मुंबई April 04, 2009
भारत में सोने की बिक्री में कमी को देखते हुए वैश्विक बिक्री प्रोत्साहन की संस्था वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (डब्ल्यूजीसी) ने पांच सालों के लिए एक रुपरेखा तैयार की है ताकि दुनिया में सबसे ज्यादा सोने की खरीदारी करने वाले देश में इसकी बिक्री को बढ़ाया जा सके।
डब्ल्यूजीसी ने 86 राष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्तर के त्योहारों के बारे में पता किया है, मसलन पश्चिम बंगाल में 'पोयला वैशाख', असम में 'बिहू' और केरल में 'ओणम' जैसे त्योहार। इसमें से केवल 9 त्योहार ऐसे रहे जिन्हें पिछले साल सोने की खरीदारी के त्योहार के रुप में मनाया गया।
डब्ल्यूजीसी की योजना हर साल 10 नए त्योहारों को जोड़ने की है, जब तक देश में हर हफ्ते में चार दिन सोना खरीदने के एक अवसर के रुप में मनाया जा सके। फिलहाल यह प्रस्ताव योजना के चरण में है। लेकिन अगर इसे स्वीकृति मिल जाती है तो भारतीय उपभोक्ताओं के पास सोना खरीदने का गर्व हासिल करने की कुछ वजह भी होगी।
सोना संपन्नता का प्रतीक माना जाता है और सभी भारतीय संपन्न होना चाहते हैं। डब्ल्यूजीसी के भारतीय उपमहादेश के प्रबंध निदेशक अजय मित्रा का कहना है, 'लोग अपनी संपन्नता को अपने दरवाजे पर की ख्वाहिश रखते हैं लेकिन हम चाहते हैं कि हर सुदूर इलाके तक किसी भी तरह से सोने की बिक्री में इजाफा किया जाए।'
इस योजना के तहत डब्ल्यूजीसी सोने की बिक्र ी के लिए हर तरह की योजना बना रही है। मसलन साड़ी विक्रेता की दुकान पर बहुत ज्यादा जगह होती है तो वहां के एक छोटे हिस्से पर सोने के गहनों के लिए छोटा हिस्सा दिया जा सकता है। इसमें होने वाले मुनाफे में हिस्सेदारी की प्रक्रिया अपनाई जाती है।
इसके अलावा सोने की बिक्री पोस्ट ऑफिस के जरिए भी करने की बात है जहां डाकिया ऑर्डर बुक कर सकता है और डिलिवरी को सुनिश्चित कर सकता है। मित्रा के मुताबिक हाल ही में नलिनी साड़ी शॉप ने चेन्नई की दुकान में स्थानीय गहना के खुदरा विक्रेताओं के लिए एक जगह देने की बात की है और उन्हें बेहतर रिस्पॉन्स भी मिल रहा है।
फिलहाल देश भर में साड़ी के 4,000 मशहूर दुकान मौजूद हैं जो ग्राहकों की सुविधा के लिए ज्वेलरी से जुड़ी चीजें रख सकते हैं। डब्ल्यूजीसी ने हाल ही में भारतीय डाकघरों के जरिए भी सोने के सिक्के की बिक्री का ऑफर दिया था जिसकी वजह से शहरी क्षेत्रों से अच्छी प्रतिक्रिया मिली। अब इसकी योजना सुदूर इलाके में मौजूद डाकघर की दूसरी शाखाओं तक अपनी सेवाओं को मुहैया कराने की है।
डब्ल्यूजीसी ने सुदूर इलाके में बैंकों को आधे और एक ग्राम के सोने के सिक्के और बिस्कु ट रखने का प्रस्ताव रखा है क्योंकि वहां के लोग छोटी बचत करके भी सोना खरीद सकते हैं। फिलहाल 750 टन की कुल सोने की मांग में से 550 टन ज्वेलरी की मांग होती है। लगभग 350,000 गहनों की दुकान इस कारोबार में जुड़ी है जिसमें से लगभग 10 फीसदी नई बिक्री का अनुमान है।
देश में 40 करोड़ जनसंख्या जो 16 साल से कम उम्र की है और यह खुद से सोने की खरीदारी नहीं कर सकती, इनको छोड़कर 80 करोड़ लोग सोना खरीदने की इच्छा रखते हैं। एक अनुमान के मुताबिक इन 40 करोड़ लोगों को छोड़कर बाकी लोग प्रतिदिन औसतन 2 डॉलर की कमाई करते हैं।
मित्रा का कहना है, 'हमारा लक्ष्य इस वर्ग तक पहुंचने का है, इसके लिए हम जागरुकता का कार्यक्रम बना रहे हैं क्योंकि उन्हें यह लगता है कि सोना के लिए बहुत ज्यादा पैसे की जरूरत होगी, इसीलिए यह उनके लिए असंभव है।'
सोने की औसत प्रति व्यक्ति उपभोग आधा ग्राम सालाना है। मित्रा का कहना है कि हम इसी क्षेत्र पर अपना जोर देना चाहते हैं। जब अगस्त 2008 में सोने की कीमतों में तेजी से बढ़ोतरी हुई तब निवेशकों ने परिसंपत्तियों और सोने को एक सुरक्षित निवेश के तौर पर तरजीह दी।
लेकिन भारतीय उपभोक्ता कीमतों को लेकर ज्यादा संवेदनशील है, इसी वजह से उन्होंने खुद को खरीदारी से दूर रखा। इसी वजह से मांग में गिरावट आई और वर्ष 2009 के पहले तीन महीने में बिल्कुल भी खरीदारी नहीं हुई। मित्रा का कहना है कि डब्ल्यूजीसी का प्रोमोशनल ऑफर सोने की कीमतों में अस्थिरता के बावजूद चलता ही रहता है।
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की योजना
डब्ल्यूजीसी ने 86 राष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्तर के त्योहारों के बारे में पता किया, जब सोने की खरीदारी होती है साड़ी बिक्रेता की दुकान में ज्यादा जगह है तो वहां खुलेंगे आउटलेटडाकिया बुक कर सकता है ऑर्डरसुदूर इलाके में बैंकों को आधे और एक ग्राम के सोने के सिक्के और बिस्कु ट रखने का प्रस्ताव (BS Hindi)
06 अप्रैल 2009
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