वित्त मंत्रालय ने जिंस लेनदेन कर (सीटीटी) के दायरे से बाहर जिंसों की सूची का विस्तार करते हुए कई अन्य जिंसों को इस कर के दायरे के बाहर करने का फैसला किया है। अब इस सूची में चावल, तुअर और उड़द जैसी कई दालें, प्याज और कई मसालों को भी शामिल कर लिया गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार के इस फैसले के बाद वायदा और फ्यूचर्स क्षेत्र में इन जिंसों का करार भी शुरू करना संभव हो सकेगा।
पिछली 10 फरवरी को मंत्रालय द्वारा जारी की गई अधिसूचना के जरिये सीटीटी नियमों में संशोधन किया गया और छूट प्राप्त जिंसों की नई सूची जारी की गई। नई सूची में चावल, बाजरा, अदरक, तिल, मसूर, तुअर, तुअर दाल, उड़द, उड़द दाल, प्याज, मूंगफली, मूंग दाल, मेथी, रागी, सुपारी, दालचीनी, जायफल, ज्वार, अलसी, चने की दाल और सूरजमुखी के बीज शामिल होंगे। अब तक वायदा क्षेत्र में इन जिंसों का कारोबार नहीं होता था हालांकि इनमें से कई जिंसों का कारोबार वायदा क्षेत्र में शुरू हो चुका है। नैशनल कमोडिटीज ऐंड डेरिवेटिव्ज एक्सचेंज (एनसीडीईएक्स) ने इनमें से कई जिंसों का वायदा कारोबार शुरू कर दिया है। अहम बात यह भी है कि वायदा कारोबार में शामिल सभी जिंसों पर सीटीटी लागू होता है।
एनसीडीईएक्स के प्रबंध निदेशक एवं प्रबंध निदेशक समीर शाह ने कहा, 'सरकार के इस फैसले से यह बात साफ हो जाती है कि सरकार को इस बात पर पूरा विश्वास है कि बाजार कृषि अर्थव्यवस्था के विकास में अहम भूमिका निभा रहा है। स्मार्ट मंडियों का विकास, सरकारी संस्थाओं के लिए डिजिटल ई-खरीद प्लेटफॉर्म, किसानों के पास गोदामों के लिए वित्तपोषण और ऋण प्रबंधन जैसे हमारे प्रयासों के जरिये हमने कृषि अर्थव्यवस्था के विकास में अहम भूमिका निभाई है। हम सरकार की इस पहल की तारीफ करते हैं और बाजार को किसानों के और करीब लाने की दिशा में हमारा प्रयास जारी रहेगा।'
अगले हफ्ते अहमदाबाद का जिंस वायदा एक्सचेंज एनएमसीई कई जिंसों के वायदा कारोबार की शुरुआत करने की तैयारी कर रहा है। एक अधिकारी ने कहा कि फ्यूचर्स बाजार में सभी दालों के कारोबार की अनुमति नहीं है लेकिन वायदा कारोबार की अनुमति है। उन्होंने कहा कि इस बात की पूरी उम्मीद थी कि सरकार इन जिंसों के फ्यूचर्स कारोबार की अनुमति दे सकती है। (BS Hindi)
पिछली 10 फरवरी को मंत्रालय द्वारा जारी की गई अधिसूचना के जरिये सीटीटी नियमों में संशोधन किया गया और छूट प्राप्त जिंसों की नई सूची जारी की गई। नई सूची में चावल, बाजरा, अदरक, तिल, मसूर, तुअर, तुअर दाल, उड़द, उड़द दाल, प्याज, मूंगफली, मूंग दाल, मेथी, रागी, सुपारी, दालचीनी, जायफल, ज्वार, अलसी, चने की दाल और सूरजमुखी के बीज शामिल होंगे। अब तक वायदा क्षेत्र में इन जिंसों का कारोबार नहीं होता था हालांकि इनमें से कई जिंसों का कारोबार वायदा क्षेत्र में शुरू हो चुका है। नैशनल कमोडिटीज ऐंड डेरिवेटिव्ज एक्सचेंज (एनसीडीईएक्स) ने इनमें से कई जिंसों का वायदा कारोबार शुरू कर दिया है। अहम बात यह भी है कि वायदा कारोबार में शामिल सभी जिंसों पर सीटीटी लागू होता है।
एनसीडीईएक्स के प्रबंध निदेशक एवं प्रबंध निदेशक समीर शाह ने कहा, 'सरकार के इस फैसले से यह बात साफ हो जाती है कि सरकार को इस बात पर पूरा विश्वास है कि बाजार कृषि अर्थव्यवस्था के विकास में अहम भूमिका निभा रहा है। स्मार्ट मंडियों का विकास, सरकारी संस्थाओं के लिए डिजिटल ई-खरीद प्लेटफॉर्म, किसानों के पास गोदामों के लिए वित्तपोषण और ऋण प्रबंधन जैसे हमारे प्रयासों के जरिये हमने कृषि अर्थव्यवस्था के विकास में अहम भूमिका निभाई है। हम सरकार की इस पहल की तारीफ करते हैं और बाजार को किसानों के और करीब लाने की दिशा में हमारा प्रयास जारी रहेगा।'
अगले हफ्ते अहमदाबाद का जिंस वायदा एक्सचेंज एनएमसीई कई जिंसों के वायदा कारोबार की शुरुआत करने की तैयारी कर रहा है। एक अधिकारी ने कहा कि फ्यूचर्स बाजार में सभी दालों के कारोबार की अनुमति नहीं है लेकिन वायदा कारोबार की अनुमति है। उन्होंने कहा कि इस बात की पूरी उम्मीद थी कि सरकार इन जिंसों के फ्यूचर्स कारोबार की अनुमति दे सकती है। (BS Hindi)
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