नई दिल्ली April 14, 2009
उतार पर आने के बाद एक बार फिर तेल की कीमतों ने यू-टर्न ले लिया है।
पिछले 10 दिनों के मुकाबले क्रूड पाम ऑयल (सीपीओ) में 5 रुपये प्रति किलोग्राम, रिफाइंड सोयाबीन तेल में 4 रुपये प्रति किलोग्राम और सरसों तेल में 7 रुपये प्रति किलोग्राम की बढ़ोतरी दर्ज की गयी है।
दक्षिण अमेरिका में सोयाबीन की फसल कम होने, मलेशिया में पाम ऑयल में तेजी और कच्चे तेल की कीमत में बढ़ोतरी के कारण वनस्पति तेलों के भाव में तेजी दर्ज की गयी है। घरेलू बाजार में सोयाबीन की कमी को भी इस बढ़ोतरी का एक कारण माना जा रहा है।
थोक बाजार में सीपीओ के भाव फिलहाल 355-360 रुपये प्रति 10 किलोग्राम, सोयाबीन रिफाइंड के भाव 482 रुपये प्रति 10 किलोग्राम और सरसों तेल के दाम 500 रुपये प्रति 10 किलोग्राम के स्तर पर हैं। 10-15 दिन पहले तक सरसों तेल की कीमत 43 रुपये प्रति किलोग्राम, सोयाबीन तेल 44 रुपये प्रति किलोग्राम तो सीपीओ 30-31 रुपये प्रति किलो की दर से बिक रहा था।
दि सेंट्रल ऑर्गेनाइजेशन फॉर ऑयल इंडस्ट्री एंड ट्रेड के कार्यकारी निदेशक डी एन पाठक कहते हैं, 'वनस्पति तेल का बाजार अपने निचले स्तर पर चल रहा था। और एक स्तर के बाद कीमत में बढ़ोतरी तय है।'
चार महीने पहले सीपीओ की कीमत कांडला बंदरगाह पर 230 रुपये प्रति 10 किलोग्राम के स्तर पर चली गयी थी तो सोयाबीन के भाव इंदौर की मंडी में 400 रुपये प्रति 10 किलोग्राम पर चले गए थे। महज एक महीने पहले तक मलेशिया में सीपीओ का भाव 600-620 डॉलर प्रति टन था जो अब 730 डॉलर प्रति टन हो गया है।
हालांकि अप्रैल के भाव के मुकाबले खाद्य तेल की कीमत में अब भी 35-40 फीसदी की गिरावट है। वनस्पति तेल के आयातक हरीश कहते हैं, 'कच्चे तेल की कीमत (निचले स्तर 35 डॉलर प्रति बैरल के मुकाबले 52 डॉलर प्रति बैरल) में तेजी और दक्षिण अमेरिका में सोयाबीन के कम उत्पादन के कारण घरेलू वनस्पति बाजार पर दबाव ने भी काम किया है।'
सोयाबीन के उत्पादन में कमी एवं इंदौर मंडी में मार्च के दौरान सोयाबीन की आपूर्ति बिल्कुल ठप्प हो जाने की वजह से घरेलू बाजार में तेल मजबूत हुआ है। सोमवार को इंदौर मंडी में सोयाबीन की कीमत 2,450 रुपये प्रति क्विंटल रही, जबकि 10 दिन पहले तक इसकी कीमत 2,300-2,350 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर पर थी।
इस साल 90 लाख टन के आसपास सोयाबीन उत्पादन का अनुमान है जबकि तीन-चार महीने पहले तक 108 लाख टन तक सोयाबीन उत्पादन का अनुमान लगाया जा रहा था। सरसों का भाव भी 2,100 रुपये प्रति क्विंटल है। मार्च में यह भाव 1,900 रुपये प्रति क्विंटल था।
हालांकि सरसों का उत्पादन इस साल 65.5 लाख टन बताया जा रहा है, जो पिछले साल के मुकाबले 10 फीसदी ज्यादा है। दूसरी ओर सरसों की एक तिहाई पेराई हो जाने के कारण आने वाले समय में सरसों की कीमत में भी बढ़ोतरी की संभावना है।
खाद्य तेल की कीमतें बिगाड़ेंगी जायका
क्रूड पाम ऑयल, रिफाइंड सोयाबीन और सरसों में आई तेजीपिछले दस दिनों में हुई कीमतों में बढ़ोतरी तिलहन की फसल कम होने को बताया जा रहा है वजह कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों की भी है भूमिका (BS Hindi)
14 अप्रैल 2009
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