06 अप्रैल 2009
आवक बढ़ने के बावजूद राजस्थान में चना महंगा
राजस्थान की मंडियों में शुक्रवार को नए चने की आवक बढ़कर करीब चालीस हजार बोरी होने के बावजूद चने के भाव तीन से चार फीसदी उछल गए। वहीं इस सप्ताह चना व चना दाल में लगभग छह फीसदी की तेजी दर्ज की गई है। वायदा में भी चना दो से ढाई फीसदी महंगा हो गया है।जयपुर के थोक व्यापारी सुभाष गोयल ने बताया कि लगभग सभी मंडियों में आवक होने से शुक्रवार को राज्य में चालीस हजार बोरी नया चना आने का अनुमान है। इसके बावजूद दाल-दलहन में मजबूती के कारण चने में तेजी देखने को मिल रही है। वहीं अप्रैल व मई वायदा भावों में मजबूती को देखते हुए अब चने में गिरावट के आसार कम और तेजी के ज्यादा दिखाई दे रहे हैं। यही वजह है कि सोमवार को जयपुर में 2110 से 2150 रुपए क्विंटल के भाव बिकने वाले मिल डिलीवरी चने के भाव बढ़कर 2230 से 2270 रुपए क्विंटल हो गए। बीकानेर में लूज में चने के भाव 2080 और अलवर में 2000 से 2025 रुपए क्विंटल दर्ज किए गए जो कि सोमवार की तुलना में करीब छह फीसदी ज्यादा है। उधर श्रीगंगानगर लाइन में भी शुक्रवार से नए चने की आवक शुरू हो गई और नया चना 2017 रुपए क्विंटल के भाव बिका। एनसीडीईएक्स में अप्रैल वायदा चना इस सप्ताह दो फीसदी बढ़कर आज 2250 रुपए और मई वायदा ढाई फीसदी बढ़कर 2305 रुपए क्विंटल हो गया। उन्होंने बताया कि मौसम साफ रहा तो इस पखवाड़े राजस्थान की मंडियों में चने की आवक बढ़कर 50000 बोरी तक पहुंच जाने का अनुमान है। लेकिन आवक के दबाव से चने में अब बड़ी गिरावट की संभावना नहीं है। वैसे भी राज्य में इस साल नए चने की क्वालिटी काफी बेहतर है। दाल मिल संचालक दिनेश सिंघल ने बताया कि गुजरात से मांग निकलने और चने में मजबूती के कारण चना दाल के भाव भी इस सप्ताह करीब छह फीसदी बढ़कर 2600 से 2750 रुपए क्विंटल हो गए हैं। राजस्थान कृषि निदेशालय ने प्रारांभिक तौर राज्य में इस साल 10.27 लाख टन चने की पैदावार होने का अनुमान लगाया था, लेकिन मार्च के दूसर पखवाड़े में चना उत्पादक इलाकों में बारिश और ओलावृष्टि से फसल खराब होने के कारण पैदावार में थोडी कमी आ सकती है। फिर भी इस भी इस साल राज्य में पैदावार पिछले वर्ष की तुलना में 70 से 80 फीसदी ज्यादा बैठने की संभावना है। (Business Bhaskar)
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