था। उत्तर प्रदेष में चालू पेराई सीजन में प्रति हैक्टेयर उत्पादकता के साथ ही गन्ने में रिकवरी की दर ज्यादा आ रही है। राज्य में इस समय 118 चीनी मिलों में पेराई चल रही है जबकि पिछले साल 119 मिलों में पेराई चल रही थी।
कर्नाटक में चालू पेराई सीजन में 15 फरवरी तक 28.20 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है जोकि पिछले साल की समान अवधि के 27.27 लाख टन से ज्यादा है। आंध्रप्रदेष और तेलंगाना में 6.44 लाख टन और तमिलनाडु में 3.25 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है।
इस्मा के अनुसार चालू पेराई सीजन में चीनी का उत्पादन बढ़कर 260 लाख टन होने का अनुमान है जोकि पिछले साल से ज्यादा है।........आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू पेराई सीजन 2014-15 (अक्टूबर से सितंबर) में 15 फरवरी 2015 तक देषभर 167.08 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है जोकि पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 15 फीसदी ज्यादा है।
इंडियन षुगर मिल्स एसोसिएषन (इस्मा) के अनुसार ज्यादा गन्ना मिलों में पेराई होने के साथ ही गन्ने में रिकवरी की दर पिछले साल से ज्यादा आने के कारण चालू पेराई सीजन में चीनी का उत्पादन बढ़ा है। चीनी के दाम कम होने के कारण चीनी मिलों पर किसानों के बकाया का बोझ लगातार बढ़ रहा है जबकि पेराई सीजन समाप्ति की और है। इसलिए इस्मा ने केंद्र सरकार से मांग की है कि जितनी जल्दी हो सके रॉ-षुगर के निर्यात पर चीनी मिलों को इन्सेंटिव घोशित किया जाए ताकि निर्यात षुरू किया जा सके।
चालू पेराई सीजन 2014-15 में 15 फरवरी 2015 तक देषभर में 167.08 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 145.28 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था। चालू पेराई सीजन में 518 चीनी मिलों में पेराई चल रही है जबकि पिछले साल इस समय केवल 479 चीनी मिलों में पेराई चल रही थी।
सबसे बड़े उत्पादक राज्य महाराश्ट में चालू पेराई सीजन में 15 फरवरी तक 65 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है जबकि पिछले साल इस समय तक 49.80 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था। राज्य में 178 चीनी मिलों में गन्ने की पेराई चल रही है।
उत्तर प्रदेष में चालू पेराई सीजन में 15 फरवरी तक 42.25 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है जबकि पिछले साल इस समय तक 35.70 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था। उत्तर प्रदेष में चालू पेराई सीजन में प्रति हैक्टेयर उत्पादकता के साथ ही गन्ने में रिकवरी की दर ज्यादा आ रही है। राज्य में इस समय 118 चीनी मिलों में पेराई चल रही है जबकि पिछले साल 119 मिलों में पेराई चल रही थी।
कर्नाटक में चालू पेराई सीजन में 15 फरवरी तक 28.20 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है जोकि पिछले साल की समान अवधि के 27.27 लाख टन से ज्यादा है। आंध्रप्रदेष और तेलंगाना में 6.44 लाख टन और तमिलनाडु में 3.25 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है।
इस्मा के अनुसार चालू पेराई सीजन में चीनी का उत्पादन बढ़कर 260 लाख टन होने का अनुमान है जोकि पिछले साल से ज्यादा है।........आर एस राणा
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