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14 अप्रैल 2009

मजबूत मांग से चालू सीजन में सरसों की पेराई 50 फीसदी बढ़ी

स्टॉकिस्टों की भारी मांग को देखते हुए सरसों तेल कंपनियों ने सरसों की पेराई तेज कर दी है। इस सीजन में अभी तक करीब 12 लाख टन सरसों की पेराई हो चुकी है जो पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले 50 फीसदी अधिक है। सरसों की पेराई इस साल एक मार्च से शुरू हुई है। पिछले साल एक मार्च से लेकर अप्रैल मध्य तक सरसों की पेराई करीब 8 लाख टन की हुई थी। इस समय कंपनियां प्रतिदिन करीब 30,000 टन सरसों की पेराई कर रही है। विजय सॉल्वेंट के प्रबंध निदेशक विजय डाटा ने बिजनेस भास्कर को बताया कि स्टॉकिस्टों की मांग के कारण कंपनियों की पेराई में भारी बढ़ोतरी हुई है। इस साल की शुरूआत से ही सरसों तेल के निचले दामों के कारण सरसों की पेराई बहुत कम हो रही थी। इसके चलते स्टॉक लगभग खत्म हो गया था। अब खाद्य तेलों के बढ़ते दाम को देखते हुए सरसों तेल का स्टॉक किया जा रहा है। डाटा बताते है कि बाजार यह अनुमान लगा रहा कि केंद्र में नई सरकार बनने पर खाद्य तेलों पर आयात शुल्क लग सकता है। इसको देखते हुए लोग ज्यादा से ज्यादा स्टॉक कर रहे है। इसके अलावा सोयाबीन की उपलब्धता न होने से कई सॉल्वेंट प्लांटों ने सरसों की पेराई शुरू कर दी है। के. एस. ऑयल के चेयरमैन रमेश गर्ग ने बताया कि सोयाबीन उत्पादन में कमी को देखते हुए कई सॉल्वेंट प्लांटों ने मार्च में ही सरसों की पेराई शुरू कर दी है। पिछले साल ज्यादातर सॉल्वेंट प्लांटों ने मई में सरसों की पेराई शुरू की थी। कृषि मंत्रालय के अनुमान के अनुसार इस सीजन में सोयाबीन का उत्पादन 90 लाख टन हुआ है जो पहले 108 लाख टन अनुमानित किया गया था। सरसों तेल की बढ़ती मांग से सरसों सीड के दामों को भी समर्थन मिल रहा है। सरसों के दाम पिछले एक महीने में बीस फीसदी बढ़कर 2470 रुपये प्रति क्विंटल पहुंच गए हैं। इसी अवधि में एक्सपेलर सरसों तेल के दाम 455 रुपये से बढ़कर 490 रुपये प्रति बीस किलो हो गए हैं। हालांकि सरसोंदाम पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले कम है। पिछले साल दाम 2700 रुपये प्रति क्विंटल थे। यह समय मंडियों में सरसों की आवक का दबाव ज्यादा होता है उसके बावजूद दामों में बीस फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। इसके अलावा इस साल उत्पादन भी पिछले साल के मुकाबले 19 फीसदी ज्यादा है। इस साल 69 लाख टन सरसों होने का अनुमान है।अप्रैल में सोया तेल के आयात के सौदों में तेजीमुंबई। लोकसभा चुनाव के बाद खाद्य तेलों के आयात पर दोबारा डयूटी लगने की आशंका से आयातकों का रुझान नए आयात सौदों में बढ़ गया है। चालू महीने में अब करीब 60-70 हजार टन कच्चे सोया तेल के आयात सौदे हुए हैं। इसकी डिलीवरी जून तक होने की उम्मीद है। मुंबई के शक्ति इंटरप्राइजेज के प्रबंध निदेशक ने बताया कि कच्चे सोया तेल के आयात सौदों में इस महीने इजाफा देखा जा रहा है। इस महीने के अंत तक भारी मात्रा में आयात सौदे होने की संभावना है। लोकसभा चुनाव के बाद खाद्य तेलों के आयात पर दोबारा डयूटी लगने की संभावना से सभी आयातक मौके को भूनाने में लगे हैं। आयात सस्ता होने से पिछले दिनों बढ़े भाव के बावजूद आयात सौदे बढ़े हैं। (डो जोंस) (Business Bhaskar)

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