15 अप्रैल 2009
लस्सी का कारोबार करगा मालामाल
छोटे और मझोले किसानों और गांव-देहात के बेरोजगार युवकों के लिए जरूरी है कि वे दूध उत्पादन के क्षेत्र में मिल रहे मौकों का भी लाभ उठाएं और अपनी कमाई बढ़ाएं। सिर्फ तरल दूध बेचने से अधिक आमदनी नहीं होती है,ऐसे में दूध के उत्पाद बेचकर अधिक कमाई की जा सकती है। देश में दूध के कई उत्पाद लोकप्रिय हैं। इनमें लस्सी, सुगंधित मीठा दूध, आइसक्रीम आदि प्रमुख हैं। इसमें सबसे कम खर्च पर लस्सी तैयार की जा सकती है।लस्सी की पैकिंग को और आकर्षक बनाने के लिए इसे खाद्य पदार्थे के लिए उपयुक्त प्लास्टिक के गिलास में भरकर एल्युमीनियम की फॉयल से सील कर दिया जाता है। इससे दूर-दराज के इलाकों तक इसे भेजने में सुविधा रहती है और दाम भी बढ़िया मिलते हैं। हम आपको ग्लास में मीठी लस्सी पैक करके बेचने के कारोबार से रूबरू करा रहे हैं। लस्सी के सही प्रबंधन के द्वारा प्रतिदिन 100 लीटर दूध से 45,000 रुपये महीने तक कमाए जा सकते हैं। लस्सी की इस पूरी परियोजना के लिए करीब 10/20 फुट के कमरे की आवश्यकता होती है। लस्सी के छोटे प्लांट के लिए गाय का दूध (3 से 4 फीसदी वसा), जामन (एनडीआरआई की बीडी-4 कल्चर), बढ़िया गुणवत्ता वाली सफेद चीनी, स्टील के पांच ड्रम (50 लीटर के), बड़ी कड़ाही (20 से 30 लीटर क्षमता), तेल भट्ठी या गैस (दूध उबालने के लिए), डीप फ्रीज (600 लीटर क्षमता), मथानी, छानने के लिए सफेद सूती कपड़ा, स्टील की छन्नी, फूड ग्रेड प्लास्टिक के ग्लास (250 मिलीलीटर क्षमता), एल्युमीनियम फायल, ग्लास सीलिंग मशीन की जरूरत होती है। लस्सी बनाने के लिए आसपास के गांवों से गाय का दूध खरीद सकते हैं। लस्सी के लिए देसी गाय का दूध उपयुक्त होता है, लेकिन संकर नस्ल की गाय का दूध भी जरूरत पड़ने पर उपयोग में लाया जा सकता है। भैंस के दूध में वसा अधिक होती है, इसलिए क्रीम निकालकर भैंस के दूध को 3 से 4 फीसदी वसा के स्तर पर लाया जा सकता है। लस्सी के लिए दही जमाने का जामन (कल्चर) राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान (एनडीआरआई) से प्राप्त किया जा सकता है। एनडीआरआई के डेयरी माइक्रोबायोलॉजी विभाग में दही जमाने के कई कल्चर मौजूद हैं। लस्सी के लिए एनडीआरआई का बीडी-4 कल्चर सबसे उपयुक्त है। एनडीआरआई से बीडी-4 कल्चर की करीब 100 मिलीलीटर की यूवी उपचारित ट्यूब करीब 300 रुपये में मिलती है। इसके अलावा, एनडीआरआई में यह कल्चर पाउडर के रूप में भी बेचा जाता है। एनडीआरआई में उपलब्ध जामन से लस्सी को विशिष्ट स्वाद मिलता है और इसकी स्टोर करके रखने की क्षमता भी बढ़ती है। अगर इस कल्चर को सही प्रकार से उपयोग में लाया जाए तो सालभर यह खराब नहीं होता। कल्चर लेने के लिए अपने साथ थर्मस जरूर लेकर जाएं।कल्चर से दही जमाने की विधिबीडी-4 कल्चर की ट्यूब को हमेशा बंद रखें और सिर्फ किसी आंच या मोमबत्ती की लौ के सामने ही खोलें। इससे यह कल्चर खराब नहीं होगा। डेयरी विशेषज्ञ डा. वसीम हादी ने बताया कि बीडी-4 स्टार्टर कल्चर है। इसे एक लीटर गाय के दूध में मिलाकर दही का जामन तैयार किया जाता है। डा. हादी के अनुसार एक लीटर दूध को पहले स्टील के ढक्कन लगे डिब्बे में भरकर प्रेशर कूकर में थोड़ा पानी डाल कर कम से कम तीन सीटी दें। इस प्रकार दूध जीवाणुरहित हो जाएगा। दूध का तापमान करीब 35 से 38 डिग्री सेल्सियस होने के बाद इसमें बीडी-4 कल्चर से लगभग आधा कल्चर निकालकर दूध में अच्छी तरह मिला लें। अब इस दूध को गर्म जगह में दही जमने के लिए करीब 10 से 15 घंटे के लिए रख दें। बाकी बचे कल्चर को फ्रिज में रखें और डिब्बे में दही जमने के बाद जामन को भी फ्रिज में रखें।दही जमानागाय के दूध को अच्छी तरह उबालने के बाद ठंडा कर लें। 35 से 38 डिग्री सेल्सियस तापमान होने पर इसमें जामन मिला लें। अगर 100 लीटर दूध है, तो इसमें 1 लीटर जामन मिलाने की आवश्यकता होगी। कल्चर मिलाने के बाद दूध को जमने के लिए रख दें और हिलाएं नहीं। दही जमने में करीब 8 से 12 घंटे या इससे भी अधिक समय लग सकता है। दही जमने के बाद दही की ऊपर की परत हटा कर नीचे से करीब एक लीटर दही निकालकर, अगले दिन के उपयोग के लिए रख लें। लस्सी को ग्लास में पैक करेंलस्सी को प्लास्टिक के 250 एमएल वाले गिलास के ऊपर एल्युमिनियम फॉयल लगाकर पैक करें और ठंडा होने के लिए फ्रिज में रखें। चाशनी लस्सी अगर सुबह बनानी है, तो चाशनी रात को ही तैयार कर लें। चाशनी बनाने के लिए करीब 25 लीटर साफ पानी में 12 किलोग्राम चीनी घोलकर उबालें। बीच-बीच में थोड़ा-सा दूध डालकर चाशनी में से मैल निकालते रहें। एक तार वाली चाशनी तैयार होने के बाद उसे ठंडा करने के लिए किसी अन्य बर्तन में रखकर कपड़े से ढक दें। लस्सी ड्रम में जमाए दूध को पहले अच्छी तरह प्लंजर से मिला लें। फिर बिजली से चलने वाली मथानी से इसे अच्छी तरह मथ लें। धीरे-धीरे से चाशनी मिला लें। तैयार हुई लस्सी में करीब 10 मिलीलीटर केवड़ा एसेंस मिला लें।.लस्सी के प्लांट में काम करने वाले कर्मचारी हमेशा सर पर कपड़ा बांधकर रखें। .प्लांट को पूरी तरह साफ रखें और हमेशा साफ कपड़े से ही लस्सी को ठीक से छानें.पैकिंग के समय पंखे आदि बंद रखें जिससे फॉयल अपनी जगह से न हिलेलस्सी के प्लांट में उत्पादन प्रक्रियादूध (3 से 4 प्रतिशत वसा)दूध को उबालना35-38 डिग्री सेल्सियस तापमान पर कल्चर लगाएंआठ से दस घंटे बाद दही जमने पर मथ लेंचाशनी मिलाएंसूती कपड़े से छान लेंकेवड़ा एसेंस मिलाएंग्लास में पैक करेंफ्रिज में ठंडा करेंबाजार (Business Bhaskar)
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