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15 अप्रैल 2009

गांव में कैसे खोलें दूध संग्रहण केंद्र

गांवों के स्तर पर एकत्र किया जाने वाला दूध गुणवत्ता के लिहाज से काफी बढ़िया होता है। यह गांव के बेरोजगार युवकों के लिए रोजगार का अच्छा साधन भी है। गांव के अपने आंगन में दूध एकत्र करने का केंद्र बेहद मामूली खर्च पर खोला जा सकता है। दूध के प्लांट इसकी सप्लाई करने वालों को दूध एकत्र करने के लिए आवश्यक उपकरण और अन्य वस्तुएं भी उपलब्ध कराते हैं। लेकिन कई लोग अपने खर्च पर भी केंद्र चलाते हैं, ताकि वे किसी एक प्लांट पर निर्भर नहीं रहें। दूध एकत्र करके प्लांट तक पहुंचाने पर करीब 5 से 7 फीसदी तक कमीशन मिलता है: दूध की टेस्टिंग करने का प्रशिक्षण कई सरकारी और सहकारी संस्थाओं से लिया जा सकता है। सबसे पहले यह जानते हैं कि दूध संग्रहण केंद्र खोलने के लिए आवश्यक उपकरण क्या हैं और उनकी संभावित लागत क्या है?दूध के प्रमुख रूप से तीन घटक होते हैं- पानी, वसा और सॉलिड नॉट फैट (एसएनएफ)। वसा की मात्रा से ही दूध में घी की मात्रा तय होती है। दूध की गुणवत्ता जांचने के बाद सबसे महत्वपूर्ण टेस्ट दूध में मौजूद वसा और सॉलिड नॉट फैट (एसएनएफ) का होता है। अगर कोई दूध में पानी मिलाता है, तो उससे दूध की मात्रा बढ़ती हैं, लेकिन वसा उतनी ही रहती है।इसलिए वसा की मात्रा के अनुसार दूध का मूल्य तय किया जाता है। पहले जानते हैं दूध में वसा की मात्रा जांचने के परीक्षण के बारे में। डेयरी टेक्नोलॉजिस्ट डा. विवेक सिंह के अनुसार, वसा के टेस्ट को जर्बर टेस्ट भी कहते हैं। डा. सिंह ने बताया कि इस टेस्ट के लिए सेंट्रीफ्यूगल मशीन, ब्यूटायरो मीटर, मिल्क पिपेट, रबर स्टॉपर, की, सलफ्यूरिक एसिड, एमाइल अल्कोहल की आवश्यकता होती है। उन्होंने बताया कि सेंट्रीफ्यूगेशन मशीन काफी तेज घूमता है, इसलिए इसमें सही संतुलन होना आवश्यक है। इसके लिए हमेशा ब्यूटायरो मीटर को आमने-सामने रखें और अगर एक ही सैंपल है, तो पानी भरे ब्यूटायरो मीटर को मशीन में रखकर संतुलन बनाया जा सकता है। फैट टेस्टिंग की प्रक्रियासबसे पहले ब्यूटायरो मीटर में 10 मिलीलीटर सलफ्यूरिक एसिड डालें। फिर मिल्क पिपेट में 10.75 मि.ली. दूध भरकर ब्यूटायरो मीटर में डाल लें। अब एक मिली लीटर एमाइल अल्कोहल मिलाकर ब्यूटायरो मीटर पर रबर स्टॉपर लगा कर उसे बंद दे। ब्यूटायरो मीटर को सेंट्रीफ्यूगल मशीन में डाल दें और करीब 15 मिनट तक मशीन को चलाए। मशीन रोक कर ध्यान से ब्यूटायरो मीटर बाहर निकालें और त्नकीत्न से एडजस्ट करके वसा की मात्रा मापें। जिस अंक पर वसा का ऊपरी निशान होगा, दूध में उतना ही वसा का प्रतिशत होगा।वसा की मात्रा से दाम तय करनामान लिजिए, आपके क्षेत्र में फैट रेट (वसा का मूल्य) 300 रुपये प्रति किलोग्राम है। अगर, आपके पास नौ लीटर दूध है, जिसमें करीब 5.5 फीसदी वसायुक्त दूध मौजूद है। तो प्रति लीटर 5.5 फीसदी वसा के दूध की कीमत 16.50 रुपये और नौ लीटर दूध की कीमत 148.50 रुपये रहेगी। एसएनएफ मापने का तरीकालैक्टोमीटर के उपयोग से दूध की सघनता मापी जाती है। इससे दूध में मिले पानी का पता लगता है। आमतौर पर लैक्टोमीटर की रीड़िंग के लिए दूध का तापमान 26 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए। तापमान कम या अधिक होने पर लैक्टोमीटर की रीड़िंग को घटाया या बढ़ाया जाता है। तय फार्मूले के अनुसार लैक्टोमीटर रीड़िंग के द्वारा एसएनएफ का पता लगाया जाता है। दाम तय करने की अन्य विधिकई दूध सहकारी संघ वसा और एसएनएफ का चार्ट बना कर देते हैं। उदाहरण के लिए वर्तमान में वसा का दाम 143.60 रुपये प्रति किलोग्राम और एसएनएफ (दूध का पाउडर) का दाम 95.73 रुपये प्रति किलोग्राम है। यानि, अगर 15 लीटर दूध में वसा 5.5 फीसदी और एसएनएफ 8.5 फीसदी है तो इस दूध में मौजूद वसा का प्रति लीटर दाम 7.89 रुपये और एसएनएफ का दाम 8.13 रुपये प्रति लीटर होगा और इसे जोड़कर दूध का दाम 16.02 रुपये प्रति लीटर होगा। इस प्रकार 15 लीटर दूध का दाम 240.30 रुपये रहेगा। विभिन्न राज्य सरकारें, डेयरी उद्योग से जुड़े उद्यमियों को कई तरह की सहायता उपलब्ध करा रही हैं। (Business Bhaskar)

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