नई दिल्ली 04 02, 2009
वैश्विक आर्थिक संकट से प्रभावित टायर उद्योग की मांग कम होने से साल 2008-09 में भारत के प्राकृतिक रबर निर्यात में 25 प्रतिशत की कमी आई और यह 45,430 टन रहा।
हालांकि, उत्पादन में पांच फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई। रबर बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'पिछले वित्त वर्ष में प्राकृतिक रबर का उत्पादन बढ़ कर 8,65,000 टन हो गया जबकि साल 2005-08 में यह 8,25,345 टन था।
हालांकि, वैश्विक मंदी की वजह से निर्यात में कमी आई और साल 2008-09 के दौरान घट कर 45,430 टन रह गया जबकि पिछले वित्त वर्ष में यह 60,353 टन था।' वैश्विक आर्थिक संकट से ऑटोमोबाइल क्षेत्र की मांग घटने से मार्च में प्राकृतिक रबर का निर्यात घट कर 1,200 टन रह गया जबकि पिछले वर्ष इसी महीने में यह 13,076 टन था।
पिछले महीने प्राकृतिक रबर का उत्पादन बढ़ कर 49,000 टन हो गया जो पिछले वर्ष इसी अवधि में 47,250 टन था। रबर का वार्षिक उत्पादन 8.65 लाख टन रहा जो रबर बोर्ड के 8.60 लाख टन के अनुमान से अधिक था। हालांकि, निर्यात बोर्ड के अनुमानों से कम हुआ।
प्राकृतिक रबर की खपत में मामूली बढ़ोतरी हुई और यह साल 2008-09 में 8,66,000 टन रही जबकि पिछले वित्त वर्ष में यह 8,61,455 टन थी। पिछले महीने मांग 70,000 टन की थी जो मार्च 2008 के 74,005 टन से कम थी। प्राकृतिक रबर के प्रमुख कारोबारी केंद्र कोट्टायम में कल कीमतें 8,250 रुपये प्रति क्विंटल थी।
28 अगस्त 2008 को प्राकृतिक रबर की कीमत 14,200 रुपये प्रति क्विंटल के शीर्ष स्तर पर पहुंच गई थी। पिछले वित्त वर्ष की समाप्ति के समय सस्ते चीनी टायरों के आयात से घरेलू कंपनियों को उत्पादन में 15-20 प्रतिशत की कटौती करनी पड़ी।, (BS Hindi)
04 अप्रैल 2009
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें