नई दिल्ली 03 30, 2009
इस साल रबी फसल की खेती के लिए 38 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त भूमि के जुड़ने की वजह से पिछले साल के 10.9 करोड़ टन के मुकाबले इस बार पैदावार ज्यादा होने की संभावना है।
संकेत ऐसे मिल रहे हैं कि यह वर्ष 1998-99 के 1.10 करोड़ टन उत्पादन के बराबर या उससे ज्यादा भी बढ़ सकता है। इसी उम्मीद की वजह से राज्य के कृषि अधिकारियों की बैठक 20-21 मार्च को हुई। इस बैठक में रबी फसल संभावनाओं और अगले खरीफ मौसम की तैयारी को लेकर चर्चा हुई।
कृषि आयुक्त एन.बी. सिंह ने एक प्रस्तुति दी। उसमें उन्होंने यह बताया कि मौजूदा मौसम में रबी फसल के लिए कुल रकबा 6.32 करोड़ हेक्टेयर है जबकि पिछले मौसम में 5.95 करोड़ हेक्टेयर जमीन पर रबी फसल की पैदावार की गई है। इस साल पिछले साल के मुकाबले 37 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त जमीन पर रबी फसल लगाई गई है।
इसके अलावा दलहन फसलों के रकबे में 23 फीसदी, तिलहन के लिए 7 फीसदी और मोटे अनाज के लिए 9 फीसदी तक की बढ़ोतरी की गई है। रबी की मुख्य फसल गेहूं के रकबे में भी 1 फीसदी की मामूली गिरावट आई और यह पिछले साल के 2.81 करोड़ हेक्टेयर के मुकाबले 2.78 करोड़ हेक्टेयर रह गया है।
सिंह को यह उम्मीद है कि इस बार रबी फसल की दलहन में खासतौर पर चना में और तिलहन में मुनाफा की उम्मीदें बन रही हैं। इन दोनों जिंसों के लिए देश की निर्भरता 40 फीसदी से ज्यादा आयात पर ही है। कृषि मंत्रालय के अनुमान के मुताबिक पिछले साल रबी फसल की दाल का उत्पादन 83.6 लाख टन रहा और रबी की तिलहन फसल का उत्पादन 90.4 लाख टन रहा।
इस साल दाल के उत्पादन में बढ़ोतरी होने का उम्मीद है और यह बढ़कर 94 लाख टन हो सकता है जबकि तिलहन का उत्पादन 96 लाख टन होने की उम्मीद है। लेकिन गेहूं की फसल का उत्पादन रकबे में मामूली कमी आने के बावजूद भी पिछले साल के उत्पादन के बराबर ही होने की संभावना है। पिछले साल 7.85 करोड़ टन गेहूं का उत्पादन हुआ था।
पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों जहां गेहूं का अतिरिक्त उत्पादन होता है वहां भी पिछले साल के उत्पादन की तुलना में इस साल कोई बदलाव नजर नहीं आने की उम्मीद है। राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में गेहूं की फसल के रकबे में कमी आई है।
उत्तर प्रदेश में गेहूं के रकबे में लगभग 3,29,000 हेक्टेयर का विस्तार हुआ है। इसकी वजह यह है कि उत्तर प्रदेश मंन गन्ने के मुकाबले गेहूं को तरजीह दी जाने लगी है। वैसे उत्तर प्रदेश सबसे ज्यादा गेहूं उत्पादन करने वाला राज्य है हालांकि इसका केंद्रीय स्तर पर योगदान का इसका हिस्सा पंजाब और हरियाणा की तुलना में कम है।
रबी फसल को रकबे में विस्तार के अलावा बेहतर तापमान का फायदा भी मिला है। इसके अलावा रबी फसल किसी भी तरह के कीड़े और रोग भी समस्या से भी अछूती रही। सिंह का कहना है, 'जनवरी और मार्च के बीच जो तापमान था वह सामान्य के मुकाबले थोड़ा ज्यादा ही था और यह आदर्श सीमा के दायरे में ही था।' (BS Hindi)
01 अप्रैल 2009
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