मुंबई April 06, 2009
सोना एक बार फिर पुराने स्तर पर आ सकता है।
पिछले सप्ताह बढ़ती कीमतों पर लगाम लगी थी, जिससे उपभोक्ता नए ऑर्डर बुक कर सकते हैं। 28 अप्रैल को अक्षय तृतीया के अवसर पर खरीदारी होती है और इस अवसर पर सोने की बिक्री में बढ़ोतरी का अनुमान लगाया जा रहा है।
कीमतों को लेकर संवेदनशील खुदरा खरीदार और स्टॉकिस्ट पिछले 25 दिनों से कीमतों में सुधार की राह देख रहे थे। सोना 15,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के मनोवैज्ञानिक बाधा को पार कर चुका था। इस दौरान कारोबारी गायब से हो गए थे, वहीं खरीदारों में भी सुस्ती आ गई थी। वहीं निवेशक, सावधि जमा जैसे अन्य निवेश के साधनों और विभिन्न फंडों के माध्यम से निवेश की ओर चले गए थे।
एक बड़ी रिसर्च फर्म के विश्लेषक ने कहा, 'प्रारंभिक तौर पर लगत है कि सोने की कीमतें 885 डॉलर पर आ सकती हैं। इस स्तर पर पहुंचने के बाद कीमतें 820 डॉलर के स्तर पर पहुंच सकती हैं, जहां से अगस्त 2008 में कीमतों में उछाल शुरू हुआ था।'
इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ)ने भी हाल ही में अपनी मौद्रिक नीति में बाजार में 400 टन सोना लाने की घोषणा की थी। हालांकि इसके लिए किसी अवधि का निर्धारण नहीं किया गया है, जिसके चलते बाजार पर इस तरह के फैसले का प्रभाव पड़ने की उम्मीद नहीं है।
विश्लेषक का मानना है कि यह सेंट्रल बैंक गोल्ड एग्रीमेंट (सीबीजीए) का एक हिस्सा हो सकता है, जिसके तहत यूरोपियन बैंक बाजार में सोना उतारेंगे और उसके बाद निकट भविष्य में बाजार में किसी तरह का सोना आने की उम्मीद नहीं है।
जी-20 की बैठक के बाद इसमें भाग लेने वाले देशों ने आर्थिक योजना का एक मसौदा तैयार किया है, जिसमें वैश्विक अर्थव्यवस्था में 10 खरब डॉलर के प्रोत्साहन पैकेज की बात कही गई है। इसे लागू होने में अभी 3 से 6 महीने लगेंगे, जिसके बाद बाजार में नकदी का प्रवाह हो जाएगा।
इसके साथ ही इससे वैश्विक इक्विटी बाजार को बल मिलेगा और उसके बाद सोने के बाजार पर भी नीचे आने का दबाव बनेगा। लेकिन अभी जो स्थिति है, उसमें वित्तीय बाजार में अनिश्चितता का माहौल है। अमेरिका में रोजगार के आंकड़ों में 25 साल की सबसे बड़ी गिरावट आई है, जिससे निवेशकों पर सोने में निवेश के लिए दबाव पड़ सकता है और वे महंगाई दर के विरुध्द हेजिंग कर सकते हैं।
इससे भी महत्वपूर्ण यह है कि दुनिया के सबसे बड़े सोने के कारोबार के एक्सचेंज ट्रेडेड फंड, एसपीडीआर गोल्ड ट्रस्ट ने कहा कि 2 अप्रैल को उसकी होल्डिंग में कोई बदलाव नहीं है और यह 1,127.44 टन के रिकॉर्ड पर है। इससे यह संकेत मिलता है कि सोने के उपभोक्ता अभी भी खरीदारी का माहौल बनाए हुए हैं।
पिछले सप्ताह लंदन में सोने की कीमतों में 2.48 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। इसकी प्रमुख वजह यह रही कि भारत में मांग खासी कम हो गई है, जो इस पीली धातु का सबसे बड़ा उपभोक्ता है। सोमवार को सोना 915.84 डॉलर प्रति औंस पर खुला और शुक्रवार को बिकवाली के दबाव में 893.15 डॉलर प्रति औंस पर गिरकर बंद हुआ।
मुंबई के हाजिर बाजार में भी, स्टैंडर्ड सोने की कीमतों में 3.54 प्रतिशत की गिरावट देखी गई और सप्ताहांत में यह 14,585 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ। एमसीएक्स में हाल के महीनों का सोने का वायदा सौदा 15,110 रुपये प्रति 10 ग्राम पर शुरुआत में खुला और 15.315 रुपये प्रति 10 ग्राम के उच्च स्तर पर पहुंचा लेकिन बाद में इसमें तेज गिरावट आई।
स्थिति यह हुई की सोना 14,506 रुपये प्रति 10 ग्राम के निचले स्तर पर आ गया और उसके बाद सप्ताह के अंत में 616 रुपये बड़े नुकसान के साथ14,476 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ। (BS Hindi)
06 अप्रैल 2009
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